पाकिस्तान में इस साल बाढ़ की भयानक त्रासदी देखने को मिल रही है. देश का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है. बाढ़ से वहां अब तक तकरीबन 1100 लोग जान गंवा चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में रहने वाले हर सात में से एक व्यक्ति बाढ़ से प्रभावित है.
इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ लोग पाकिस्तान के प्रमुख अखबार ‘डॉन’ के हवाले से कह रहे हैं कि पाकिस्तान में आई इस बाढ़ की वजह वहां के लोगों का नमाज न पढ़ना है.
ऐसा कहते हुए लोग सबूत के तौर पर एक स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं जिसमें ऊपर बड़े-बड़े अक्षरों में ‘डॉन’ लिखा है. नीचे हेडलाइन लगी है, ‘पाकिस्तान में बाढ़ जलवायु परिवर्तन की वजह से नहीं, बल्कि इसलिए आ रही है क्योंकि लोग कुरान नहीं पढ़ते हैं’.
हेडलाइन के नीचे सलीम शाहिद, मंजूर अली और इफ्तिखार ए खान लिखा है, यानी कि ऐसा बताया गया है कि ये रिपोर्ट इन तीन पत्रकारों ने लिखी है. तारीख 27 अगस्त, 2022 बताई गई है. साथ ही, बाढ़ की त्रासदी को दिखाती कुछ तस्वीरें भी हैं.
एक फेसबुक यूजर ने इस स्क्रीनशॉट को पोस्ट करते हुए लिखा, “अबे 5 बार तो पढ़ते ही हो अब क्या 50 बार पढ़ोगे. ये पाकिस्तान का सबसे बड़ा अखबार है.”
इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि ये स्क्रीनशॉट फर्जी है. इसमें नमाज वाली हेडलाइन अलग से जोड़ी गई है. ‘डॉन’ की असली खबर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बाढ़ की त्रासदी के बारे में है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल स्क्रीनशॉट को रिवर्स सर्च करने पर हमें ‘डॉन’ की 27 अगस्त, 2022 की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में ठीक वही तस्वीरें देखी जा सकती हैं जो वायरल स्क्रीनशॉट में नजर आ रही हैं. साथ ही, इसमें भी सलीम शाहिद, मंजूर अली और इफ्तिखार ए खान के नाम लिखे हैं.
इस खबर की हेडलाइन हैं, ‘खैबर पख्तूनख्वा में बाढ़ के खतरे को देखते हुए बुलाई गई सेना’. साफ है, इसे मिटाकर नमाज पढ़ने वाली मनगढ़ंत बात लिखी गई और उस नकली स्क्रीनशॉट को वायरल कर दिया गया. ‘डॉन’ की पत्रकार सुमैरा जाजा ने ‘आजतक’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि इस तरह की कोई खबर ‘डॉन’ में नहीं छपी है.
अखबारों के नकली स्क्रीनशॉट बनाकर इससे पहले भी झूठी खबरें फैलाई जा चुकी हैं. ऐसी ही कुछ झूठी खबरों के फैक्ट चेक आप यहां और यहां पढ़ सकते हैं.