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नीता अंबानी की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में शिरकत
रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन, श्रीमती नीता अंबानी, 15-16 फरवरी को अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित वार्षिक इंडिया कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत करेंगी। इस अवसर पर, वे हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व डीन और प्रसिद्ध शैक्षिक नेता नितिन नोहरिया के साथ चर्चा करेंगी।
भारत की संस्कृति और कला पर बातचीत
इस चर्चा के दौरान, नीता अंबानी भारतीय कला और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालेंगी। वे यह भी बताएंगी कि भारतीय संस्कृति और कला के ये पहलू कैसे भारत को आधुनिक दुनिया में एक मजबूत स्थान दिलाने में मदद कर सकते हैं।
कॉन्फ्रेंस का थीम: "भारत से दुनिया तक"
इस वर्ष के इंडिया कॉन्फ्रेंस का थीम "भारत से दुनिया तक" है। इसका उद्देश्य भारत की यात्रा को एक वैश्विक योगदानकर्ता के रूप में मनाना और यह समझना है कि भारतीय नवाचार, विचार और आवाजें कैसे वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए नए रास्ते बना रही हैं।
नीता अंबानी की वैश्विक भूमिका
नीता अंबानी ने विश्वभर में भारत की आवाज को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया है। वे भारत की सॉफ़्ट पावर को वैश्विक मंच पर लाने और कला, शिल्प, संस्कृति, खेल, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में भारत को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनका उद्देश्य भारत को एक आत्मविश्वासी देश के रूप में प्रस्तुत करना है, जो आधुनिकता और विकास के साथ-साथ गहरे मूल्य और परंपराओं में भी मजबूत है। साथ ही, वे ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ – 'दुनिया एक परिवार है' का संदेश फैलाने का प्रयास कर रही हैं।
भारत का वैश्विक मंच पर योगदान
इस वर्ष का इंडिया कॉन्फ्रेंस भारतीय व्यापार, नीति और संस्कृति पर एक वैश्विक मंच होगा, जिसमें 1000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह सम्मेलन भारत के अनूठे दृष्टिकोण को दुनिया भर में चर्चा में लाएगा, खासकर तकनीकी, जलवायु कार्रवाई, आर्थिक वृद्धि, लोकतंत्र, कूटनीति और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर। इसके माध्यम से यह भारत की यात्रा से मिलने वाली उन सीखों को उजागर करेगा जो दुनिया भर के देशों के लिए प्रासंगिक हैं।
कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य और महत्व
यह वार्षिक सम्मेलन एक छात्र-प्रेरित मंच है, जो भारत की विविधता, समृद्धि और उभरती वैश्विक शक्ति को प्रदर्शित करता है। 22 वर्षों से, हार्वर्ड के छात्र भारत के व्यापार, अर्थशास्त्र, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों को आमंत्रित करते हैं और उपस्थित लोगों को भारत के वर्तमान परिदृश्य और भविष्य की संभावनाओं पर एक सटीक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।