फ्रांस में बीते कुछ दिनों में कट्टरपंथी हिंसा में चार लोगों की मौत हो चुकी है. इन घटनाओं को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि ये फ्रांस पर इस्लामिक आतंकवादी हमला है. इसी के मद्देनज़र सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हो रहा है. वीडियो में सड़क पर एक आदमी बुर्का पहने एक महिला को पीछे से लात मारते हुए नजर आ रहा है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो फ्रांस का है. वीडियो के साथ कैप्शन में लोग लिख रहे हैं, "फ्रांस से रुझान आने शुरू".
वीडियो में बुर्का पहने एक महिला को कुछ बच्चों के साथ सड़क पर जाते हुए देखा जा सकता है. महिला के साथ एक छोटा बच्चा भी है जिसे वो प्रैम (बच्चों वाली गाड़ी) में ले जा रही है. अचानक पीछे से आ रहा एक आदमी महिला को लात मार कर गिरा देता है. वीडियो के आखिर में आदमी महिला को लगातार लात मारता हुआ दिखता है जिससे महिला उठ नहीं पाती.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. ये वीडियो इसी साल जुलाई का है और रूस का है.
वीडियो को ट्विटर और फेसबुक पर भ्रामक दावे के साथ जमकर शेयर किया रहा है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
वीडियो के एक की-फ्रेम को इन-विड टूल मदद से खोजने पर हमें इससे जुड़ी रूस की कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. जुलाई 2020 में प्रकाशित इन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना पश्चिमी रूस के एक शहर Nizhnekamsk के एक पार्क में हुई थी. खबरों में बताया गया है कि आदमी ने वीडियो में दिख रही महिला सहित कुछ अन्य महिलाओं पर भी पार्क में हमला किया था. कुछ खबरों में इस आदमी के मानसिक बीमार होने की बात कही गई थी. घटना के बाद आदमी को हिरासत में ले लिया गया था. ये आदमी पहले भी कुछ महिलाओं पर हमला कर चुका था.
यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वीडियो फ्रांस नहीं बल्कि रूस का है और लगभग चार महीने पुराना है. वीडियो का फ्रांस में चल रहे बवाल से कोई लेना-देना नहीं है. फ्रांस को लेकर इस समय सोशल मीडिया पर कई भ्रामक पोस्ट वायरल हो रही हैं. इंडिया टुडे ने इन दावों का खंडन करते हुए खबर भी छापी है, जिन्हें यहां पढ़ा जा सकता है.