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फैक्ट चेक: जिसे नेहरू की इफ्तार पार्टी कहा जा रहा है वो सरदार पटेल के रात्रिभोज की तस्वीर है

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल तस्वीर इफ्तार पार्टी की नहीं है. ये तस्वीर जून, 1948 की है जब चक्रवर्ती राजगोपालचारी देश के पहले गवर्नर जनरल बने थे.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये तस्वीर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी की है.
सच्चाई
ये तस्वीर सी राजगोपालचारी के सम्मान में सरदार पटेल द्वारा आयोजित रात्रिभोज की है.
सुमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 9:54 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन अप्रैल को पटना के फुलवारी शरीफ में एक इफ्तार पार्टी में शामिल हुए. रामनवमी के मौके पर देश के कई हिस्सों समेत बिहार से भी आई सांप्रदायिक हिंसा की खबरों के बीच नीतीश के इफ्तार पार्टी में जाने को लेकर बीजेपी ने उन पर निशाना साधा है. 

इसी बीच इफ्तार पार्टी से जोड़कर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनकी कैबिनेट के सहयोगियों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसे शेयर करते हुए कुछ लोग ऐसा कह रहे है कि ये आजाद भारत की पहली सरकारी इफ्तार पार्टी की तस्वीर है. ये दावा कर रहे लोगों का कहना है कि नेहरू ने अपने सहयोगी अबुल कलाम आजाद को इफ्तार पार्टी दी थी. लेकिन उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल इसमें शामिल नहीं हुए क्योंकि वो इफ्तार पार्टी के पक्ष में नहीं थे. 

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ये तस्वीर एक भोज की है जिसमें नेहरू के अलावा देश की पहली कैबिनेट के कानून मंत्री डॉ. बीआर अंबेडकर, शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद और कृषि मंत्री डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जैसे लोग नजर रहे हैं. 

एक फेसबुक यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, “स्वतंत्र भारत का पहला तुष्टीकरण. 1947 में जवाहर लाल नेहरू ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम को इफ्तार पार्टी दी थी. तस्वीर में डॉक्टर अंबेडकर और राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद भी नजर आ रहे हैं दूसरे कई मंत्री हैं जिसमें वीके कृष्ण मैनन भी है. लेकिन इस तस्वीर में आपको सरदार वल्लभ भाई पटेल नजर नहीं आएंगे क्योंकि उन्होंने यह कह कर इस सरकारी इफ्तार पार्टी का विरोध किया था कि जब कुछ ही महीने पहले हमने होली और दिवाली पर कोई हिंदुओं को पार्टी नहीं दी तो फिर यह गलत परंपरा शुरू करना देश के लिए खतरनाक है.” 

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इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल तस्वीर इफ्तार पार्टी की नहीं है. ये तस्वीर जून, 1948 की है जब चक्रवर्ती राजगोपालचारी देश के पहले गवर्नर जनरल बने थे. इस मौके पर सरदार वल्लभ भाई पटेल ने उनके सम्मान में एक रात्रिभोज आयोजित किया था और वो खुद उसमें शामिल हुए थे. 

कैसे पता लगाई सच्चाई? 

वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें फोटोग्राफी की स्टॉक वेबसाइट ‘alamy.com’ पर मिली. यहां इसके साथ मराठी भाषा में दी गई जानकारी के मुताबिक ये तस्वीर जून 1948 की है. ये भी लिखा है कि सी राजगोपालचारी के भारत का पहला गर्वनर जनरल नियुक्त होने पर सरदार वल्लभ भाई पटेल ने पीएम नेहरू के अलावा बीआर अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद और अपने अन्य कैबिनेट सहयोगियों को रात्रिभोज में बुलाया था. 

देश की सबसे पुरानी महिला फोटोग्राफर्स में से एक होमी व्यारावाला की खींची गई दुर्लभ तस्वीरों को छापने वाली वेबसाइट पर हमें इस मौके की एक और तस्वीर मिली. 

इस तस्वीर के साथ दी गई जानकारी ‘alamy.com’ पर मिली तस्वीर के साथ दी गई जानकारी से मेल खाती है.  

दूसरे एंगल से खींची गई इस तस्वीर में सरदार पटेल भी साफ दिखाई दे रहे हैं जबकि वायरल तस्वीर में उनके चेहरे का एक हिस्सा ही दिख रहा है. 

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सी राजगोपालचारी जून, 1948 में भारत के गवर्नर जनरल बने थे. यहां तक इतना तो साफ है कि ये तस्वीर जून, 1948 में सी राजगोपालचारी के सम्मान में दिए गए रात्रिभोज की है. 

इस्लाम धर्म में ईद-उल-फितर से पहले एक महीने तक रमजान के पवित्र महीने में सूरज डूबने तक रोजा रखने की पंरपरा है. इस दौरान शाम को इफ्तार पार्टियां आयोजित की जाती हैं. 

साल 1948 में ईद का त्योहार सात अगस्त को मनाया गया था. वेबसाइट के मुताबिक 1948 में रमजान का महीना आठ जुलाई से शुरू हुआ था. लेकिन चूंकि ये तस्वीर जून 1948 की है, लिहाजा ये कहा जा सकता है कि ये तस्वीर इफ्तार पार्टी की नहीं हो सकती.  

हमें ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट मिली जिसके मुताबिक जवाहर लाल नेहरू अक्सर इफ्तार पार्टियां आयोजित किया करते थे. इस चलन को उनके बाद पीएम बने लाल बहादुर शास्त्री ने बंद करा दिया था.

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