Advertisement

बहुत ज्यादा सोना भी ठीक नहीं? जानिए- किस उम्र में कितने घंटे की नींद की होती है जरूरत

कम सोने के नुकसान तो ज्यादातर लोग समझते ही हैं, लेकिन अध‍िक सोने के भी कई नुकसान होते हैं. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपी रिसर्च के मुताबिक, 9 घंटे से ज्यादा सोने वाले लोगों में स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा 20% तक बढ़ सकता है. 

Representational Image (by Chat GPT) Representational Image (by Chat GPT)
मानसी मिश्रा
  • नई दिल्ली ,
  • 18 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 7:16 PM IST

नींद एक ऐसी जरूरत है जिसके बगैर इंसान अधूरा है. अक्सर नींद पूरी न हो पाने के कारण लोग पूरे दिन अपने काम सही से नहीं कर पाते. कभी देर रात तक मोबाइल स्क्रॉल करते रहने तो कभी ओटीटी का आकर्षण तो कभी ऑफिस की कोई टेंशन, ऐसे तमाम कारणों से लोग नींद नहीं ले पाते. वहीं कुछ लोग ज्यादा से ज्यादा वक्त सोकर बिताने का हुनर रखते हैं. लेकिन डॉक्टर्स कहते हैं कि कम या ज्यादा सोना, दोनों ही सेहत के लिए ठीक नहीं है. 

Advertisement

अब सवाल यह उठता है कि आखिर हमें कितनी नींद लेनी चाहिए? क्या ज्यादा सोने से भी नुकसान होता है? और अच्छी नींद लेने के लिए हमें क्या करना चाहिए? आइए इन सब सवालों के जवाब जानते हैं. 

कम सोने के होते हैं ज्यादा नुकसान 
एक दिन ठीक से नहीं सोने के कारण ही दिनभर सुस्ती, मूड खराब और झुंझलाहट-सी होती है. लेकिन अगर यह आदत बन गई तो यह कई बीमारियों को न्योता दे सकता है. कई बार स्लीप एप्न‍िया के कारण भी लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती. ResMed में एश‍िया और लेट‍िन अमेरिका के मेडिकल अफेयर्स हेड डॉ सिबाशीष डे का कहना है कि स्लीप एपनिया एक गंभीर और लाइफ थ्रेटनिंग स्थ‍ित‍ि है. कमोबेश कमोबेश स्लीप एपनिया सभी आयु वर्गों या किसी भी जेंडर को हो सकती है, लेकिन ये पुरुषों में अधिक आम है. आइए जानते हैं कि कम सोने के क्या नुकसान हैं. 

Advertisement

मेमोरी लॉस: कम नींद लेने से याददाश्त कमजोर होती है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च कहती है कि नींद के दौरान हमारा दिमाग दिनभर की मेमोरी स्टोर करता है. अगर सही से सोएंगे नहीं, तो ब्रेन स्लो हो जाएगा. 

वजन बढ़ना: अगर वजन कंट्रोल करना चाहते हो, तो सही से सोना शुरू करो. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की एक स्टडी के अनुसार जो लोग 6 घंटे से कम सोते हैं, उनके मोटे होने की संभावना 30% ज्यादा होती है. 

दिल की बीमारी और डायबिटीज: CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) की स्टडी बताती है कि कम नींद से ब्लड शुगर लेवल बिगड़ सकता है, जिससे डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है. 

मूड स्विंग और डिप्रेशन: अगर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है या स्ट्रेस ज्यादा रहता है, तो इसकी वजह कम नींद हो सकती है. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जो लोग 6 घंटे से कम सोते हैं, उनमें डिप्रेशन और एंग्जायटी का खतरा दोगुना होता है.

कितनी नींद की जरूरत है?

यह कोई "वन साइज फिट्स ऑल" वाली चीज नहीं है. अक्सर उम्र के हिसाब से सबकी नींद की जरूरत अलग होती है. नेशनल स्लीप फाउंडेशन और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हर एज ग्रुप के लिए कितनी नींद जरूरी है:

Advertisement

ज्यादा सोना भी नुकसानदायक
कम सोने के नुकसान तो ज्यादातर लोग समझते ही हैं, लेकिन अध‍िक सोने के भी कई नुकसान होते हैं. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपी रिसर्च के मुताबिक, 9 घंटे से ज्यादा सोने वाले लोगों में स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा 20% तक बढ़ सकता है. 

ये भी हैं साइड इफेक्ट
ज्यादा सोने से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है, जिससे वजन बढ़ सकता है. 
दिनभर आलस बना रहता है, और काम करने की एनर्जी नहीं रहती. 
सोने से पहले थोड़ा और सो लेते हैं, वाली आदत हमारी बॉडी क्लॉक को डिस्टर्ब कर देती है. 

डॉ सिबाशीष डे का कहना है कि अगर रात में सोने में दिक्कत होती है, बार-बार नींद टूटती है या सुबह उठने के बाद भी थकान लगती है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. यह स्लीप डिसऑर्डर हो सकता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. 

अच्छी नींद के लिए अपनाएं ये तरीके 
सोने और उठने का एक टाइम फिक्स करें चाहे वीकेंड हो या छुट्टी, एक ही टाइम पर सोएं और जागें. 
मोबाइल से दूर रहें. सोने से पहले मोबाइल और टीवी से बचें, ब्लू लाइट ब्रेन को एक्टिव कर देती है. 
रात में भारी खाना और कैफीन से बचना चाहिए. डिनर हल्का करें और सोने से पहले चाय-कॉफी से बचें. 
बेड सिर्फ सोने के लिए रखें, बेड पर बैठकर काम न करें, इससे दिमाग बेड को आराम करने की जगह काम करने से जोड़ने लगता है. 
एक्सरसाइज और मेडिटेशन के अलावा हल्की फुल्की कसरत और ब्रीदिंग एक्सरसाइज से नींद अच्छी आती है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement