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ऐक्ट्रेस वामिका गब्बी की साउथ की फिल्मों के हिंदी रीमेक, अपनी सीरीज ग्रहण, विशाल भारद्वाज, अपने ड्रीम डायरेक्टर और ओशो के प्रति दीवानगी के बारे में राय.
आप साउथ, पंजाबी और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रही हैं. इन दिनों साउथ की फिल्में हिंदी पट्टी में भी खूब चल रही हैं. क्या आप इसे हिंदी इंडस्ट्री पर साउथ की फिल्मों के प्रेशर के रूप में देखती हैं?
यह पॉजिटिव प्रेशर है. मैं तो खुश हूं कि साउथ की फिल्में अब सब लोग देख पा रहे हैं. वे हमेशा से अच्छी फिल्में बनाते रहे हैं. लोग अब ओटीटी प्लेटफॉर्म की वजह से साउथ की फिल्मों के डब वर्जन देख पा रहे हैं. हिंदी में अब और अच्छी फिल्में बनेंगी.
लेकिन इस समय जब साउथ की फिल्में खूब कमाई कर रही हैं तो आपने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में दिलचस्पी बढ़ा ली है.
ऐसा कुछ नहीं है. इस साल मैं हिंदी के अलावा साउथ और पंजाबी की फिल्में भी कर रही हूं. साउथ की फिल्में इसलिए करती हूं क्योंकि् उनमें कुछ अलग कंटेंट होता है. ऐक्टर के लिए भाषा कोई दीवार नहीं होती. हिंदी में नेटफ्लिक्स के लिए साक्षी तंवर के साथ माई सीरीज है. दो प्रोजेक्ट विशाल भारद्वाज के निर्देशन में कर रही हूं. वे अमेरिकन एंथोलॉजी की सीरीज मॉडर्न लव के हिंदी वर्जन का एक एपिसोड कर रहे हैं. उसमें मैं भी हूं.
आप रणबीर सिंह की बड़े कैनवस वाली फिल्म ’83 और वेब सीरीज ग्रहण का हिस्सा भी रही हैं. इनमें निभाए किरदारों से आपके करियर पर भला क्या फर्क पड़ा?
फिल्म ’83 में मैंने क्रिकेटर मदन लाल की पत्नी अनु लाल का किरदार किया था. पहला लॉकडाउन खुलने के बाद मैंने अपनी पहली वेब सीरीज ग्रहण शूट की थी. उसी ने तो मेरा करियर सेट कर दिया. उसी की वजह से आज मैं हिंदी सिनेमा में काम कर रही हूं.
कोई ड्रीम डायरेक्टर जिसके साथ काम करने की दिली ख्वाहिश हो?
इम्तियाज अली के साथ काम करने की बड़ी तमन्ना है दिल में. मैंने जिंदगी में जिस पहली बड़ी फिल्म का सेट देखा वह इम्तियाज की ही जब वी मेट का था. इस फिल्म में मैं करीना कपूर की कजिन बनी थी. तब मैं आठवीं में पढ़ती थी. अब जब मैं मेनस्ट्रीम में हूं तो मुझे लगता है कि वह बड़ा खूबसूरत लम्हा होगा जब मैं दोबारा उनके साथ काम करूंगी.
आप ओशो की दीवानी बताई जाती हैं.
जी. मैं ओशो को बहुत सुनती हूं. मेरे डैड (साहित्यिक पत्रकार गोवर्धन गब्बी) भी उनके फैन रहे हैं. विशाल के साथ काम करते हुए मैंने ओशो को भी थोड़ा एक्सप्लोर किया है. उनकी पत्नी रेखा भारद्वाज भी ओशो को फॉलो करती हैं. ओशो दरअसल जिंदगी के बारे में, नेचर के बारे में बात करते हैं और वे बातें आपको गहरे तक छूती हैं.