
सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ अब देश को पहली स्वदेशी वैक्सीन मिलने वाली है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के खिलाफ वैक्सीन बनाने की इजाजत दे दी है. इस वैक्सीन का नाम CERVAVAC रखा गया है. इस वैक्सीन के इस साल के अंत तक बाजार में आने की उम्मीद है.
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने केंद्र सरकार से सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ बनी क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) के लिए मंजूरी मांगी थी. इस वैक्सीन के फेज 2 और 3 के ट्रायल हो चुके हैं. दावा है कि ट्रायल में ये वैक्सीन सभी आयु वर्ग की महिलाओं पर असरदार साबित हुई है. इस वैक्सीन ने सभी प्रकार के HPV वायरस पर असर दिखाया है.
2021 में लैंसेट की भी एक स्टडी आई थी. इसमें बताया गया था कि HPV वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के मामलों में 90% तक कमी ला सकती है. सर्वाइकल कैंसर भारतीय महिलाओं को होने वाला दूसरा बड़ा कैंसर है. पहले नंबर पर ब्रेस्ट कैंसर है.
क्या है सर्वाइकल कैंसर?
- ऐसा समझा जाता है कि सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को होता है, लेकिन कई बार ये पुरुषों को भी हो सकता है. सर्वाइकल कैंसर होने पर जननांग में संक्रमण हो जाता है. अगर समय पर इस पर ध्यान चला जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन देर होने पर या संक्रमण फैलने पर इससे मौत हो सकती है.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर दुनिया में महिलाओं को होने वाला चौथा आम कैंसर है. 2020 में इसके दुनियाभर में 6 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे और 3.42 लाख मौतें हुई थीं. 2020 में जितने मामले सामने आए थे, उनमें से 90% केस कम और मध्यम आय वाले देशों में आए थे.
- सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) से होता है. 95% से ज्यादा सर्वाइकल कैंसर का कारण HPV होता है. आमतौर पर HPV यौन संबंध बनाने से फैलता है. कई लोगों में यौन संबंध बनाने के तुरंत बाद HPV फैल जाता है.
- WHO के मुताबिक, जो महिला और पुरुष ज्यादा सेक्शुअली एक्टिव होते हैं, वो अपने जीवन में कभी न कभी HPV से संक्रमित हो सकते हैं. कुछ लोग कई बार संक्रमित हो सकते हैं. हालांकि, 90 फीसदी मामलों में ये अपने आप खत्म भी हो जाता है.
- आमतौर पर एक स्वस्थ महिला में सर्वाइकल कैंसर विकसित होने में 15 से 20 साल का समय लगता है. अगर किसी महिला को इम्युन सिस्टम कमजोर है या उसका HIV का इलाज नहीं हुआ है, तो उसमें सर्वाइकल कैंसर विकसित होने में 5 से 10 साल लगता है. WHO के मुताबिक, HIV से पीड़ित महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा 6 गुना ज्यादा होता है.
भारत में क्या है स्थिति?
- भारत में 44 करोड़ से ज्यादा महिलाएं रहतीं हैं. 15 से 64 साल की उम्र की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा ज्यादा है.
- नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में सर्वाइकल कैंसर के मामले और इससे होने वाली मौतों के आंकड़े साल दर साल बढ़ते ही जा रहे हैं.
- 2015 में देश में सर्वाइकल कैंसर के 65,978 मामले सामने आए थे और 29,029 मौतें हुई थीं. वहीं, 2020 में 75, 209 मामले सामने आए थे और 33,095 मौतें हुई थीं.
- 2020 में सर्वाइकल कैंसर से उत्तर प्रदेश में 4420, महाराष्ट्र में 2952, पश्चिम बंगाल में 2499, बिहार में 2232 और कर्नाटक में 1996 मौतें हुई थीं.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और इलाज
- सर्वाइकल कैंसर होने में सालों का समय लग जाता है. इसलिए शुरुआत में इसके लक्षण नहीं दिखाई देते हैं. सर्वाइकल कैंसर होने पर आमतौर पर जननांग से ब्लीडिंग ज्यादा होती है.
- सर्वाइकल कैंसर होने पर वजाइनल इन्फेक्शन, यूरिन इन्फेक्शन, यौन संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग, वजाइनल डिस्चार्ज, वजन कम होना, पैरों में सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
- शुरुआत में ही अगर बीमारी पकड़ में आ गई, तो इससे पूरी तरह ठीक हुआ जा सकता है. भारत में इसकी वैक्सीन है, लेकिन अभी ये सिर्फ 9 से 26 साल की लड़कियों के लिए है.