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नशा इंसान के शरीर के साथ-साथ उसकी लाइफ को भी बर्बाद कर देता है. हम अपने आसपास कई घटनाओं के बारे में सुनते हैं. इनमें से अधिकतर घटनाओं में अपराधी को किसी ना किसी नशे की लत जरूर होती है. आज के समय में कई ऐसे कैमिकल वाले प्रोडक्ट मार्केट में हैं जिनसे लोग नशा कर रहे हैं. पेंट, खांसी की दवाई, पेट्रोल, टायर के पंचर जोड़ने वाली ट्यूब और नेल पॉलिश का भी नशा करने में भी प्रयोग हो रहा है. हाल ही में एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है. सुनने में भले ही आपको अजीब लगे पर यह सच है कि पश्चिम बंगाल के युवा कंडोम से नशा कर रहे हैं. कंडोम की अचानक बिक्री बढ़ने से मार्केट से कंडोम खत्म हो गए हैं. युवा कंडोम से नशा कैसे कर रहे हैं, इस बारे में जानिए.
ऐसे कर रहे हैं कंडोम से नशा
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में युवाओं के बीच कंडोम का नशा काफी पॉपुलर हो चुका है. वे लोग मार्केट से फ्लेवर्ड कंडोम लेते हैं और उसे एक घंटे तक गर्म पानी में भिगोकर रख देते हैं. एक घंटे बाद उस पानी को पी लेते हैं, जिसका नशा उनको करीब 10 से 12 घंटे तक रहता है.
दरअसल, दुर्गापुर में काफी सारे स्टूडेंट रहते हैं जो अपने अपने घरों से दूर हॉस्टल में रहते हैं. हॉस्टल में रहते हुए वे लोग सिगरेट-शराब जैसे कई तरह के नशों के आदी हो चुके हैं. कंडोम की अपेक्षा शराब और नशे की अन्य चीजें काफी महंगी होती हैं. कंडोम को वे आसानी से अपनी पॉकेट मनी में से ले सकते हैं और उसे लेने के लिए डॉक्टर के पर्चे की भी जरूरत नहीं होती. इसलिए स्टूडेंट्स फ्लेवर्ड कंडोम का नशा कर रहे हैं.
फ्लेवर्ड कंडोम का नशे के रूप में प्रयोग हो रहा है, इस बात का खुलासा एक स्टूडेंट ने ही किया. दरअसल, पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर सिटी सेंटर, विधान नगर, बेनाचिटी, और मुचिपारा, सी जोन, ए जोन दुर्गापुर एरिया में कंडोम की मांग अधिक बढ़ गई थी. जब बिक्री अधिक होने लगी तो एक दुकानदार ने स्टूडेंट से इस बारे में पूछा. जब दुकानदार ने अपने रेगुलर ग्राहक से पूछा कि वह रोज कंडोम क्यों ले जाता है तो उसने कहा कि वह नशा करने के लिए रोजाना कंडोम खरीदता है.
दुर्गापुर में एक मेडिकल शॉप के दुकानदार जोयदेव कुंडू का कहना है कि कंडोम की बिक्री अचानक से बढ़ गई थी. हमने नोटिस किया कि कॉलेज कैंपस के आसपास के स्टूडेंट ही अधिक कंडोम खरीद रहे थे. पहले दिन में कंडोम के बस 3 से 4 पैकेट बिकते थे लेकिन आज दुकानों में फ्लेवर्ड कंडोम का एक भी पैकेट नहीं बचा है.
कंडोम से नशा करना बहुत खतरनाक
केमिस्ट्री के टीचर नूरुल हक के मुताबिक, फ्लेवर्ड कंडोम से नशा करने से उसमें जहरीले कंपाउंड हो सकते हैं जो कि कैंसर का कारण बन सकता है. इसलिए इसके नशे को अवॉइड करना चाहिए. अभी तो युवाओं को इससे नशा करना अच्छा लग रहा है लेकिन आगे चलकर गंभीर साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं.
अल्कोहल की तरह काम करता है फ्लेवर्ड कंडोम
अजीबोगरीब लत की चपेट में आए ये स्टूडेंट्स ने काफी सारे सवाल खड़े कर दिए हैं. दुर्गापुर आरई कॉलेज मॉडल स्कूल केमिस्ट्री के टीचर नूरुल हक ने इंडिया टुडे से बात करते हुए बताया कि कंडोम को लंबे समय तक पानी में भिगोए रखने से उसका फ्लेवर पानी में आ जाता है. अगर कोई उसे पीता है तो उसे नशा होता है. इसका कारण है कि फ्लेवर्ड कंडोम के फ्लेवर में सुगंधित कंपाउंड होते हैं. पानी में भिगोने पर फ्लेवर के कार्बनिक अणु अल्कोहल कंपाउंड में टूट जाते हैं और अल्कोहल की तरह काम करने लगते हैं.
जूते की स्याही से भी होता था नशा
जानकारी के मुताबिक, 21 वीं सदी के मध्य में नशे करने के अलग-अलग तरीके लोगों ने निकाल लिए थे. अगर नाइजीरिया की बात करें तो वहां टूथपेस्ट और जूते की स्याही से नशा करते थे जिस कारण उसकी बिक्री सामान्य से 6 गुना बढ़ गई थी. आपने सुना होगा कि भारत में टायर के पंचर जोड़ने की ट्यूब, पेट्रोल जैसी चीजों से नशा करने की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं.