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वंतारा ने 41 विलुप्त घोषित स्पिक्स मैकॉ को ब्राजील में फिर से बसाने के लिए ACTP के साथ मिलाया हाथ

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वंतारा का विभिन्न संरक्षण कार्यक्रमों के जरिए भारत और दुनिया की विविध वन्यजीव विरासत के संरक्षण का प्रयास जारी है।

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:24 PM IST
  • इस पहल के तहत 29 जनवरी 2025 को ACTP के बर्लिन (जर्मनी) स्थित प्रजनन केंद्र से 41 स्पिक्स मैकॉ को ब्राजील के बाहिया स्थित एक रिलीज सेंटर में सफलतापूर्वक ट्रांसफर किया गया।
  • यह कार्यक्रम इस योजना की पिछली कामयाबियों का नतीजा है, जिसके तहत 2022 में 20 स्पिक्स मैकॉ को जंगल में फिर से लाया गया था और जिसकी वजह से 20 वर्षों में पहली बार जंगल में चूजे पैदा हुए थे-जो इस कार्यक्रम की उन्नति और इसके जबर्दस्त असर का प्रमाण है।
  • जहां उनके सेहत की पूरी जांच की गई ताकि ये पक्का किया किया जा सके वे ऐसी बीमारियों से सुरक्षित हैं

साल 2000 में विलुप्त घोषित की गई स्पिक्स मैकॉ (सायनोप्सिटा स्पिक्सी) प्रजाति (Spix's Macw-Cyanopsitta spixii) अब अपने प्राकृतिक आवास (ब्राजील) में फिर से बसाए जाने के अग्रणी प्रयासों को लेकर चर्चा में है। अनंत अंबानी के वंतारा की सहयोगी ग्रींस जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (GZRRC) ने इस प्रजाति को दुनिया में दोबारा बसने में मदद करने के लिए एसोसिएशन फॉर द कंजर्वेशन ऑफ थ्रेटेंड पैरट्स (ACTP) के साथ हाथ मिलाया है। 

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इस पहल के तहत 29 जनवरी 2025 को ACTP के बर्लिन (जर्मनी) स्थित प्रजनन केंद्र से 41 स्पिक्स मैकॉ को ब्राजील के बाहिया स्थित एक रिलीज सेंटर में सफलतापूर्वक ट्रांसफर किया गया। इस ग्लोबल रिइंट्रोडक्शन प्रोग्राम के एक अहम पार्टनर के रूप में, वंतारा ACTP को एक्सपर्ट गाइडेंस और अहम संसाधन उपलब्ध करा रहा है। वंतारा का लक्ष्य इस विलुप्त हो चुकी जंगली प्रजाति को ब्राजील के कैटिंगा बायोम में फिर से बसाने में मदद करना है।


यह कार्यक्रम इस योजना की पिछली कामयाबियों का नतीजा है, जिसके तहत 2022 में 20 स्पिक्स मैकॉ को जंगल में फिर से लाया गया था और जिसकी वजह से 20 वर्षों में पहली बार जंगल में चूजे पैदा हुए थे-जो इस कार्यक्रम की उन्नति और इसके जबर्दस्त असर का प्रमाण है। आप हॉलीवुड फिल्म Rio में स्पिक्स मैकॉ को मेन कैरेक्टर के रूप में पहचान सकते हैं।ब्राजील में ट्रांसफर के लिए चुने गए 41 स्पिक्स मैकॉ को उनकी वंशावली और स्वास्थ्य के आधार पर सावधानीपूर्वक चुना गया था। इस ग्रुप में 23 फीमेल, 15 मेल और 3 अनसैक्ड जुवेनाइल्स शामिल थे। कुछ को इस साल रिहाई की तैयारी कर रहे समूह में शामिल किया गया था, जबकि अन्य को प्रजातियों के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए प्रजनन कार्यक्रम में शामिल किया गया।

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ट्रांसफर से पहले पक्षियों को बर्लिन के प्रजनन केंद्र में 28 दिनों तक क्वॉरंटाइन किया गया था, जहां उनके सेहत की पूरी जांच की गई ताकि ये पक्का किया किया जा सके वे ऐसी बीमारियों से सुरक्षित हैं, जो ब्राजील के जंगली पारिस्थितिकी तंत्र पर असर डाल सकती हैं।
28 जनवरी को, मैकॉ ने अपनी यात्रा शुरू की और बर्लिन से एक चार्टर्ड फ्लाइट से उड़ान भरी और उसी दिन ब्राजील के पेट्रोलिना एयरपोर्ट पहुंचीं। लैंडिंग के बाद उन्हें तुरंत ही एक क्वारंटाइन केंद्र में ले जाया गया। यह पूरी प्रक्रिया  ACTP के दो अनुभवी पशु डॉक्टरों, एक रक्षक और वंतारा की GZRRC की एक विशेषज्ञ टीम की निगरानी में हुई। बिना रुकावट के ट्रांजिशन और जल्द क्लीयरेंस के लिए बॉर्डर पुलिस और फेडरल कस्टम्स ने एयरपोर्ट पर एक अस्थाई ऑफिस बनाया था। साथ ही पक्षियों और उनके साथ के स्टाफ के लिए एक विशेषज्ञ ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन स्थापित किया गया था।


ACTP के फाउंडर मार्टिन गुथ ने कहा, ‘’ACTP की ओर से हम अनंत अंबानी और वंतारा को स्पिक्स मैकॉ के रिइंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिल से आभार व्यक्त करते हैं। उनकी वित्तीय सहायता के अलावा वंतारा ने अपनी जो विशेषज्ञता हमसे साझा की वह इस विलुप्त जंगली प्रजाति के सफलतापूर्वक प्रजनन में अमूल्य रही। जैव विविधता बहाली और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए वंतारा की अटूट प्रतिबद्धता, उनके जुनून, संसाधनों और सहयोगात्मक नजरिया इस पहल की सफलता के लिए महत्वपूर्ण रही है। यह साझेदारी एक साझा दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता की शक्ति का उदाहरण है, और हमें उम्मीद है कि यह दुनिया भर में संरक्षण के प्रयासों को प्रेरित करेगी। हम वंतारा के साथ साझेदारी में अधिक से अधिक लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने के लिए तत्पर हैं।”

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2019 में ब्राजील में एक डेडिकेटेड रिलीज सेंटर स्थापित किया गया था, जिसके बाद 2020 में जर्मनी और बेल्जियम से 52 पक्षियों को यहां ट्रांसफर किया गया था। इस पहल में एक बड़ा क्षण 2022 में तब आया, जब 20 स्पिक्स मैकॉ को जंगल में छोड़ा गया, जिन्होंने अपेक्षित सर्वाइल रेट हासिल किया और सात जंगली चूजों का जन्म हुआ, जो दशकों में प्राकृतिक रूप से जन्मे पहले स्पिक्स मैकॉ थे। आत्मनिर्भर जंगली आबादी को बनाए रखने के लिए सालाना रिलीज अहम है, जिससे रिलीज सेंटर में नए पक्षियों का पहुंचा जारी रहे, जो कार्यक्रम की लंबी कामयाबी के लिए अहम है। 
वंतारा का विभिन्न संरक्षण कार्यक्रमों के जरिए भारत और दुनिया की विविध वन्यजीव विरासत के संरक्षण का प्रयास जारी है। इन कार्यक्रम में कैद में पाले गए गैंडों को सुरक्षित आवासों में पुनः लाना, प्रजनन और आवास बहाली के जरिए एशियाई शेरों की आबादी को मजबूत करना और एक सफल प्रजनन कार्यक्रम के जरिए चीतों की भारतीय जंगलों में वापसी शामिल है। स्पिक्स मैकॉ का रिइंट्रोडक्शन वंतारा की प्रजातियों की रिकवरी और इकोसिस्टम की बहाली की प्रतिबद्धता को दिखाती है, जोकि वैश्विक वन्यजीव संरक्षण में एक बड़ी उपलब्धि है।


 

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