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फैक्ट चेक: लेखक और विचारक प्रो. कांचा इलैया को JNU का छात्र बताकर फोटो वायरल

वायरल तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने इन्हें जेएनयू के किसी छात्र का अभिभावक समझा था. जब पुलिस ने उन्हें अंदर हो रहे बवाल का हवाला देकर जाने से रोका तो उन्होंने बताया कि वे तो खुद छात्र हैं.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
दिल्ली पुलिस ने एक उम्रदराज व्यक्ति को किसी छात्र का अभिभावक समझ कर जेएनयू के अंदर प्रवेश करने से रोका लेकिन उस व्यक्ति ने बताया कि वह खुद का छात्र है.
सच्चाई
वायरल हो रही फोटो जाने माने लेखक और दलित अधिकार कार्यकर्ता प्रोफेसर कांचा इलैया की है. उनका जेएनयू से कोई लेना देना नहीं है.
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:22 AM IST

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हॉस्टल फीस बढ़ोत्तरी और अन्य मुद्दों को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन ​के बीच एक उम्रदराज व्यक्ति की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

वायरल तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने इन्हें जेएनयू के किसी छात्र का अभिभावक समझा था. जब पुलिस ने इन्हें अंदर हो रहे 'बवाल' का हवाला देकर जाने से रोका तो उन्होंने बताया कि वे तो खुद छात्र हैं.

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फेसबुक यूजर 'Rakesh Krishnan Simha' ने यह फोटो पोस्ट करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन लिखा है जिसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा कि 'दिल्ली पुलिस इस आदमी को जेएनयू में प्रवेश करने से यह कहते हुए रोका: 'कैंपस के अंदर दंगा हो रहा है. कुछ दिनों तक अभिभावक और मां बाप के अंदर जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.' इस पर आदमी ने जवाब दिया: 'लेकिन मैं तो जेएनयू का छात्र हूं.'

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर में जो व्यक्ति दिख रहा है उसका जेएनयू से कोई लेना देना नहीं है. वे तेलंगाना के लेखक और विचारक प्रोफेसर कांचा इलैया हैं.

स्टोरी लिखे जाने तक यह फोटो 750 से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी है. पोस्ट के कमेंट सेक्शन में कुछ लोगों ने इसे व्यंग्य समझकर कमेंट किया है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे सच समझ लिया है कि वे जेएनयू के छात्र हैं.

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AFWA ने पाया कि कुछ यूजर्स ने पोस्ट पर कमेंट किया है कि यह प्रोफेसर कांचा इलैया की तस्वीर है. इस आधार पर हमने फोटो की पड़ताल की और दावे की पुष्टि के लिए प्रोफेसर कांचा इलैया से संपर्क किया.

प्रोफेसर इलैया ने कहा कि यह फोटो उन्हीं की है और फोटो के साथ जो दावा किया जा रहा है वह बकवास है. उन्होंने कहा कि वे कभी जेएनयू के छात्र नहीं रहे और इस पोस्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे.

प्रोफेसर कांचा इलैया जाने माने लेखक, चिंतक और दलित अधिकार कार्यकर्ता हैं. अपने रिटायरमेंट से पहले प्रोफेसर कांचा इलैया हैदराबाद की मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) में सेंटर फॉर सोशल एक्सक्लूजन एंड इनक्लूसिव पॉलिसी के डायरेक्टर थे. उन्होंने बुद्धिज्म में पीएचडी  भी की है.

हाल ही में जबसे जेएनयू के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू किया है तबसे यहां के छात्रों और प्रदर्शन से जोड़कर इसी तरह की कई पोस्ट वायरल हुई हैं जिनका जेएनयू से कोई लेना देना नहीं है. प्रदर्शनकारियों की कई तस्वीरें फर्जी दावों के साथ वायरल हो चुकी हैं.

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