Advertisement

डॉक्टरों ने किया चमत्कार, एक ही जगह दोनों किडनी लगाकर मरीज को दी नई जिंदगी

डॉक्टरों ने मरीज की बाईं तरफ से किडनी निकालकर दाईं तरफ लगा दी. इसके बाद से मरीज पूरी तरह ठीक है और नॉर्मल जिंदगी जी रहा है. दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में इस सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.  

सांकेतिक तस्वीर (गेटी इमेजेज) सांकेतिक तस्वीर (गेटी इमेजेज)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 13 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST
  • मरीज के एक तरफ लगाई दो किडनियां
  • डॉक्टरों ने ऑटो-किडनी ट्रांसप्लांट किया

दिल्ली के जाने-माने अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बेहद चुनौतीपूर्ण 'ऑटो-किडनी ट्रांसप्लांट किया. इस खास सर्जरी में मरीज की एक किडनी को निकालकर उसके शरीर के दूसरे हिस्से में लगाया. मरीज किडनी और पेशाब की थैली को जोड़ने वाली पेशाब की नली में पथरी की समस्या से जूझ रहा था. डॉक्टरों ने मरीज की बाईं तरफ से किडनी निकालकर दाईं तरफ लगा दी. इसके बाद से मरीज पूरी तरह ठीक है और नॉर्मल जिंदगी जी रहा है. 

Advertisement

जानकारी के मुताबिक, मरीज की 25 सेंटीमीटर पेशाब की नली भी गायब थी. मरीज की यूरिन की थैली को भी बनाया गया. अस्पताल के किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर. विपिन त्यागी ने मंगलवार को बताया, 'किसी सामान्य मरीज में एक किडनी बाईं दूसरी दाईं तरफ होती है. इन किडनियों को यूरिन की थैली से जोड़ने वाली दो नलियां (यूरेटर) होती हैं. लेकिन इस मामले में हमें ये देखकर हैरानी हुई कि बाईं किडनी बिना यूरेटर के अकेली थी.'

सर गंगा राम अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ रीन ट्रांसप्लांट के चेयरपर्सन डॉक्टर हर्ष जहौरी ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट तीन तरह के होते हैं. इनमें पहला होता है, ऑटो ट्रांसप्लांट, दूसरा एलो- ट्रांसप्लांट और तीसरा जेनो ट्रांस्पलांट. ऑटो  ट्रांसप्लांट का मतबल होतो है कि मरीज के एक ऑर्गन को एक जगह से दूसरी जगह पर ट्रांसप्लांट करना.

Advertisement

एलो-ट्रांसप्लांट का मतबल है एक व्यक्ति का अंग दूसरे में ट्रांसप्लांट करना और जेनो ट्रांसप्लांट का मतबल है गैर-मानव स्त्रो से मानव में अंग ट्रांसप्लांट करना. इस मरीज के मामले में ऑटो-ट्रांसप्लांट किया गया जो सफल रहा है. ऑपरेशन को सफल बनाने डॉक्टरों की टीम की हर तरफ जमकर तारीफ हो रही है. डॉक्टर भी काफी उत्साहित हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement