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Covid-19: भारत पहुंचे कोरोना के नए वैरिएंट BF.7 का फेस्टिवल सीजन में खौफ, ये हैं कॉमन लक्षण, ना समझें सर्दी-जुकाम

ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट BA.5.1.7 और BF.7 को कोविड-19 का सबसे नया स्ट्रेन माना जा रहा है. भारत में भी BF.7 का एक मामला सामने आ चुका है. ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि फेस्टिव सीजन में जरूरी है कि लोग खास सावधानियां बरतें. इन नए वेरिएंट्स को काफी संक्रामक माना जा रहा है और दिवाली के दौरान कोरोना की नई लहर आने को लेकर चिंता जताई जा रही है. 

ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट ​BA.5.1.7 और BF.7 ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट ​BA.5.1.7 और BF.7
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:46 AM IST

कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया को ही बदल कर रख दिया है. भारत में बीते कुछ महीनों से जहां लोगों ने यह मान लिया था कि अब कोरोना महामारी पूरी तरह के खत्म हो चुकी है. वहीं,लोगों के इस भरोसे को झुठलाते हुए कोरोना ने फिर से दस्तक दे दी है. भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना के दो नए वैरिएंट सामने आए हैं जो ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट हैं. इन नए सब-वैरिएंट्स के नाम BA.5.1.7 और BF.7 है.  इन नए वैरिएंट्स को काफी संक्रामक माना जा रहा है और त्योहार के दौरान कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. 

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क्या है ओमिक्रॉन BF.7?

ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट BF. 7 सबसे पहले नॉर्थवेस्ट चीन के मंगोलिया ऑटोनोमस रीजन में पाया गया था और यही सब-वैरिएंट चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार है. ओमिक्रॉन का ये नया सब-वैरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है और अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम में भी  इसके मामले पाए जा रहे हैं.

इस नए ओमिक्रॉन BF. 7 को 'ओमिक्रोन स्पॉन' के रूप में भी जाना जाता है.  भारत में भी ओमिक्रॉन BF. 7का एक मामला दर्ज किया गया है. BF. 7 का ये मामला गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर में पाया गया है. ऐसे में एक्सपर्ट्स ने लोगों से त्योहारों के दौरान विशेष सावधानी बरतने की अपील की है. 

एक्सपर्ट्स का कहना है  कि ओमिक्रॉन  BF. 7 को लेकर ये आशंका जताई जा रही है कि यह वैरिएंट पहले से मौजूद वैरिएंट को रिप्लेस कर देगा. 

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एक्सपर्ट्स का कहना है कि  BF. 7 वैरिएंट का इंफेक्शन रेट काफी ज्यादा हाई है. एक्सपर्ट्स ने ये भी कहा कि ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट के लक्षण काफी ज्यादा हल्के हैं और इनसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन जो लोग हार्ट डिजीज, किडनी  डिजीज और लिवर डिजीज की समस्याओं से जूझ रहे हैं उनमें इसके लक्षण गंभीर नजर आ सकते है. ऐसे में आइए जानते हैं ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट  BF. 7 के लक्षणों के बारे में- 


क्या हैं ओमिक्रॉन  BF.7 के सबसे आम लक्षण?

ओमिक्रॉन के सबसे कॉमन लक्षणों में शामिल हैं- 

लगातार खांसी

सुनने में दिक्कत

छाती में दर्द

कंपकंपी लगना

स्मेल में बदलाव

क्यों है इससे घबराने की जरूरत?

नए वैरिएंट और सब-वैरिएंट के साथ ही कोविड 19 के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसके गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं. जब भी कभी कोविड का कोई नया वैरिएंट आता है तो इससे कोरोना के मामलों  में बढ़ोतरी के चांसेस काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि फेस्टिव सीजन में अधितकर लोग शॉपिंग करने के लिए निकलते हैं जहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जाता. इसके साथ ही लोग बिना मास्क के ही ट्रैवल करते हैं जिससे इस दौरान कोविड के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं. 

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एक्सपर्ट्स का कहना है  जरूरी है कि फेस्टिव सीजन में मास्क पहनने से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सभी तरह की सावधानियां बरती जाएं. इसके साथ ही जरूरी है कि आप भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें और बिना काम के मार्केट ना जाएं. 

क्या हैं इस नए सब-वैरिएंट से जुड़ी चिंताएं?

ओमिक्रॉन का यह सब-वैरिएंट पहले हुए इंफेक्शन या वैक्सीनेशन से बनी एंटीबॉडीज को आसानी से चकमा दे सकता है. इस मामले में ये नया सब-वैरिएंट पिछले सभी सब-वैरिएंट्स की तुलना में बेहतर काम करता है. 

नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के चेयरमैन डॉ. एन.के. अरोड़ा ने कहा कि आने वाले दो से तीन हफ्ते महत्वपूर्ण होंगे. कोविड 19 अभी भी हमारे आसपास ही है, और दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में नए वैरिएंट्स सामने आ रहे हैं. यह तय है कि हम भी इससे अछूते नहीं रह सकते. ऐसे में जरूरी है कि आप फेस्टिव सीजन में सतर्क रहें और सभी जरूरी सावधानियों का पालन करें. 

बाकी वैरिएंट्स की तुलना में तेजी से फैल रहा है ​BA.5.1.7 और BF.7

ओमिक्रॉन के इन दोनो वैरिएंट्स की संक्रामता दर काफी अधिक है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये नए वैरिएंट्स व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से चकमा दे सकते हैं और पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को भी ये संक्रमण हो सकता है. इन नए वैरिएंट्स में, कुछ वायरल कण ही किसी व्यक्ति को संक्रमित करने के लिए काफी हैं. इसका मतलब है कि बाकी सभी वायरस की तुलना में इस वायरस के थोड़े से ही संपर्क में आने से आप भी  संक्रमित हो सकते हैं. 

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