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फैक्ट चेक: घरेलू हिंसा वाले इस वीडियो में नहीं है 'लव जिहाद' का कोई एंगल, जानें इसकी हकीकत

घरेलू हिंसा का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसे 'लव जिहाद' से जोड़ा जा रहा है. लेकिन असल में इसमें ऐसा कोई एंगल नहीं है. जानिए इसकी हकीकत क्या है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो 'लव जिहाद' का एक उदाहरण है जिसमें एक मुस्लिम युवक अपनी हिंदू पत्नी को पीट रहा है.
सच्चाई
इस वीडियो में दिख रही महिला और पुरुष दोनों ही मुस्लिम हैं.
ज्योति द्विवेदी
  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:35 PM IST

श्रद्धा वॉकर मर्डर केस के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग लगातार '#लवजिहाद' और '#मेरा_अब्दुल_ऐसा_नहीं_है' जैसे हैशटैग्स के साथ पोस्ट कर रहे हैं.

इन्हीं हैशटैग्स के साथ बच्चे के बर्थडे सेलीब्रेशन के दौरान एक महिला पर बेरहमी से हाथ उठाते पुरुष का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. कई लोगों का कहना है कि ये लव जिहाद का मामला है, यानी वीडियो में दिख रही महिला हिंदू और पुरुष मुस्लिम है. 

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वीडियो में एक मेज पर केक और गुब्बारे रखे हुए हैं. एक महिला बैठी है और उसके पास ही एक छोटा बच्चा और एक आदमी खड़ा है. आदमी अचानक किसी बात पर नाराज होकर महिला पर हाथ उठाता है. महिला उसे समझाने की कोशिश करती है लेकिन पुरुष और ज्यादा भड़क जाता है. वो महिला को थप्पड़ मारकर उसे बिस्तर पर गिरा देता है.

महिला किसी तरह उठती है. इसके बाद वहां खड़ा छोटा बच्चा भी उसे मारने लगता है.

वीडियो के साथ लिखा है, ''ये दुष्ट कैसा मनोरोगी है. मोहम्मद मुश्ताक जीके नाम का ये शख्स बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में काम करता है." 

एक ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "लव जिहाद के बाद में हिंदू लड़की का क्या होता है यह देखो".

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

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इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो में दिख रहा पुरुष और महिला दोनों ही मुस्लिम हैं. पुरुष का नाम मोहम्मद मुश्ताक जी के और महिला का नाम आयशा बानू है. ये दोनों पहले पति-पत्नी के तौर पर साथ रहते थे, पर पिछले कई सालों से अलग-अलग रह रहे हैं.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीवर्ड सर्च की मदद से हमें ये वीडियो 'इंडिया टुडे' की चार अक्टूबर, 2022 की एक रिपोर्ट में मिला. इसमें पीडि़त महिला का नाम आयशा बताया गया है.

इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो के साथ एक दूसरा वीडियो भी शेयर किया गया है जिसमें पीडि़ता अपनी आपबीती सुना रही है. इसमें वो बताती हैं कि वो काफी समय से अपने पति से अलग रह रही हैं.उनके पति ने अलग होने के एक साल के अंदर ही दूसरी शादी कर ली और नई पत्नी के साथ उसका एक बच्चा भी हो गया. उन्होंने अपने पति के खिलाफ तलाक का मुकदमा दायर किया हुआ है लेकिन वो उन्हें तलाक नहीं दे रहा है.

वो कहती हैं कि साल 2015 में वो मुश्ताक को छोड़कर वापस आ गई थीं. इसके बाद वो उसके पास वापस नहीं गईं.

इस बात को लेकर अफसोस भी जताती हैं कि पर्याप्त सबूतों के बावजूद अभी तक उनके पति के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ है. उल्टे, उसने आयशा और उसके परिवार पर कई झूठे मुकदमे कर दिए हैं.

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'officialhumansofbombay' नाम के एक वेरिफाइड इंस्टाग्राम चैनल पर एक नवंबर को आयशा बानो नाम की इस महिला के इंटरव्यू के तीन वीडियो पोस्ट किए गए थे. उनमें से दूसरे वीडियो में वायरल वीडियो का एक हिस्सा भी इस्तेमाल किया गया है. इन वीडियोज में आयशा बताती हैं कि उनकी शादी साल 2009 में मुश्ताक से हुई थी. वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और बेहद अमीर था. शादी के बाद मुश्ताक और उसके परिवार के लोग आयशा को दहेज के लिए परेशान करते रहते थे. कुछ समय बाद उसने मारपीट भी शुरू कर दी.

साल 2013 में इन दोनों के बेटे शहरान का जन्म हुआ. इसके बाद भी मुश्ताक का रवैया पहले जैसा ही रहा.

आगे वो ये भी बताती हैं कि वायरल वीडियो वाली घटना साल 2015 में हुई थी. एक होटल में दोनों पति-पत्नी अपने बेटे शहरान का जन्मदिन मना रहे थे. इस दौरान मुश्ताक फोटो खींचने के लिए कैमरा सेट कर रहा था. तभी आयशा ने केक पर लगी मोमबत्तियां जला दीं. इस बात से मुश्ताक का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उसने आयशा को पीटना शुरू कर दिया. उस वक्त कैमरा ऑन था और ये घटना कैमरे में कैद हो गई.

इस वीडियो का एक लंबा वर्जन सितंबर के अंत में काफी वायरल हुआ था. उस वक्त इसके बारे में कई मीडिया रिपोर्ट भी छपी थीं.

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उस वक्त वीडियो के सामने आने के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखा था और मुश्ताक के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.

इस मामले में पिछले साल कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुश्ताक को बेटे शहरान की कस्टडी देने से इंकार कर दिया था. उसे सिर्फ बेटे से मिलने का अधिकार दिया गया था. इस ऑर्डर की कॉपी 'Live Law' वेबसाइट पर मौजूद है. इसमें साफ-साफ लिखा है कि मुश्ताक और आयशा दोनों ही सुन्नी मुसलमान हैं.


इस मामले से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स में भी वायरल वीडियो वाली महिला का नाम आयशा बानू बताया गया है जो कि एक मुस्लिम है.

हमें वायरल वीडियो में दिख रही महिला के हिंदू होने का कोई सबूत नहीं मिला. हमने इस बारे में जानकारी के लिए आयशा से संपर्क करने की कोशिश की. उनका जवाब आने पर उसे स्टोरी में अपडेट किया जाएगा. साफ है, मुस्लिम पति के अपनी मुस्लिम पत्नी को पीटने का वीडियो 'लव जिहाद' के एंगल के साथ शेयर किया जा रहा है.

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