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फैक्ट चेक: हरियाणा के कुरुक्षेत्र की गीता उपदेश स्थली में मुसलमानों का ‘लैंड जिहाद’? झूठा है ये दावा 

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि गीता उपदेश स्थली में मुसलमानों के साजिशन मजार बनाने की बात सरासर झूठ है. वीडियो में दिख रहा ढांचा कोई इस्लामिक मजार नहीं बल्कि एक हिंदू परिवार के पितरों की याद में कई साल पहले बनाया गया स्ट्रक्चर है. पारंपरिक भाषा में इसे भोरखा कहते हैं.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि कुरुक्षेत्र, हरियाणा की गीता उपदेश स्थली में कब्जा करने के उद्देश्य से मुसलमानों ने मजार बना ली है.
सच्चाई
कुरुक्षेत्र, हरियाणा की गीता उपदेश स्थली में मजार बनाए जाने की बात सरासर झूठ है. इसे उपदेश स्थली के पास ज्योतिसर गांव में रहने वाले ब्राह्मण विनोद शर्मा के परिवार ने अपने पूर्वजों की याद में कई साल पहले बनवाया था.
ज्योति द्विवेदी
  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2022,
  • अपडेटेड 11:40 PM IST

कुरुक्षेत्र, हरियाणा के ज्योतिसर इलाके में स्थित ‘गीता उपदेश स्थली’का एक सनसनीखेज वीडियो पिछले कुछ दिनों से काफी वायरल है. इस वीडियो में एक युवक चेतावनी देते हुए कह रहा है कि मुसलमानों ने यहां कब्जा करने के मकसद से एक मजार बना ली है.

दरअसल, ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इसी जगह अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था.

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पर अब, वायरल वीडियो में एक युवक यहां पर बना एक ईंट का स्ट्रक्चर दिखाते हुए आरोप लगा रहा है कि ये एक मजार है जिसे एक साजिश के तहत जानबूझकर हिंदुओं के पवित्र स्थल में बनाया गया है.

युवक गीता उपदेश स्थली में ये कहते हुए दाखिल होता है कि वो यहां बनी एक मजार को लाइव दिखाने जा रहा है. युवक के साथ कोई दूसरा शख्स भी है, जो वीडियो बना रहा है. अंदर आकर वो एक सफेद रंग के स्ट्रक्चर के पास रुक जाता है. इस पर नीले रंग की चादर चढ़ी हुई दिखाई दे रही है, जिस पर ‘786’ और ‘जय पीर बाबे दी’ लिखा है. साथ ही, ‘चांद-तारे’ भी बने हैं.

वीडियो में कमेंट्री कर रहा युवक कहता है, 'देखो, यहां मुसलमानों ने कब्जा करना शुरू कर दिया है. अगर सच्चे हिंदू हो तो वीडियो को शेयर कीजिएगा. आज मैं आपको लेकर के आया हूं कुरुक्षेत्र जहां पर गीता का उपदेश दिया था.

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ये जीने नहीं देंगे तुमको. ये देखिये, भव्य मंदिर यहां पर बनना है और मजार बनना स्टार्ट हो गई है. कोई ने अभी तक आवाज नहीं उठाई है, आपको ही आवाज उठानी पड़ेगी.

मैं आपसे निवेदन करूंगा कि जो यहां के संगठन हैं वो इस पर कार्रवाई करें. और ये मजार दो दिन के अंदर टूटनी चाहिए. ये देख लीजिये, क्या लिखा है भैया? ये 786 लिखा हुआ है. और चांद लिखा है. जय पीर बाबा दी. ये लोग ऐसे ही स्टार्ट करते हैं. काशी में क्या हुआ था, मथुरा में क्या हुआ था, आप सभी को याद है? ये सारी मंदिर की जगह है. पर सब चुप बैठे हुए हैं. किसी ने सोशल मीडिया पर नहीं डाली, किसी ने पत्रिका में नहीं निकाली. ये देखिये, प्रसाद भी चढ़ने लगा है.'

 

‘सुदर्शन न्यूज’ चैनल ने इस वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, “कुरुक्षेत्र में लैंड जिहाद? जहां भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिया गीता का उपदेश, वहां बना दी मजार.. !!” 

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि गीता उपदेश स्थली में मुसलमानों के साजिशन मजार बनाने की बात सरासर झूठ है. वीडियो में दिख रहा ढांचा कोई इस्लामिक मजार नहीं बल्कि एक हिंदू परिवार के पितरों की याद में कई साल पहले बनाया गया स्ट्रक्चर है. पारंपरिक भाषा में इसे भोरखा कहते हैं.

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विनोद शर्मा नाम के जिस शख्स के पूर्वजों ने ये ढांचा बनाया था, उन्होंने खुद ‘आजतक’से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है. साथ ही, कुरुक्षेत्र की पुलिस और वहां के प्रशासनिक अधिकारियों ने भी गीता उपदेश स्थली में मजार बनाए जाने की बात को अफवाह बताया है. 

फेसबुक से लेकर ट्विटर, यूट्यूब और वॉट्सऐप तक हर जगह ये वीडियो वायरल है. अगर आप इस पर आ रहे कमेंट्स पर ध्यान दें, तो पाएंगे कि इसे देखकर लोग मुसलमानों के लिए नफरत भरे कमेंट्स लिख रहे हैं और जल्द से जल्द इसे तोड़ने की बात कह रहे हैं.

 

 

कैसे पता लगाई सच्चाई? 

गूगल मैप पर मौजूद गीता उपदेश स्थली, ज्योतिसर, कुरुक्षेत्र की तस्वीरों से वायरल वीडियो का मिलान करने पर यह बात पक्की हो गई कि ये वीडियो यहीं का है.

 

अधिकारी बोले, उपदेश स्थली में मजार वाली बात मनगढ़ंत है

इस वीडियो के बारे में जानकारी पाने के लिए हमने सबसे पहले कुरुक्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर मुकुल कुमार से संपर्क किया. उन्होंने ‘आजतक’ को बताया कि गीता उपदेश स्थली में मजार बनाए जाने की बात बिल्कुल बेबुनियाद है. साथ ही, उन्होंने ये भी कहा कि ये कम से कम 30 साल पुराना ढांचा है जिसे ज्योतिसर में रहने वाले एक हिंदू परिवार के पूर्वजों ने बनवाया था.

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पुलिस का बयान

हमने ये वीडियो कुरुक्षेत्र के डीएसपी सुभाष चंद्र को भेजा. उनका कहना था कि इस ढांचे से मुसलमानों या इस्लाम का कुछ लेना-देना नहीं है. वो कहते हैं, “ये सारा भ्रम इसलिए फैला क्योंकि किसी शरारती तत्व ने गीता उपदेश स्थली परिसर में बने इस ढांचे पर ‘786’ और ‘जय पीर बाबे दी’ लिखी चादर डाल कर दी और फिर इसका वीडियो वायरल हो गया.

जांच में ये पता लगा है कि ये स्ट्रक्चर पास के गांव में रहने वाले ब्राह्मण परिवार ने अपने पितरों की याद में बनवाया था. मामले की जांच चल रही है.” 

तो किसने फैलाई ये अफवाह?

इस घटना से जुड़ी खबरें पढ़ते वक्त हमें 10 मई को छपी ‘दैनिक जागरण’ की एक रिपोर्ट मिली. इसे पढ़कर हमें पता लगा कि इसे लिखने वाले रिपोर्टर ने वहां के एक स्थानीय व्यक्ति डॉ. नरेश भारद्वाज से बात की थी. हमने भी वीडियो के बारे में जानकारी पाने के लिए उनसे संपर्क किया.

डॉ. नरेश ने भी मजार वाली बात को झूठ बताया और ‘आजतक को एक युवक का वीडियो भेजा जिसका चेहरा हूबहू वायरल वीडियो वाले युवक से मिल रहा है. उन्होंने कहा कि ये वही युवक हो सकता है जो उपदेश स्थली में मजार वाली बात कह रहा है. इस वीडियो को रिवर्स सर्च करने से हम भी इसी निष्कर्ष पर पहुंचे कि इस बात की काफी संभावना है कि ये वही युवक है जो वायरल वीडियो में दिख रहा है, हालांकि हम इसका दावा नहीं करते. 

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इस वीडियो को रिवर्स सर्च करने से हमें पता चला कि इसका नाम नारायण शर्मा है. नारायण ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल में बताया है कि वो मथुरा में रहते हैं और वृंदावन धाम में काम करते हैं.

 

 

ये वीडियो 7 मई को ‘भक्ति रस’ नाम के एक पेज पर पोस्ट किया गया था जिसकी यूजर आईडी है ‘@sharmanarayan123’. हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते, पर ऐसा हो सकता है कि सबसे पहले ये वीडियो इसी पेज पर पोस्ट किया गया हो.

नारायण ने 22 अप्रैल को ‘@bhakti_marg_123’ नाम के इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट डाली थी जिसमें उसने ठीक वैसा ही कुर्ता पहन रखा है जैसा वायरल वीडियो वाले शख्स ने पहना था.

साथ ही, दोनों में और भी कई समानताएं हैं. चेहरे में दाहिनी तरफ का तिल, बाएं हाथ की काली घड़ी- ये दोनों में ही एक जैसी हैं.

 

इस मामले को लेकर अपनी जानकारी और पुख्ता करने के लिए हमने उपदेश स्थली परिसर में ये ढांचा बनाने वाले परिवार के एक सदस्य विनोद शर्मा से संपर्क किया. विनोद उपदेश स्थली के पास ही ज्योतिसर गांव में रहते हैं और कुरुक्षेत्र के एसडीएम ऑफिस में नौकरी करते हैं.

उन्होंने हमें बताया कि वो ब्राह्मण हैं और ये स्ट्रक्चर उनके परिवार के लोगों ने अपने पितरों की याद में कई साल पहले बनवाया था. वो कहते हैं, “इस अफवाह के फैलने की वजह से मेरा परिवार बहुत आहत हुआ है. जब ये विवाद बढ़ा तो हम इस भोरखे को गीता उपदेश स्थली से ले आए और अपने खेत में लगा दिया.” 

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भोरखों का रिवाज

हरियाणा में प्रचलित भोरखे के रिवाज के बारे में जानने के लिए हमने ‘ब्राहमण एवं तीर्थोद्धार सभा’के मुख्य सलाहकार जय नारायण शर्मा से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि इस रिवाज का पालन हरियाणा के हिंदू परिवार पिछले कई सालों से कर रहे हैं.

बकौल जय नारायण, “जिन लोगों की मृत्यु शादी से पहले ही हो जाती थी, उनकी याद में भोरखे बनाने का रिवाज था. इन्हें अमूमन ईंटों की मदद से घर से बाहर बगीचे या खेत में बनाया जाता था. दिवाली के दिन इनकी पूजा करने का विधान है. कुरुक्षेत्र के सन्निहित सरोवर के पास भी सैकड़ों की तादाद में भोरखे बने हुए हैं.

पड़ताल से ये बात साबित हो जाती है कि हरियाणा की गीता उपदेश स्थली में साजिशन मजार बनाए जाने की बात में कोई सच्चाई नहीं है.

(यश मित्तल के इनपुट के साथ)

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