मध्य प्रदेश के सीधी जिले में पेशाब कांड की घटना के बाद से राज्य में सियासत गर्मा गई है. डैमेज कंट्रोल करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित दशमत कुमार रावत को अपने आवास पर बुलाकर उनके पैर धोए और उन्हें 'सुदामा' कहकर संबोधित किया. इस घटना के बाद, सोशल मीडिया पर एक और दर्दनाक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे कई लोग मध्य प्रदेश में हाल ही में हुई घटना बता रहे हैं.
इस वीडियो में एक शख्स फटे-पुराने कपड़े पहने हुए दिखाई देता है. उसे देखकर ऐसा लगता है, जैसे उसके साथ मारपीट की गई हो. इसके बाद इस शख्स को एक पिकअप ट्रक के पीछे बांधकर कुछ दूर तक घसीटा जाता है. ट्रक को रोककर फिर आसपास खड़े लोग उसे लात-घूसों से मारते हैं. ये शख्स लोगों से गिड़गिड़ाता हुआ भी दिखाई देता है.
इस वीडियो को शेयर करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "मध्य प्रदेश के नीमच जिले सिंगोली का मामला बताया जा रहा है जहां एक आदिवासी युवक कन्हैया लाल भील को ट्रक से बांधकर कई किलोमीटर तक घसीटा गया, अंततः अस्पताल में उसकी मौत हो गई. "शिवराज सिंह चौहान जी" तुरंत संज्ञान लें?" इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आज तक फैक्ट चेक ने पाया कि ये किसी हाल-फिलहाल की घटना का वीडियो नहीं है. ये घटना अगस्त 2021 में मध्य प्रदेश के नीमच जिले में हुई थी. वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम कन्हैया लाल भील है, जिसकी इस घटना में मौत हो गई थी.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
कीवर्ड सर्च की मदद से हमें इस घटना से संबंधित साल 2021 की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. ‘दि वायर’ की 29 अगस्त, 2021 को छपी एक रिपोर्ट में इस घटना को मध्य प्रदेश के नीमच शहर का बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक आठ लोगों ने एक 40 वर्षीय आदिवासी व्यक्ति की पिटाई कर एक वाहन के पीछे रस्सी से बांधकर उसे कुछ दूरी तक घसीटा. इसके बाद, पीड़ित आदिवासी की इलाज के दौरान मौत हो गई.
रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक पीड़ित का नाम कन्हैया लाल भील है और ये घटना तब हुई जब एक दूधवाले छीतरमल गुर्जर की बाइक सड़क किनारे खड़े कन्हैया से टकरा गई. इस दुर्घटना के कारण सड़क पर दूध गिर जाने की वजह से छीतरमल ने आपा खो दिया और कन्हैया की जमकर पिटाई कर दी. इसके बाद, छीतरमल ने अपने दोस्तों को बुलाकर एक बार फिर कन्हैया के साथ मारपीट की और उसे वहां से गुजर रहे एक पिकअप ट्रक के पीछे बांधकर उसे कुछ दूर तक घसीटा.
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए आठ लोगों के खिलाफ एससीएसटी एक्ट में कार्रवाई की थी. जिला प्रशासन ने मुख्य आरोपितों के अवैध मकानों को चिन्हित कर उन्हें बुलडोजर से ध्वस्त भी कर दिया था.
उसी समय की एक और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उस वक्त पीड़ित के परिजनों के लिए मदद का ऐलान किया था. तब शिवराज सरकार ने पीड़ित के बेटे की शिक्षा और अन्य खर्चों में सहयोग करने का फैसला किया था. इसके साथ ही उन्होंने पीड़ित के दो भाइयों को भी घर बनाने में मदद और प्रत्येक को दो लाख रुपये देने का भी ऐलान किया था.
साफ है, एक दो साल पुरानी घटना के वीडियो को हालिया बताकर उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.