Advertisement

फैक्ट चेक : दुर्लभ बीमारी वाले नवजात का वीडियो बेसिर-पैर की कहानी के साथ हो रहा है वायरल

दावा किया जा रहा है कि ये बच्चा इतना अजीब था कि इसे जहर के इंजेक्शन देकर मारने की कोशिश की गई लेकिन ये नहीं मरा और बाद में इसे गला काट कर दफना दिया गया.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो उत्तर प्रदेश के शामली का है जहां एक अजीबोगरीब बच्चे ने जन्म लिया. जहर के 50 इंजेक्शन लगाने के बाद भी ये बच्चा नहीं मरा तो इसका गला काटकर इसे दफनाया गया.
सच्चाई
इस बच्चे का जन्म मध्य प्रदेश के रतलाम में हुआ था और इसे जन्म से ही ‘हार्लेक्विन इक्थियोसिस’ नाम की एक बीमारी थी. इस वजह से इसकी मृत्यु जन्म के चार-पांच दिन बाद हो गई थी
फैक्ट चेक ब्यूरो
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 8:52 PM IST

सोशल माडिया पर अजीबोगरीब दिखने वाले एक बच्चे का वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दिख रहा बच्चा एक सफेद रंग की चादर पर लेटा हुआ है और उसके शरीर की सारी नसें साफ दिखाई दे रहीं हैं. उसकी आंखें, होंठ आदि भी सूजे हुए हैं.

दावा किया जा रहा है कि ये बच्चा इतना अजीब था कि इसे जहर के इंजेक्शन देकर मारने की कोशिश की गई लेकिन ये नहीं मरा और बाद में इसे गला काट कर दफना दिया गया.

Advertisement

इस वीडियो को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “शामली के पास गांव केडी में आज एक मुसलमान के घर पैदा हुआ अजीबोगरीब बच्चा! 50 जहर के इंजेक्शन लगाने के बाद भी नहीं मरा, फिर गला काटकर दफनाया गया.”

हमने अपनी जांच में पाया कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश के शामली का नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के रतलाम जिले का है . इस साल जून में जन्मे इस बच्चे को ‘हार्लेक्विन इक्थियोसिस’ नाम की एक बीमारी थी जिसकी वजह से इसकी मृत्यु जन्म के चार-पांच दिन बाद हो गई थी. इस वीडियो के साथ इस बच्चे को जहर के 50 इंजेक्शन देने और इसका गला काटकर दफनाने का दावा बेबुनियाद है.

कैसे पता लगाई सच्चाई ?

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ‘आजतक’ की 4 जून की एक खबर मिली. इस खबर के मुताबिक इस बच्चे का जन्म मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के एमसीएच अस्पताल में हुआ था.

Advertisement

हमें इससे जुड़ी  ‘जी न्यूज’ की भी रिपोर्ट्स मिलीं.

इस वीडियो के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए हमने एमसीएच रतलाम में आईसीयू के इंचार्ज डॉ. नावेद कुरैशी से बात की. उन्होने ‘आजतक’ को बताया, “इस बच्चे का जन्म इसी साल जून में हुआ था. इसकी मृत्यु जन्म के चार-पांच दिन बाद हो गई थी.  इसे ‘हार्लेक्विन इक्थियोसिस’ नाम की एक बीमारी थी जिसके कारण ये ऐसा दिख रहा था. इस बच्चे को जहर के 50 इंजेक्शन लगाने और इसका गला काटकर दफनाने वाली बातें गलत हैं.”

क्या है ये बीमारी?

'हार्लेक्विन इक्थियोसिस’ एक त्वचा संबंधी जेनेटिक डिसऑर्डर है जो आम तौर पर नवजात शिशुओं को होता है. ज्यादातर मामलों में ऐसे बच्चों के जन्म के कुछ दिनों बाद ही उनकी मृत्यु हो जाती है.

(रिपोर्ट : यश मित्तल)

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement