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फैक्ट चेक: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने नहीं दिया है प्रवासी मजदूरों को राज्य छोड़ने का अल्टीमेटम

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में रह रहे हिंदी-भाषी राज्यों के प्रवासियों को 20 मार्च तक राज्य छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है, नहीं तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा. यह दावा पूरी तरह सही नहीं है. हकीकत यह है कि लोगों को गुमराह करने के लिए एक सॉफ्टवेयर एडिटिंग टूल की मदद से डिजाइन और लिखी गई फर्जी खबर पर ‘दैनिक जागरण’ का लोगो चस्पा किया गया है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में रह रहे हिंदी-भाषी राज्यों के प्रवासियों को 20 मार्च तक राज्य छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है, नहीं तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा.
सच्चाई
लोगों को गुमराह करने के लिए एक सॉफ्टवेयर एडिटिंग टूल की मदद से डिजाइन और लिखी गई फर्जी खबर पर ‘दैनिक जागरण’ का लोगो चस्पा किया गया है.
फैक्ट चेक ब्यूरो
  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 9:53 PM IST

तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ कथित मारपीट के कुछ वीडियो वायरल होने के बाद राज्य की पुलिस ने अफवाह फैलाने के आरोप में चार मार्च, 2023 को तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. 

समाचार पत्र ‘दैनिक भास्कर’ के संपादक के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 153 (ए) और 505 (आई) (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा, बीजेपी के प्रवक्ता प्रशांत उमराव के खिलाफ धारा 153, 153(ए), 504, 505(1)(बी), 505(1)(सी) और 505(2) के तहत मामला दर्ज किया है और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए विशेष टीमें बनाई हैं.

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इसी बीच सोशल मीडिया पर ‘दैनिक जागरण’ अखबार  की एक कथित खबर का स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में रह रहे हिंदी-भाषी राज्यों के प्रवासियों को 20 मार्च तक राज्य छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है, नहीं तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा.  

इसी कथित खबर के स्क्रीनशॉट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान का भी जिक्र है. इसमें उन्होंने सभी प्रवासी मजदूरों से अपने-अपने राज्यों में लौटने की अपील की है और लौटने वाले मजदूरों को रोजगार देने का वादा भी किया है. 

इस कथित खबर में लिखा है, "स्टालिन का कहना है..तमिल में तमिल पर्सन ही वर्क करेगा.. हिन्दी वालों से वर्क को लेकर प्रॉब्लम है. यदि ये यहां से नहीं गए तो सबको जान से मर देंगे. हर कंपनी के हिन्दी वर्कर को जान से मार देंगे."  

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एक फेसबुक यूजर ने इस कथित खबर के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा, “ बहुत दुख की बात है.” 

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि इस कथित खबर का स्क्रीनशॉट ‘दैनिक जागरण’ अखबार का नहीं है और इसे डिजिटली एक एडिटिंग ऐप के जरिए बनाया गया है. न तो तमिलनाडु सीएम ने और न ही उत्तर प्रदेश के सीएम ने ऐसा कोई बयान दिया है. 

कैसे पता लगाई सच्चाई? 

इस वायरल स्क्रीनशॉट के बाईं और ऊपर ‘दैनिक जागरण’ का लोगो चस्पा है.  

खबर के बीचोंबीच ‘News Banner Maker’ का वॉटरमार्क लगा हुआ है. खोजने पर हमें पता चला कि ये एक एडिटिंग सॉफ्टवेयर है, जो प्लेस्टोर पर भी उपलब्ध है. इसकी मदद से किसी भी अखबार की क्लिपिंग या बैनर को डिजाइन किया जा सकता है.  

हमने पहले गूगल और फिर ‘दैनिक जागरण’ की वेबसाइट पर कीवर्ड सर्च के जरिए इस विषय पर प्रकाशित खबर को तलाशने की कोशिश की लेकिन हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली.  

‘दैनिक जागरण’ ने भी ऐसी किसी खबर को प्रकाशित करने की बात का खंडन किया है. इस अखबार ने अपने बयान में कहा, "दैनिक जागरण के लोगो का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. जागरण में ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं हुई है."  

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योगी ने मजदूरों से तमिलनाडु छोड़ने की नहीं की है अपील 

खोजने पर हमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान की ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें उन्होंने हिन्दी-भाषी प्रवासी मजदूरों से अपने-अपने राज्य लौटने की अपील की हो.  

‘दैनिक जागरण’ की वेबसाइट पर भी हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें योगी द्वारा सभी हिंदी भाषी मजदूरों से तमिलनाडु से वापस लौट आने की अपील किए जाने का जिक्र हो. 

तमिलनाडु के डीजीपी ने अफवाह से किया सतर्क

प्रवासी मजदूरों पर हमले के वायरल वीडियो और खबरों पर राज्य के पुलिस महानिदेशक ने तीन मार्च को एक वीडियो बयान जारी कर ऐसी किसी भी अफवाह पर यकीन न करने की बात कही है.  

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो तमिलनाडु के स्थानीय लोगों और प्रवासी मजदूरों के बीच झड़प के नहीं हैं और पुरानी घटनाओं की वीडियोज को गलत मंशा के साथ ऐसे पेश किया जा रहा है कि प्रवासी मजदूर यहां सुरक्षित नहीं हैं.  

साथ ही उन्होंने कहा कि गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.  

अफवाह फैलाने वाले लोग देशद्रोही: स्टालिन  

इस मसले पर स्टालिन ने चार मार्च को एक बयान जारी कर कहा कि ऐसी अफवाह फैलाने वाले लोग देशद्रोही हैं.  

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प्रवासी मजदूरों पर हमले की फर्जी खबरों की निंदा करते हुए स्टालिन ने कहा, "जो लोग हमारे राज्य में शांति और सौहार्द बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, वही लोग राज्य और हमारी सरकार की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे." 

स्टालिन ने आश्वासन दिया कि प्रवासी मजदूर राज्य में सुरक्षित हैं और उनकी मदद के लिए पुलिस हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.  

स्टालिन ने जानकारी दी कि इस तरह की  खबरों की शुरुआत बिहार के एक पत्रकार द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किये जाने के बाद हुई. उन्होंने बताया कि ये वीडियो दूसरे राज्य में दो लोगों के बीच हुई हाथापाई का है और इसे ऐसे पेश किया जा रहा है जैसे ये तमिलनाडु में हुआ हो.  

तमिलनाडु के श्रम कल्याण और कौशल विकास मंत्री सीवी गणेशन ने भी बयान जारी कर इन हमलों की खबरों को झूठा बताया है और कहा कि इनमें कोई सच्चाई नहीं है.  

इसी बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने  इस मसले पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों की एक  चार-सदस्यीय टीम को जांच के लिए तमिलनाडु भेजने का फैसला किया है. 

साफ है कि लोगों को गुमराह करने के लिए एक सॉफ्टवेयर एडिटिंग टूल की मदद से डिजाइन और लिखी गई फर्जी खबर पर ‘दैनिक जागरण’ का लोगो चस्पा किया गया है.  

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(रिपोर्ट: विकास भदौरिया, संजना सक्सेना और प्रमोद माधव के इनपुट के साथ

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