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ताज महल तहखाने में क्या दबा है

परमहंस दास के हाथ में भगवा कपड़े में लिपटा ब्रह्मदंड था तो सुरक्षा में लगे सीआइएसएफ के जवानों ने रोक लिया.

आगरा ताजमहल आगरा ताजमहल
आशीष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2022,
  • अपडेटेड 3:35 PM IST

विवाद
अयोध्या की तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास 26 अप्रैल की शाम साढ़े पांच बजे अपने दो शिष्यों के साथ ताज महल देखने पश्चिमी गेट पर पहुंच गए. वे कई बार ताज महल को शिव मंदिर बता चुके हैं. परमहंस दास के हाथ में भगवा कपड़े में लिपटा ब्रह्मदंड था तो सुरक्षा में लगे सीआइएसएफ के जवानों ने रोक लिया. सुरक्षाकर्मियों ने ब्रह्मदंड गेट पर रखकर भीतर जाने का अनुरोध किया लेकिन परमहंस दास नहीं माने.

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करीब एक घंटे की गहमागहमी के बाद वे वापस लौटे और आरोप लगाया कि भगवा वस्त्र पहने होने के कारण उन्हें ताज महल के भीतर नहीं जाने दिया गया. परमहंस दास को धर्मदंड के साथ ताज महल में प्रवेश न देने के विरोध में 27 अप्रैल को पूरे दिन हिंदू संगठनों ने आगरा में विरोध प्रदर्शन किया.

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का पुतला फूंकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने भगवा कपड़े पहनकर धर्मदंड प्रतिकृति लेकर ताज महल के भीतर प्रवेश किया. 3 मई को परमहंस दास दोबारा आगरा पहुंचे. फतेहाबाद पर जेपी होटल के पास पुलिस ने परमहंस दास को रोक लिया.

उन्होंने 5 मई को तेजो महालय (ताज महल) में भूमि पूजन और शुद्धिकरण का ऐलान किया था. काफी अनुनय करने पर भी जब परमहंस दास नहीं माने तो पुलिस ने कीठम झील स्थित गेस्ट हाउस में नजरबंद कर दिया और बाद में उन्हें अयोध्या रवाना कर दिया गया. 

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नहीं खुलेंगे बंद कमरे
परमहंस का विवाद कुछ शांत पड़ा तो अगले दिन 4 मई को अयोध्या जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रजनीश सिंह ने इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ में यह याचिका दायर कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को आगरा में ताज महल के अंदर बंद 20 कमरों को खोलने का निर्देश देने की मांग की ताकि पता चल सके कि वहां हिंदू मूर्तियां या शिलालेख छिपे हैं या नहीं. इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ ने ताज महल के बंद कमरों का सर्वे कराने की याचिका खारिज कर दी. रजनीश सिंह की याचिका पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह उन मुद्दों को उठाती है जो न्यायोचित नहीं है. 

ताज या तेजोमहालय !
वर्ष 2017 में जब योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने तब राज्यसभा सांसद रहे विनय कटियार ने ताज महल का मुद्दा उठाया था. कटियार ने ताज महल को 'तेजोमहल’ बताते हुए योगी आदित्यनाथ को सलाह दी थी कि वे स्वयं ताज महल जाएं और वहां मौजूद हिंदू चिन्हों को स्वयं देख लें.

सात साल पहले हरिशंकर जैन ने आगरा के सिविल कोर्ट में ताज महल को ''लॉर्ड श्री अग्रेश्वर महादेव नगनाथेश्वर विराजमान तेजोमहालय मंदिर’’ घोषित करने की याचिका दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ ने ताज महल के बंद कमरों का सर्वे कराने की याचिका खारिज कर दी. तल्ख टिप्पणी में कोर्ट ने कहा कि यह उन मुद्दों को उठाती है, जो न्यायोचित नहीं है.

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