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फैक्ट चेक: SBI की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने नोटबंदी और मोदी सरकार के खिलाफ नहीं दिया है ये बयान

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि अरुंधति भट्टाचार्य ने मोदी सरकार के खिलाफ ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. SBI से रिटायर होने के बाद उन्होंने नोटबंदी को लेकर इतना जरूर कहा था कि बैंकों को इसकी तैयारी करने के लिए अधिक वक्त दिया जाना चाहिए था. 

आजतक फैक्ट चेक

दावा
SBI की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने मोदी सरकार की आलोचना की है.
सच्चाई
अरुंधति ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.
सुमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

साल 2016 में हुई नोटबंदी के बारे में 'स्टेट बैंक ऑफ इंडिया' यानी SBI की चेयरपर्सन रहीं अरुंधति भट्टाचार्य के एक कथित बयान का पोस्टकार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.  

इस पोस्टकार्ड के बैकग्राउंड में SBI का लोगो दिख रहा है. इसके साथ अरुंधति भट्टाचार्य की एक तस्वीर लगी है. साथ ही, लिखा है, “मोदी सरकार में बोलने की इजाजत नहीं. रिटायरमेंट के बाद बोलीं SBI की चेयरपर्सन अरुंधती भट्टाचार्य. नोटबंदी जानलेवा फैसला था.” इस पोस्टकार्ड को शेयर करते हुए कुछ लोग मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.  

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पूर्व क्रिकेटर और सांसद रहे कीर्ति आजाद ने ट्विटर पर इस पोस्टकार्ड को शेयर करते हए लिखा, “इसको गोदी मीडिया रिपोर्ट नहीं करेगा.” 

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. 

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि अरुंधति भट्टाचार्य ने मोदी सरकार के खिलाफ ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. SBI से रिटायर होने के बाद उन्होंने नोटबंदी को लेकर इतना जरूर कहा था कि बैंकों को इसकी तैयारी करने के लिए अधिक वक्त दिया जाना चाहिए था. 

कैसे पता लगाई सच्चाई? 

इस कथित बयान की हकीकत को जानने के लिए हमने अरुंधति भट्टाचार्य से संपर्क किया. उन्होंने इसे पूरी तरह बकवास करार दिया. उनका कहना है, “मैंने कभी ऐसा बयान नहीं दिया. मेरी तस्वीर को शरारतपूर्ण तरीके से इस झूठे बयान के साथ जोड़ दिया गया है.” 

पीएम नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को देश में एक हजार और पांच सौ के नोटों के बंद होने का ऐलान किया था. अरुंधति उस वक्त SBI की चेयरपर्सन थीं . अगर उन्होंने ऐसे संवेदनशील मसले पर ऐसा बयान दिया होता तो ये खबर यकीनन सुर्खियों में रही होती. लेकिन हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें उन्होंने ऐसी कोई बात कही हो जो अब उनका कथित बयान बताकर वायरल हो रही है. 

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साल 2017 की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक SBI से रिटायर होने के बाद उन्होंने नोटबंदी के फायदे गिनाते हुए इस मसले पर कहा था, “सरकार को नोटबंदी की तैयारी के लिए बैंकों को और अधिक वक्त देना चाहिए था”.   

‘ द इंडियन एक्सप्रेस’ की साल 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरुंधति ने नोटबंदी पर बोलते हुए कहा था, “नोटबंदी के वक्त हमें बस 36 घंटों का वक्त मिला. आठ नवंबर के अगले दिन छुट्टी थी. उसके अगले दिन हमारे काउंटर्स पर नए नोट होने चाहिए थे और मुझे उस वक्त नहीं पता था कि नए नोट कहां पर हैं. मुझे ये सुनिश्चित करना था कि हमारी सभी 22,000 शाखाओं पर नए नोट पहुंच जाएं. इसके अलावा SBI से जुड़े 10,000 पोस्टल आउटलेट्स और कॉपरेटिव बैंकों तक नए नोटों को पहुंचाना बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन हमने ऐसा कर दिखाया.” 

नोटबंदी को लेकर हमें अरुंधति भट्टाचार्य का ऐसा कोई बयान नहीं मिला जिसका जिक्र वायरल पोस्टकार्ड में है. 

अरुंधति SBI की चेयरपर्सन बनने वाली पहली महिला है. वो साल 2017 में SBI से रिटायर हुई थीं. इसके बाद वो साल 2018 में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हुईं. अरुंधति साल 2020 से क्लाउड आधारित सॉफ्टवेयर कंपनी ‘Salesforce India’ के साथ चेयरपर्सन और सीईओ के तौर पर जुड़ी हुई हैं. 
 

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