नूंह में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं और वहां हुई सांप्रदायिक हिंसा की आग अब फरीदाबाद तक फैल चुकी है. सोशल मीडिया पर इस हिंसा से जुड़े कई वीडियो और फोटो शेयर किये जा रहे हैं. ऐसे ही एक वीडियो में कुछ लोग बीच सड़क पर एक शख्स को बुरी तरह पीट रहे हैं और उसे पत्थर से कुचल रहे हैं. कुछ लोगों की मानें तो ये खौफनाक मंजर मेवात का है.
वीडियो ट्वीट करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “मेवात पर नहीं जागे तो एक दिन तुम्हारा भी अंत ऐसा ही होने वाला है.” ऐसे ही कुछ पोस्ट्स का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है.
'आजतक' फैक्ट चेक ने पाया कि इस घटना का मेवात तो क्या भारत से ही कोई लेना-देना नहीं है. ये बांग्लादेश में साल 2017 में हुई घटना का एक पुराना वीडियो है.
वीडियो के बारे में खोजबीन करने पर हमें पता चला कि 2019 में भी इसे सोशल मीडिया पर भारत में हुई एक घटना बताते हुए शेयर किया गया था. उस वक्त भी हमने इस वीडियो की पूरी सच्चाई बताई थी.
दरअसल, अप्रैल 2017 में राना मोहम्मद रसेल नाम के एक शख्स ने ये वीडियो शेयर कर बंगाली में इस घटना के बारे में पूरी जानकारी दी थी. इस वीडियो के साथ रसेल ने लिखा था कि मोनीर के हत्यारे मारे गए.
यहां दी गई जानकारी के मुताबिक वीडियो में दिख रहे शख्स अबू सैयद और मोहम्मद अली हैं. कोमिला में हुई हत्या के बाद भीड़ ने इनके साथ मारपीट की थी. कोमिला बांग्लादेश के चितगोंग इलाके में स्थित एक शहर है.
इसकी मदद से हमें इस घटना को लेकर ‘ढाका टाइम्स 24’ की एक खबर मिली. दरअसल, ये घटना 1 अप्रैल 2017 को कोमिला के दौड़कंडी इलाके में हुई थी. यहां गौरीपुर बाजार के गोमती ब्रिज के पास कुछ लोगों ने अबू सैयद नाम के एक व्यक्ति को बुरी तरह पीटा था. इस दौरान मोहम्मद अली नाम का एक व्यक्ति भी घायल हुआ था, और अबू की मौत हो गई थी.
दरअसल, नवंबर 2016 में बांग्लादेश की अवामी लीग के नेता मोनीर हुसैन सरकार की हत्या हो गई थी. इसके बाद 1 अप्रैल 2017 को एक गांव के लोगों ने उनके हत्यारों की पिटाई की थी. ये वीडियो उसी पिटाई का है जिसे तब वहां के एक निवासी ने शेयर किया था.
साफ है, बांग्लादेश में करीब छह साल पहले हुई घटना के वीडियो को नूंह से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.