
लॉकडाउन में ब्लड बैंक किस कदर खून की कमी से जूझ रहे हैं, इसकी एक बानगी वाराणसी शहर में देखिए. लॉकडाउन के बीते डेढ़ माह में रक्तदान का एक भी शिविर न लगने की वजह से शहर के तीन प्रमुख ब्लड बैंक खून की कमी के शिकार हो गए हैं. 36 सौ यूनिट खून की क्षमता वाले इन बैंकों में अभी एक तिहाई 1,098 यूनिट ही खून है. बनारस में जिला अस्पताल, कबीर चौरा के मंडलीय अस्पताल और आइएमए के ब्लड बैंक की कुल क्षमता 3,600 यूनिट है. तीन सौ यूनिट वाले जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रविवार, 3 मई तक 50 यूनिट ब्लड था. वहां प्रति दिन चार-पांच यूनिट ब्लड की जरूरत है. मंडलीय अस्पताल के ब्लड बैंक की भी क्षमता 300 यूनिट है. वहां अभी 98 यूनिट ब्लड है. वहां प्रति दिन 8-10 यूनिट ब्लड की मांग है. आईएमए ब्लड बैंक की क्षमता तीन हजार यूनिट है. वहां अभी 950 यूनिट ब्लड है. आईएमए में हर रोज 50-60 यूनिट ब्लड की डिमांड है.
ऐसी ही स्थिति के कारण लखनऊ के ब्लड बैंक भी खून की आस ताक रहे हैं. लॉकडाउन के बाद से लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कालेज (केजीएमयू) के ब्लड बैंक में खून की मांग में आधी से ज्यादा की गिरावट आई है, लेकिन बैंक का स्टॉक 75 फीसद से ज्यादा खाली हो गया है. संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआइ) में इलेक्टिव सर्जरी बंद होने से मांग 30 फीसद गिरी है लेकिन यहां भी का ब्लड बैंक आधा से ज्यादा खाली हो गया है.
इसी तरह लखनऊ के राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का ब्लड बैंक भी आधे से ज्यादा खाली है. केजीएमयू में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ. तूलिका चंद्रा बताती हैं, “पहले केजीएमयू के ब्लड बैंक में चार हजार यूनिट तक खून रिजर्व में रहता था लेकिन अब एक हजार यूनिट खून ही स्टॉक में बचा है. डिमांड कम होने के बावजूद आवक न होने से स्टॉक में तेजी से कमी आई है.” वर्तमान में केजीएमयू के ब्लड बैंक में बी पाजिटिव खून 25 फीसद है तो ए पाजिटिव 15 फीसद और एबी पाजिटिव महज दो फीसद. वहीं ओ पाजिटिव खून 58 फीसद है. ओ पाजिटिव खून दूसरे ग्रुप के मरीजों को भी दिया जा सकता है ऐसे में ए या बी ग्रुप का खून कम होने पर ओ पाजिटिव खून देकर काम चलाया जा रहा है.
सबसे ज्याद कमी निगेटिव ब्लडग्रुप वाले खून की है. लॉकडाउन में ब्लड बैंक में खून की कमी को दूर करने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान को प्रोत्साहित करने की योजना बनी है. पीजीआइ और केजीएमयू ने रक्तदान के इच्छुक लोगों के लिए एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया है. इस पर संपर्क करते ही रक्तदाता का ईपास बनाया जाएगा और वह पीजीआइ या केजीएमयू जाकर रक्तदान कर सकेगा. वहीं शासन ने ब्लडबैंक के अपाइंटमेंट लेटर को भी पास के तौर पर स्वीकृत किया है. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इसके लिए सभी जिलों के डीएम-कमिश्नर को पत्र जारी किया है.
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