
अमेरिका में एक बेहद अहम सर्जरी की गई है, जो मेडिकल फील्ड में मील का पत्थर साबित हो सकती है. दरअसल, अमेरिका के न्यूजर्सी में सर्जनों ने कंबाइंड हार्ट पंप और सूअर की किडनी को एक महिला के शरीर में ट्रांसप्लांट किया है. यह पहला मौका है, जब कंबाइंड हार्ट पंप और सूअर की किडनी किसी इंसान को ट्रांसप्लांट किए गए हैं.
यह सर्जरी न्यूजर्सी के एनवाईयू लैंगोन में की गई है. दरअसल, न्यूजर्सी की ही रहने वालीं 54 साल की लीसा पिसानो को हार्ट फैल्योर और किडनी की लास्ट स्टेज की बीमारी थी. उन्हें नियमित डायलिसिस की जरूरत होती थी. लंबे समय से लीसा हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट कराने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन अमेरिका में अंगदान करने वालों की कमी होने के कारण उन्हें ऑर्गन नहीं मिल पा रहे थे.
'उम्मीद है पोते-पोतियों के साथ वक्त बिता पाऊंगी'
सर्जरी के बाद लीसा ने कहा कि जब पहली बार मुझसे इस ऑपरेशन के बारे में बात की गई तो मैंने कहा कि मैं बिल्कुल इसे आजमाना चाहूंगी. सर्जरी के बाद लीसा ने आईसीयू में अपने बिस्तर से ही मीडिया से बातचीत की. लीसा ने बताया कि वह सभी तरह के इलाज कराकर थक-हार चुकी थीं. इसलिए जब डॉक्टरों ने मुझे सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट करने के बारे में बताया तो मैंने सहर्ष ही इसे स्वीकार कर लिया. लीसा ने आगे कहा,'उम्मीद है कि अब मुझे अपने पोते-पोतियों के साथ वक्त गुजारने और उनके साथ खेलने का मौका मिलेगा.'
अमेरिका में ऑर्गन की डिमांड ज्यादा सप्लाई कम
बता दें कि अमेरिका में जितने लोग अंगदान करते हैं, उससे कहीं अधिक संख्या अंग लेने वालों की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में हर दिन 17 लोग ऑर्गन के इंतजार में मर जाते हैं. यहां किडनी की डिमांड सबसे ज्यादा और आपूर्ति सबसे कम है. ऑर्गन परचेस और ट्रांसप्लांट नेटवर्क के मुताबिक 2023 में करीब 27 हजार किडनी प्रत्यारोपित की गईं, लेकिन लगभग 89 हजार लोग उन अंगों की वेटिंग लिस्ट में थे.
पहले ट्रांसप्लांट के बाद 2 लोगों की हो गई थी मौत
जानकारी के मुताबिक 4 अप्रैल को लीसा के शरीर में हार्ट पंप औ र 12 अप्रैल को सूअर की थाइमस ग्रंथि के साथ जीन-एडिटेड सूअर किडनी लगाई गई. बता दें कि दुनिया में सबसे पहले सूअरकी किडनी किसी जीवित शख्स के रूप में 62 साल के रिक स्लेमैन को मार्च के महीने में मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में लगाई गई थी. जो इस महीने अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर भी पहुंच गए हैं. हालांकि, इससे पहले जब दो जीवित लोगों को सूअर की किडनी लगाई गई, तब कुछ ही हफ्तों के अंदर उनकी मौत हो गई थी.