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Corona: क्या भारत का भी चीन की तरह होने वाला है हश्र, जानें क्या कह रहे एक्सपर्ट्स

नए साल से ठीक पहले कोरोना के नए वैरिएंट BF.7 ने दुनियाभर में सरकारों की चिंता बढ़ा दी है. भारत सरकार भी इस वैरिएंट को लेकर अलर्ट मोड पर आ गई है. हालांकि, यह वैरिएंट भारत में महीनों पहले ही पहचाना जा चुका है. ऐसे में अभी तक इसका तेज प्रसार देखने को नहीं मिला है तो ये एक राहत की बात हो सकती है.

प्रतीकात्मक फोटो (क्रेडिट- रॉयटर्स) प्रतीकात्मक फोटो (क्रेडिट- रॉयटर्स)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:54 PM IST

नए साल से ठीक पहले कोरोना ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट BF.7 ने भारत समेत कई देशों की सरकारों की चिंता बढ़ा दी है. मौजूदा समय में चीन इस वैरिएंट से सबसे ज्यादा प्रभावित बताया जा रहा है. इस नए वैरिएंट को लेकर भारत सरकार की ओर से भी सभी राज्यों को खास निर्देश जारी किए गए हैं. हालांकि, इस खतरे के बीच भी भारत के लिए एक राहत की बात जरूर है. 

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कोरोना ओमिक्रॉन के इस वैरिएंट की भारत में पहली बार जुलाई में ही पहचान कर ली गई थी. जुलाई और नवंबर के बीच ओडिशा और गुजरात में चार ऐसे मामले मिले थे, जिनके सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग में बीएफ.7 को डिटेक्ट किया गया. हालांकि, इन मामलों की वजह से दोनों राज्यों में कोरोना संक्रमण के फैलने में तेजी नहीं देखने को मिली.  

बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि 30 सितंबर, 2022 को ओडिशा में एक मामले की टेस्टिंग के दौरान ओमिक्रॉन BF.7 वैरिएंट की पुष्टि की गई थी. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया कि जिस समय इस वैरिएंट की पहचान की गई, उस समय यह वैरिएंट चिंता का विषय नहीं था. पहले केस के तीन महीने बाद तक ओडिशा में इस वैरिएंट का कोई नया मामला नहीं सामने आया है.

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भारत में कम हो रहे कोरोना के मामले भी राहत का संकेत!
कोरोना ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट BF.7 ने चीन समेत कई देशों में ऐसे समय में उछाल भरी है, जब भारत में कोरोना के मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है. पिछले सप्ताह में हर दिन भारत में कोरोना के नए मामलों में भारी गिरावट दर्ज की गई. जबकि वैश्विक स्तर पर कोरोना के मामलों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है. 

यह नया वैरिएंट भारत में महीनों पहले ही पहचाना जा चुका है लेकिन अभी तक इसका बहुत प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है. अगर यह वैरिएंट भारत में ज्यादा प्रभावी होता तो कोरोना के मामलों में इजाफा देखा जा सकता था, और अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. 

भारत में आंकड़ों में लगातार गिरावट ही देखने को मिल रही है. यह राहत का एक संकेत भी है कि भारत में नया वैरिएंट BF.7 अभी तक ज्यादा खतरनाक साबित नहीं हुआ है.

हालांकि, यह बात ध्यान रखें कि BF.7 हो या कोई और वैरिएंट, हर किसी इंसान को सतर्कता और बचाव के नियमों का पालन करना जरूरी है. एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी कहा है कि भारतीयों को कोरोना वैक्सीन और अलग-अलग वैरिएंट्स से संक्रमण की वजह से इम्यूनिटी तो मजबूत हो गई है लेकिन हमें ये नहीं पता कि वायरस के नए-नए वैरिएंट्स कब किस तरह का रूप धारण कर सकते हैं. इसीलिए हमें कोरोना संक्रमण को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है.

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट BF.7 की वजह से चीन में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ती जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 6 सप्ताह में करीब 6 लाख मामलों की दुनियाभर में पहचान की गई है.

चिंता की बात है कि इन मामलों के साथ प्रतिदिन कोरोना के नए मरीजों की पहचान की दर भी बढ़ गई है. यानी डेली एवरेज मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो नए साल से पहले दुनियाभर कई देशों के लिए राहत कतई नहीं है.  

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मौजूदा समय में भारत में ओमिक्रॉन का AB5 वैरिएंट सबसे ज्यादा प्रभावी है. हालांकि, इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों को गंभीर स्थिति में अभी तक नहीं देखा गया है.

चीन और भारत, दोनों में कोरोना कितना अलग?
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में चिंता का विषय BF.7 नहीं बल्कि XBB वैरिएंट है. यह XBB वैरिएंट कोरोना की BJ.1 और BA.2.75 से मिलकर बना है. सबसे चिंता की बात है कि यह ना सिर्फ तेजी के साथ फैलता है बल्कि इस पर वर्तमान में मौजूद कोरोना वैक्सीन का भी असर नहीं है. कई देशों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी का यही वैरिएंट जिम्मेदार है.  

CSIR इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के एक्सपर्ट विनोद स्कारिया ने कहा कि चिंता का विषय है कि चीन के अधिकतर लोग अभी तक वायरस के शिकार नहीं हुए हैं.

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ऐसे में अगर चीन की बड़ी तादाद XBB जैसे वैरिएंट से संक्रमित होती है तो यह अन्य वैरिएंटों को भी जन्म दे सकता है, जिससे लोगों को गंभीर स्वास्थ्य परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है. सिर्फ BF.7 की वजह से चीन में कोरोना फैला है, यह सिर्फ कुछ सैंपलों की टेस्टिंग से लिया गया अनुमान है. 

चीन में मचेगा अभी और हाहाकार?

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोविड मैनेजमेंट टीम में शामिल वरिष्ठ अधिकारियों ने चीन में कोरोना फैलने का कारण वहां के सख्त नियमों को बताया है. दरअसल, चीन में साल 2020 से जीरो कोविड पॉलिसी लागू है, जिसमें अब प्रदर्शन के बाद थोड़ी ढील दी गई है. अधिकारियों का मानना है कि सख्त नियमों की वजह से काफी संख्या में मरीजों की पहचान नहीं की जा सकी.

वहीं चीन में कोरोना के मौजूदा हालात को लेकर हुए कई शोध में साल 2023 का जनवरी और फरवरी महीना खतरों से भरा बताया गया है. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ शोध में पाया गया कि देश में ट्रैवल के नियमों में ढील होने की वजह से जनवरी और फरवरी में मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. साथ ही आने वाले दिनों में चीन में 10 लाख लोगों की मौत हो सकती है.

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भारत में अभी तक 4.4 करोड़ कोरोना केस 
मार्च 2020 से लेकर मौजूदा समय तक भारत में 4.4 करोड़ कोरोना मामलों की पहचान की गई है. वर्तमान में भारत में करीब 3500 एक्टिव मामले हैं. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में मामले लगातार गिरते जा रहे हैं.

कोरोना टीकाकरण के मामले में भी भारत काफी आगे है. भारत सरकार पहली डोज और दूसरी डोज के बाद तीसरी यानी बूस्टर डोज लगवाने की भी लगातार अपील कर रही है. 

कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को केंद्र और सभी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों और कोविड टास्क फोर्स के साथ एक मीटिंग की. अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को मीटिंग में कोरोना के मामलों में निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है.  

वहीं मीटिंग के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने सभी जिम्मदारों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा है और साथ ही निगरानी मजबूत करने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह लोगों से भी कोरोना का टीका लगवाने की अपील करते हैं.

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