हिमालय पर्वत पर स्थित केदारनाथ धाम में सर्दियां आने से पहले मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं और तीर्थ यात्रा थम जाती है. इस साल 27 अक्टूबर को कपाट बंद हो चुके हैं. और अब सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. जिसके साथ कहा जा रहा है कि ये एक ऐसे साधु तस्वीर है जो कपाट बंद होने के बाद माइनस10 डिग्री तापमान में भी केदारनाथ मंदिर के पास तपस्या कर रहे हैं.
इस तस्वीर में एक साधु तपस्या की मुद्रा में बैठे हैं और उनके शरीर के ऊपर कोई पदार्थ लिपटा हुआ है जो बर्फ जैसा दिख रहा है.
एक फेसबुक यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, “माइनस 10 डिग्री सेंटीग्रेट में, केदारनाथ यात्रा बंद होने के बावजूद भी केदार नाथ धाम के दरबार में तपस्या करते एक साधू महाराज. सत्य सनातन धर्म की जय.”
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि ध्यानमग्न मुद्रा में बैठे साधु की ये तस्वीर केदारनाथ धाम की नहीं बल्कि हरियाणा के सोनीपत जिले की है. इसे एडिट करके ऐसा दिखाया गया है जैसे उनके शरीर पर बर्फ जम गई हो जबकि उनके शरीर पर गीली राख लगी हुई है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
रिवर्स सर्च के जरिए वायरल तस्वीर हमें फेसबुक पर मिली. एक फेसबुक यूजर ने इसे 18 जून, 2019 को शेयर करते हुए लिखा था कि ये पंचनाम दशनाम जूना अखाड़ा के बाबा भले गिरी जी महाराज की तस्वीर है.
इस तस्वीर में साधु के शरीर पर बर्फ नहीं बल्कि राख-नुमा पदार्थ लिपटा हुआ है. जिसे वायरल तस्वीर में एडिट कर दिया गया है.
इसी फेसबुक प्रोफाइल पर हमें जून, 2019 में अपलोड हुईं इन्हीं साधु की कुछ और तस्वीरें भी मिलीं जिनमें वो जलते हुए गोबर के उपलों के बीच ध्यान लगा कर बैठे हैं. इन तस्वीरों को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.
खोजने पर हमें ‘Fan Of Renuka Panwar’ नाम के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला. एक अगस्त, 2019 को अपलोड किए गए इस वीडियो में ये साधु उपलों की ढेरियों के बीच बैठ जाते हैं और उनके कुछ लोग पानी से भीगी और सूखी हुई उपलों की राख को उनके शरीर पर लगाते हैं. हमें यूट्यूब पर कुछ और वीडियो भी मिले जिनसे पता चला कि ये बाबा हरियाणा के सोनीपत जिले में बहलोलपुर में पराशर ऋषि के तीर्थ स्थल में महंत हैं.
‘आजतक’ के सोनीपत के संवाददाता पवन कुमार ने इस बात की पुष्टि की कि भले गिरी जी महाराज सोनीपत के ही एक आश्रम के महंत है और हर साल गर्मियों के मौसम में इस तरह की तपस्या करते हैं.
साफ है, सोनीपत के एक साधु की तस्वीर को एडिट करके उसे हिमालय की बर्फबारी में तपस्या करता साधु बताकर वायरल किया जा रहा है.