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सेक्स के जरिए फैल रहा ये खतरनाक वायरस! सीमन में मिले सबूत, एक्सपर्ट ने किया सतर्क

मंकीपॉक्स वायरस ने दुनियाभर के कई देशों में दस्तक दे दी है. यूरोपीय देशों में मंकीपॉक्स वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, अमेरिका में भी इसका पहला मामला सामना आ गया है. हाल ही में मंकीपॉक्स वायरस को लेकर एक्सपर्ट्स ने एक नई वॉर्निंग जारी की है.

Monkeypox Virus Monkeypox Virus
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 14 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST
  • मंकीपॉक्स वायरस का कोई सटीक इलाज अबतक नहीं आया सामने
  • बाकी पॉक्स की तुलना में काफी अलग है मंकीपॉक्स

दुनियाभर में अभी तक लोग कोरोना महामारी से ही नहीं उबर पा रहे हैं, ऐसे में एक नए वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. मंकीपॉक्स नाम का यह वायरस इंग्लैंड के अलावा कई देशों जैसे स्पेन, पुर्तगाल में भी फैल गया है.

अभी तक एक्सपर्ट्स यह सोच रहे थे कि यह वायरस  रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट, घाव, नाक, मुंह और आंखों के जरिए फैलता है लेकिन हाल ही में सामने आए नए मामलों के बाद डॉक्टरों को इस बात का डर है कि यह वायरस सेक्सुअल इंटरकोर्स के जरिए भी फैल सकता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब आप मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के साथ सेक्स करते हैं तो आपके अंदर भी इस वायरस के फैलने की संभावना बढ़ सकती है.  

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सीमन में मिले वायरस के अंश

वैज्ञानिकों ने सोमवार को कहा कि इटली में कुछ मरीजों के सीमन में मंकीपॉक्स वायरस के अंश पाए गए हैं, जिससे यह बात और पुष्ट हो रही है कि ये बीमारी सेक्सुअल ट्रांसमिटेड भी हो सकती है.

माना जाता है कि मंकीपॉक्स वायरस एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है, जो स्किन, घाव और सांस के जरिए फैल सकता है. वर्तमान में आए मंकीपॉक्स  वायरस के कई मामलों में सेक्सुअल पार्टनर्स भी शामिल हैं. 

हालांकि,  HIV/AIDS कुछ ऐसी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीमन, वजाइनल डिस्चार्ज और बॉडी फ्लूइड के जरिए पास होता है. 

रोम बेस्ड एक हॉस्पिटल और स्पालनज़ानी इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं  ने पहली बार 2 जून को एक रिपोर्ट में सबसे पहले इटली में चार मरीजों के सीमन में मंकीपॉक्स वायरस पाए जाने के सबूतों की ओर सबका ध्यान खींचा.

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 मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण

जब आप मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होते हैं तो इसका पहला लक्षण 5 से 21 दिनों के अंदर दिखना शुरू हो जाता है. इस दौरान आपको बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, कंपकंपी लगना, थकान, पीठ दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं. 

इन सभी लक्षणों के दिखने के बाद त्वचा पर इसका असर दिखने लगता है. शरीर पर दाने निकल आते हैं. हाथ-पैर, हथेलियों, पैरों के तलवों और चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकलने लगते हैं. ये दाने घाव जैसे दिखते हैं और खुद सूखकर गिर जाते हैं. 

क्या मंकीपॉक्स से जा सकती है जान? 

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, सेंट्रल अफ्रीका में जहां लोगों के पास बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं वहां भी इस वायरस से संक्रमित 10 लोगों में से सिर्फ एक ही व्यक्ति की जान जा सकती है. हालांकि, मंकीपॉक्स के बहुत से मामलों में मरीज कुछ ही हफ्तों में रिकवर कर लेता है. 

क्या इसका है कोई इलाज? 

अभी तक मंकीपॉक्स वायरस का कोई सटीक इलाज सामने नहीं आया है. ऐसे में इस वायरस से संक्रमित लोगों के लिए जरूरी है कि वह खुद को बाकी लोगों से दूर रखें ताकि यह वायरस फैल ना सके.

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस

किसी संक्रमित जानवर के काटने, उसके शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आने, या उसका खून, फर आदि छूने से भी आप मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित हो सकते हैं. इसके अलावा यह वायरस  चूहों, गिलहरियों से भी फैल सकता है. वहीं,  कुछ मामलों में अधपका मांस या संक्रमित जानवर का मीट खाने से भी आप इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं.  वैसे तो यह संक्रमण आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता लेकिन किसी संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, तौलिया, जैसी चीजों का इस्तेमाल करने या अगर संक्रमित व्यक्ति आपके सामने खांसता, छींकता या आप उसके दानों को टच करते हैं तो आप भी इससे संक्रमित हो सकते हैं.

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