Advertisement

Omicron In Delhi: दिल्ली में कब आएगा कोरोना का पीक? तेजी से बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्री ने दिया जवाब

Omicron Peak In Delhi: आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जनवरी के पहले दो दिनों में अगस्त से नवंबर के बीच दर्ज किए गए मामलों को भी पीछे छोड़ दिया है. सत्येंद्र जैन ने कहा कि ताजा जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली में टेस्ट किए गए कोरोना सैम्पल में 81 प्रतिशत में ओमिक्रॉन डिटेक्ट हुआ है.

दिल्ली में कब पीक पर होगा कोरोना? Omicron के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्री का जवाब (Photo: Reuters) दिल्ली में कब पीक पर होगा कोरोना? Omicron के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्री का जवाब (Photo: Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST
  • दिल्ली में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 6% पहुंचा
  • जनवरी के पहले 2 दिन अगस्त-नवंबर से ज्यादा मामले

Omicron Peak In Delhi: कोरोना वायरस का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट राजधानी दिल्ली के लिए नई मुसीबत बन गया है. कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को बताया कि शहर में पॉजिटिविटी रेट 6 प्रतिशत पहुंच चुका है. सरकार का कहना है कि दिल्ली में कोरोना के मामलों की संख्या एक सप्ताह में अपने पीक (Omicron Peak In Delhi) पर होगी.

Advertisement

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ने जनवरी के पहले दो दिनों में अगस्त से नवंबर के बीच दर्ज किए गए मामलों को भी पीछे छोड़ दिया है. सत्येंद्र जैन ने कहा कि ताजा जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली में टेस्ट किए गए कोरोना सैम्पल में 81 प्रतिशत में ओमिक्रॉन डिटेक्ट हुआ है. इसलिए शहर में तेजी से बढ़ते मामलों के पीछे ओमिक्रॉन को ही जिम्मेदार माना जा रहा है.

सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में कोविड-19 के 187 सैम्पल टेस्ट किए गए, जिनमें 152 (81 प्रतिशत) मामले ओमक्रॉन के पाए गए. सैम्पल टेस्ट रिपोर्ट में डेल्टा के केवल 8.5 प्रतिशत मामले ही सामने आए. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'इसका मतलब दिल्ली में अब ओमिक्रॉन फैल रहा है, जबकि यहां दूसरे वैरिएंट का जोखिम कम है.'

जैन ने कहा कि कोविड-19 के मामले बढ़े हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है क्योंकि बहुत ज्यादा लोगों में इसके गंभीर लक्षण नहीं देखे गए हैं और ना ही उन्हें अस्पताल में दाखिल करने की जरूरत महसूस हुई है. चूंकि ओमिक्रॉन के अधिकांश मामलों में इसके लक्षण नहीं दिख रहे हैं, इसलिए आइसोलेशन पॉलिसी बहुत कारगर साबित हुई है. कुछ लोगों को हल्के बुखार और कोल्ड की शिकायत हुई है, लेकिन ओमिक्रॉन में बहुत गंभीर मामले नहीं देखे गए हैं.

Advertisement

इससे पहले पत्रकारों से बातचीत में सत्येंद्र जैन ने ताजा कोविड-19 सैम्पल के आधार पर दिल्ली में ओमिक्रॉन के 84 प्रतिशत मामले होने का दावा किया था. उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में ओमिक्रॉन से संक्रमित अब तक किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं पड़ी है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'दिल्ली में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या तकरीबन 8,000 है और अस्पतालों में कुल 9,024 बेड में से केवल 3.4 प्रतिशत ही रिजर्व हैं.'

उन्होंने कहा कि अगर बेड ऑक्यूपेंसी रेट बढ़ता है तो और प्रतिबंध लगाए जाएंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ओमिक्रॉन 1 दिसंबर को इंफेक्टेड इंटरनेशनल पैसेंजर्स के जरिए भारत आया था. इसके बाद हमने इंटरनेशन पैसेंजर्स के लिए एयरपोर्ट पर ही RT-PCR टेस्ट की सुविधा करवा दी थी. यहां टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए लोगों को क्वारनटीन के लिए लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (LNJP) और कुछ प्राइवेट अस्पतालों में भेजा गया. कुछ पैसेंजर एयरपोर्ट पर नेगेटिव पाए गए, लेकिन घर लौटने के कुछ दिन बाद ही वे पॉजिटिव हो गए. इन लोगों का परिवार और संपर्क में आए लोग भी संक्रमित हुए.

उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार बार-बार केंद्र से इंटरनेशनल फ्लाइट को बंद करने का आग्रह कर रही है. उन्होंने कहा, 'सब जानते हैं कि ओमिक्रॉन भारत में पैदा नहीं हुआ है. ये विदेश से आया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इंटरनेशनल फ्लाइट बंद करने की मांग की है, लेकिन उन्होंने अब तक ऐसा नहीं किया है.'

Advertisement

जैन ने कहा, 'लोग पूछते हैं कि दिल्ली में इतनी सख्त पाबंदी क्यों लगाई गई है, जबकि बाकी राज्यों ने ऐसा नहीं किया. दरअसल दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है जहां अधिकांश इंटरनेशनल फ्लाइट पहले लैंड करती हैं. इसलिए यहां बाकी जगहों से ज्यादा सख्ती करना ही बेहतर है. अगर अस्पतालों में बेड ऑक्यूपेंसी रेट बढ़ता है तो हमें और सख्ती से नियम लागू करने होंगे.'

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली में 18 साल से ऊपर सभी इलिजिबल लोगों को वैक्सीन का कम से कम एक डोज दिया जा चुका है. शहर की तकरीबन 75 फीसद आबादी पूरी तरह वैक्सीनेटेड है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि वैक्सीनेशन के मामले में दिल्ली पहले स्थान पर है.'

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement