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फैक्ट चेक: इजरायल को बदनाम करने के लिए चोट के निशान नहीं बना रहे ये फिलिस्तीनी, फिल्म शूटिंग का है ये वीडियो

आजतक फैक्ट चेक ने अपनी जांच में पाया कि ये फिलिस्तीन में 2017 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान बनाया गया वीडियो है. इसका इजरायल-फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है. 

आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे इजरायल को बदनाम करने के लिए फिलिस्तीन में लोग मेकअप करके खुद पर चोट के निशान बना रहे हैं
सच्चाई
ये वीडियो साल 2017 में जंग के दौरान घायल हुए लोगों का इलाज करने की ट्रेनिंग पर बनी एक फिल्म का है.
संजना सक्सेना
  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST

क्या जंग के बीच इजरायल को बदनाम करने के लिए फिलिस्तीन में लोग मेकअप करके खुद पर चोट के निशान बना रहे हैं? सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिये कुछ ऐसा ही कहा जा रहा है. इसमें लोगों का कुछ इस तरह से मेकअप किया जा रहा है, जिससे वो चोटिल दिखें. वीडियो में एक युवक सहित हिजाब पहने कुछ महिलाओं को लोगों के चेहरे और कपड़ों पर लाल रंग के निशान बनाते देखा जा सकता है. जिस तरल पदार्थ से निशान बनाए जा रहे हैं वो खून के रंग जैसा लाल है. मेकअप कराने के बाद लोग कैमरे में देखकर हंस रहे हैं.

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फेसबुक पर ये वीडियो शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “पेलू स्तिन का एक और घिनौना रूप देखिए, ऐसा artificial makeup करके अपने आप को विक्टिम दिखाने की कोशिश दीन वाले तो कर ही सकते है. अपने आप को सारी दुनिया के सामने बेचारा और इजरायल की मार का शिकार दिखाने के लिए देखो गाहे बगाहे ये कैसी नीचता करते है ,देखो जिससे दुनिया भर के मुस्लिम.” ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. 

आजतक फैक्ट चेक ने अपनी जांच में पाया कि ये फिलिस्तीन में 2017 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान बनाया गया वीडियो है. इसका इजरायल-फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है. 

कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इस वीडियो से जुड़ी एक खबर मिली. साल 2018 में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक, ये वीडियो गाजा में हुई एक आर्ट वर्कशॉप का है, जो ‘Abd al-Baset al-Loulou’ नाम के व्यक्ति ने कराई थी. किसी जंग के दौरान घायल हुए लोगों को जिस तरह की चोटें आती हैं, इस वर्कशॉप में मेकअप से लोगों पर उसी तरह के निशान बनाए गए थे. इसके बाद, एक डॉक्टर ने वहां मौजूद मेडिकल वर्कर्स को चोटिल लोगों का इलाज करने की ट्रेनिंग दी थी. 

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थोड़ा और खोजने पर हमें इस वर्कशॉप का एक अन्य वीडियो मिला. यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, इस वीडियो में फिलिस्तीनी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली एक मेकअप आर्टिस्ट मरियम सलाह मौजूद थीं. मरियम फिल्मों में चोटिल दिखाए जाने वाले एक्टर्स का मेकअप करती हैं. इसमें हिजाब पहनी मरियम को अन्य मेकअप आर्टिस्टस के साथ लोगों का मेकअप करते देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में भी मौजूद थे. इस वीडियो में बताया गया है कि मरियम ‘डॉक्टर्स ऑफ द वर्ल्ड’ नाम की एक चैरिटी ऑर्गनाइजेशन के लिए काम करती हैं.

‘डॉक्टर्स ऑफ द वर्ल्ड’ फ्रांस की एक चैरिटी ऑर्गेनाइजेशन है, जो दुनिया भर में आपातकाल की स्थिति में लोगों तक इलाज पहुंचाने का काम करती है. ये वीडियो उन्होंने गाजा में रहने वाले लोगों के हालात को देखते हुए जागरूकता फैलाने के मकसद से बनाया था. 

इसके बाद हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन एक फिलिस्तीनी मीडिया आउटलेट ‘गाजा पोस्ट’ के यूट्यूब चैनल पर मिला. यहां भी अरबी भाषा में लिखा हुआ है कि इस वीडियो में सिनेमा के जरिये गाजा की स्थिति को दुनिया के सामने पेश किया जा रहा है. 

जर्मनी की न्यूज वेबसाइट ‘करेकटिव’ ( ) में मरियम के हवाले से बताया गया है कि ये वर्कशॉप गाजा में फरवरी 2017 में हुई थी. ‘डॉक्टर्स ऑफ द वर्ल्ड’ ने इसका आयोजन किया था. इसके अलावा, ‘माइमास’ नाम की एक मीडिया कंपनी ने इस पूरी वर्कशॉप को शूट किया था. मरियम और इस मीडिया कंपनी के बीच इस वर्कशॉप को लेकर जो कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ था, उसकी तस्वीर भी इस रिपोर्ट में शामिल है. इसमें अरबी में लिखा हुआ है कि मरियम को एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म के लिए मेकअप आर्टिस्ट के तौर पर रखा गया है. 

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