
देश में मेडिकल डिवासेस का आयात 41% बढ़ गया है. लोगों के बेहतर इलाज के लिए उपयोग में लाए जाने वाले इन डिवाइस का सबसे ज्यादा आयात अभी चीन से हो रहा है. वहीं दूसरे नंबर पर अमेरिका से इम्पोर्ट हो रहा है.
रिपोर्ट में सामने आई जानकारी
एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में देश में कुल 63,000 करोड़ रुपये के मेडिकल उपकरण आयात किए गए. जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में इसका मूल्य मात्र 44,708 करोड़ रुपये था. एसोसिएशन ने ये रिपोर्ट वाणिज्य मंत्रालय से मिले आंकड़ों के आधार पर तैयार की है.
चीन से हो रहा सबसे ज्यादा आयात
भारत में मेडिकल डिवाइस का सबसे ज्यादा आयात चीन से होता है. इसके बाद अमेरिका, जर्मनी, सिंगापुर और नीदरलैंड का नंबर है. मेडिकल डिवाइस के कुल इम्पोर्ट में सिर्फ इन 5 देशों का योगदान 68% है और इसका मूल्य 37,519 करोड़ रुपये है. सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद चीन से आयात 48% बढ़ा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 6 मुख्य कैटेगरी में मेडिकल डिवाइस का आयात किया जाता है. ये कैटेगरी कंज्यूम करने वाले, डिस्पोज किए जाने वाले, इलेक्ट्रॉनिक और इक्विमेंट, इम्प्लांट, आईवीडी ओर सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट की हैं. सबसे ज्यादा आयात इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इक्विमेंट कैटेगरी में होता है.
वित्त वर्ष 2021-22 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इक्विमेंट कैटेगरी में भारत ने 40,649 करोड़ रुपये का इम्पोर्ट किया, जबकि 2016-17 में ये बिल महज 4,569 करोड़ रुपये का था. इस दौरान सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट का इम्पोर्ट 243 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,260 करोड़ रुपये हो गया.
इम्पोर्ट कम करने के लिए आई कई योजनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार लगातार देश के इम्पोर्ट बिल को कम करने की कोशिश कर रही है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और मेडिकल डिवाइस के आयात को घटाने के लिए सरकार ने पीएलआई स्कीम भी लॉन्च की है, जबकि मेक इन इंडिया (Make In India) कार्यक्रम पहले से चल रहा है. ऐसे में मेडिकल डिवाइस के आयात बढ़ने को लेकर आई ये रिपोर्ट थोड़ी चौंकाने वाली है. हालांकि मोदी सरकार की इन नीतियों का असर आने वाले सालों में दिख सकता है.