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केजीएमयू ने बिना एंटीबायोटिक के ठीक किया कोरोना मरीज

कोरोना पीड़ित महिला डाक्टर का महंगी दवाएं, इंजेक्शन के बगैर हुआ इलाज, इलाज के शुरुआत छह दिन नहीं दी गई कोई दवा.

फोटोः आशीष मिश्र फोटोः आशीष मिश्र
आशीष मिश्र
  • लखनऊ,
  • 22 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

कनाडा से लखनऊ आई कोरोना सं‌क्रमित महिला को 11 मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) में भर्ती कराया गया था. कोरोना मरीज के भर्ती होने के बाद मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों के लिए इसका इलाज करना जीवन का पहला अनुभव था.

डॉक्टर इस बात पर असमंजस में थे कि कोरोना पीड़ित महिला को शुरुआत से ही फेफड़े और श्वास तंत्र में संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं शुरू की जाएं या फिर पहले और लक्षणों पर नजर रखी जाए.

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चूंकि एंटीबायोटिक दवाओं के कुछ साइडइफेक्ट भी थे ऐसे में डाक्टरों ने पहले मरीज को आइसोलेशन में रखकर उसके लक्षणों पर नजर रखना शुरू किया.

केजीएमयू में महिला का इलाज कर रहे मेडिसिन विभाग के डॉ. सुधीर वर्मा बताते हैं कि पहले पांच दिन कोरोना पीड़ित महिला को कोई दवा नहीं दी गई हालांकि उसके लक्षणों की लगातार निगरानी की जा रही थी. 17 मार्च को महिला को हल्का बुखार आया. इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने आपस में मशविरा कर स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली एक-एक टेमिफ्लू टैबलट सुबह-शाम पीड़ित महिला को देना शुरू किया. इसके अलावा कोई और दवा नहीं दी गई.

चार दिन यानी 20 मार्च तक महिला को टेमीफ्लू दी गई. इसके बाद जब पीड़ित महिला को बुखार और संक्रमण से कुछ राहत मिला तो इनके सैंपल की जांच की गई. कोरोना सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आते ही केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के डाक्टरों ने राहत की सांस ली. इसके बाद एक दूसरा सैंपल भ्‍ज्ञी जांच के लिए भेजा गया. इस रिपोर्ट के भी निगेटिव आते ही डाक्टरों ने २१ मार्च को कोराना पीड़ित महिला को ‌अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया.

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डॉ. सुधीर वर्मा बताते हैं “ कोरोना से ठीक होने के बावजूद महिला को अगले 14 दिन तक होम कोरंटाइन में रहने को कहा गया है.”

महिला डॉक्टर के डिस्चार्ज होने के बाद केजीएमयू में अभी सात और कोरोना संक्रमित भर्ती हैं. इनमें एक मरीज महिला डॉक्टर का चचेरा भाई है, जो अब लगभग ठीक होने वाला है. डॉक्टरों के मुताबिक, रिपोर्ट निगेटिव आते ही उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. केजीएमयू में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. सूर्यकांत बताते हैं “केजीएमयू और यूपी के अन्य सरकारी अस्पताल पिछले कई वर्षों से स्वाइन फ्लू और अन्य जटिल फ्लू का सफलता पूर्वक इलाज कर रहे हैं, यही अनुभव कोरोना के इलाज में भी काम आया है”

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