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कोरोना के डेल्टा वैरिएंट (Delta variant) के बाद अब ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) का खतरा देश भर में फैल चुका है. भारत में ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए लोगों का आंकड़ा 2,135 के पार पहुंच गया है. कोविड -19 के अलग-अलग रूपों के बाद ओमिक्रॉन ने पैरेन्ट्स की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि ओमिक्रॉन बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. इसी वजह से कई देशों में बच्चों को भी वैक्सीन दी जाने लगी है. भारत में भी 15-18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया है.
एक्सपर्ट के मुताबिक, अभी तक ओमिक्रॉन के हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं, लेकिन फिर भी सभी को सावधान रहने की आवश्यकता है.
दिल्ली के डॉ. विकास मौर्य (Dr. Vikas Maurya) ने कहा कि "आजकल हमें कोविड पॉजिटिव लोगों में बुखार, गले में खराश और खांसी जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं. युवा और बच्चों दोनों में कोविड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर लोगों में काफी हल्के लक्षण हैं. बच्चों में बुखार (Fever), खांसी (Cough), गले में खराश (Sore throat) और गले में दर्द (Throat pain) जैसे लक्षण सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं."
बच्चों में बना रहता है अधिक खतरा
संक्रमित होने के बाद शरीर में एंटीबॉडी डेवलप हो जाती हैं, जिससे दोबारा संक्रमित होने का खतरा कम हो जाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, बच्चों में संक्रमण विकसित होने का खतरा लगातार बना रहता है, क्योंकि वे अभी तक संक्रमित नहीं हुए हैं. लेकिन अभी तक बच्चों पर कोविड-19 का प्रभाव काफी कम रहा है.
बच्चों में दिख सकते हैं ये लक्षण
मुबई के डॉ. हरीश चाफले (Dr Harish Chafle) के मुताबिक, ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के कारण देश में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ओमिक्रॉन से बच्चे अभी इतने प्रभावित नहीं हैं जितने वयस्क इससे प्रभावित हो रहे हैं. लेकिन बच्चों में संक्रमण का अभी भी खतरा है, क्योंकि वे अभी तक इसकी चपेट में नहीं आए हैं. जैसा कि सभी जानते हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट काफी संक्रामक है और यह उन लोगों में तेजी से फैल रहा है जो कि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जा रहे हैं.
बच्चों में ओमिक्रॉन के जो लक्षण दिख रहे हैं, वे मुख्यत: शरीर में सांस लेने वाले मार्ग के संक्रमण (Respiratory tract infection) से जुड़े हैं. जैसे नाक बहना (Runny nose), गले में दर्द (Throat pain), शरीर में दर्द (Body ache), सूखी खांसी (Dry cough) और बुखार (Fever).
युवा निभाएं जिम्मेदारी
बच्चों को संक्रमण से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगह जाने से रोका जाए, घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाने को कहा जाए, घर आकर हाथ धोने के लिए भी कहा जाए. वहीं, वयस्कों की भी ये जिम्मेदारी बनती है कि वे भी मास्क पहनें और बच्चों की सुरक्षा के लिए भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से रोकें.
जहां तक बच्चों की सुरक्षा का सवाल है, हम जानते हैं कि मास्क पहनना ही सबसे अच्छा तरीका है, जिससे उन्हें किसी भी संक्रमण से बचा सकते हैं. इसलिए घर के सभी सदस्यों को ठीक तरीके से मास्क पहनना चाहिए, ताकि बच्चे भी सही तरीके से मास्क पहनना सीखें. इसके अलावा समय-समय पर हाथ साफ करें ताकि बच्चे आपको फॉलो करते हुए हाइजीन का ध्यान रखें.