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फैक्ट चेक: पुलिस को खदेड़ती ये भीड़ राणा सांगा विवाद को लेकर विरोध प्रदर्शन नहीं कर रही थी, जानें वीडियो की असल कहानी  

सोशल मीडिया पर  एक वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है, जिसमें किसी ब्रिज पर भारी भीड़, पुलिसकर्मियों की टीम को खदेड़ती दिख रही है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि महाराणा सांगा के सम्मान में राजपूत समाज के लोग मैदान में उतर आए हैं. आजतक की टीम ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो का फैक्ट चेक किया है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे राणा सांगा के सम्मान में राजपूत सड़क पर उतर आए और पुलिस को खदेड़ दिया.
सच्चाई
वीडियो का राणा सांगा विवाद से कोई संबंध नहीं है. ये 2018  में महाराष्ट्र में हुए मराठा आंदोलन का वीडियो है. 
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली ,
  • 31 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST

हाल ही में यूपी से समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने संसद में मेवाड़ के राजपूत शासक राणा सांगा को गद्दार बोल दिया था. उनके इस बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया. इससे राजपूत समाज खासा नाराज है. आगरा में तो सुमन के आवास पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ की. बवाल इतना बढ़ गया था कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. और भी जगह सुमन के बयान को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं.  

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अब इसी बीच सोशल मीडिया पर  एक वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है, जिसमें किसी ब्रिज पर भारी भीड़, पुलिसकर्मियों की टीम को खदेड़ती दिख रही है. 

वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि महाराणा सांगा के सम्मान में राजपूत समाज के लोग मैदान में उतर आए हैं. वीडियो को इसी कैप्शन के साथ इंस्टाग्राम पर कई लोग शेयर कर चुके हैं.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का राणा सांगा विवाद से कोई संबंध नहीं है. ये 2018 का मराठा आंदोलन का वीडियो है.

कैसे पता की सच्चाई?

वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें महाराष्ट्र में द टाइम्स ऑफ इंडिया के एक पत्रकार मोहम्मद आकिफ का एक्स पोस्ट मिला. 25 जुलाई, 2018 के इस पोस्ट में वायरल वीडियो मौजूद है. वीडियो के साथ  लिखा है कि 24 जुलाई, 2018 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मराठा क्रांति मोर्चा के आंदोलनकारियों ने कायगाव टोका ब्रिज पर पुलिस को दौड़ाया.

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ये बात यहीं साफ हो गई कि वीडियो सालों पुराना है. इसका राणा सांगा विवाद से कोई संबंध नहीं हो सकता. उस समय महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन चरम पर था. राज्य में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. 

हमें 24 जुलाई, 2018 की खबरें भी मिली जिनमें बताया गया है कि कायगाव टोका ब्रिज पर आंदोलनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया था. "महाराष्ट्र टाइम्स" ने भी अपनी रिपोर्ट में वायरल वीडियो का इस्तेमाल किया था और बताया था कि प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया था. 

इसके अलावा, "टीवी 9 मराठी" की वीडियो रिपोर्ट में आंदोलनकारियों को वायरल वीडियो जैसे ही दिख रहे ब्रिज पर प्रदर्शन करते देखा जा सकता है.

मराठाओं का ये आंदोलन ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर था. इसे लेकर महाराष्ट्र में काफी हिंसा और आगजनी हुई थी. आंदोलन से जुड़े कई लोगों ने आत्महत्या भी की थी.

इस तरह हमारी पड़ताल में ये साफ हो जाता है कि लगभग सात साल पुराने वीडियो को राणा सांगा विवाद से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

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