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Coronavirus new variant: XE वैरिएंट भारत में कितना बड़ा खतरा? एक्सपर्ट ने दिए कई सवालों के जवाब

कोरोना महामारी और ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच नए वैरिएंट XE ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है. XE वैरिएंट ओमिक्रॉन के अन्य वैरिएंट से अलग और सबसे ज्यादा संक्रामक भी बताया जा रहा है. इसकी गंभीरता पर WHO भी चेतावनी जारी कर चुका है. हालांकि भारत की शीर्ष वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर गगनदीप कांग ने इस वैरिएंट पर राहत की खबर दी है.

एक्सपर्ट ने XE वैरिएंट को बताया ओमिक्रॉन से कम खतरनाक एक्सपर्ट ने XE वैरिएंट को बताया ओमिक्रॉन से कम खतरनाक
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:27 AM IST
  • कोरोना का नया XE वैरिएंट
  • एक्सपर्ट ने दी राहत की खबर
  • ओमिक्रॉन से कम खतरनाक XE वैरिएंट

कोरोना के एक और नए वैरिएंट ने फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है. XE वैरिएंट के खतरे को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं लेकिन भारत के लोगों को इसे लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. शीर्ष वायरोलॉजिस्ट और वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉक्टर गगनदीप कांग ने  XE वैरिएंट पर एक राहत की खबर दी है. डॉक्टर कांग का कहना है कि कोरोना वायरस का नया XE वैरिएंट चिंता का विषय नहीं है क्योंकि ओमिक्रॉन के अन्य सब-वैरिएंट्स की तुलना में इसके अधिक गंभीर होने की संभावना नहीं है.

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चिंता का विषय नहीं XE वैरिएंट- जॉन्स हॉपकिन्स के गुप्ता-क्लिंस्की इंडिया इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा में कांग ने कहा, 'वैरिएंट्स आएंगे क्योंकि लोग अब यात्रा कर रहे हैं. जितना हम XE वैरिएंट के बारे में जान पाए हैं, यह चिंता का विषय नहीं है. हम BA.2 के बारे में चिंतित थे, लेकिन यह BA.1 से अधिक गंभीर नहीं निकला.  XE वैरिएंट भी BA.1 या BA.2 (Omicron के सब वैरिएंट्स) से अधिक गंभीर बीमारी नहीं बनाता है.' उन्होंने कहा कि भारत में वैक्सीनेटेड लोगों को इस वैरिएंट से बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है.'

WHO कर चुका है आगाह- विश्व स्वास्थ्य संगठन XE वैरिएंट को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर चुका है. ओमिक्रॉन का ये नया वैरिएंट पहली बार UK में पाया गया था. ऐसा माना जा रहा है कि ये कोरोना के अब तक के सभी स्ट्रेन की तुलना में बहुत तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है. XE ओमिक्रॉन के दोनों सब वैरिएंट्स (BA.1 और BA.2) से मिलकर बना है.

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भारत में XE वैरिएंट को लेकर सस्पेंस- कुछ दिनों पहले BMC ने दावा किया था कि भारत में XE वैरिएंट का पहला मामला मुंबई में पाया गया है. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दावे को खारिज कर दिया है. मंत्रालय ने कहा कि जिस सैंपल को XE वैरिएंट कहा जा रहा है उसका इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के जीनोम एक्सपर्ट ने विस्तार से विश्लेषण किया है. उनके अनुमान के मुताबिक इसका जीनोमिक कॉन्स्टिट्यूशन XE वेरिएंट से मेल नहीं खाता है.

60 साल से कम लोगों पर बूस्टर कितना प्रभावी- 60 साल से कम उम्र की आबादी को बूस्टर डोज दिए जाने के सवाल पर कांग ने कहा कि देश में 60 साल से कम उम्र के लोगों के बीच बूस्टर डोज की प्रभावशीलता साबित करने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है. इस पैनल डिस्कशन में  ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव भी शामिल हुए थे. बूस्टर डोज पर डॉक्टर भार्गव ने कांग के विचारों से सहमति जताई.

आत्मनिर्भर बना भारत- इस पैनल के चर्चा का विषय, 'एक मजबूत हेल्थ सिस्टम के लिए COVID से मिली सीख को लागू करना' था. डॉक्टर भार्गव ने कहा कि कोरोना की वजह से हमारा खुद पर भरोसा बना कि हमारा हेल्थ केयर सिस्टम अच्छी सुविधाएं दे सकता है. कोविड की वजह से भारत आत्मविश्वासी बन गया.' डॉक्टर भार्गव ने ये भी माना कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत है. भार्गव ने कहा, 'हमें प्राइमरी हेल्थ केयर सिस्टम पर और अधिक निवेश करने और अच्छी ट्रेनिंग देने की जरूरत है. हमें अच्छे MBBS डॉक्टर्स चाहिए. बीमारी और इलाज के बारे में लोगों में जागरूकता की भी जरूरत है.

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