छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शहीद हुए जवान गोपाल शर्मा का पार्थिव शरीर जहानाबाद के कल्पा गांव पहुंचा, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ. शहीद बेटे की एक झलक पाने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. हर आंखों में आंसू छलक पड़े. आखिरी विदाई देने पहुंचे सीआरपीएफ के अधिकारी और जवानों ने शहीद को सलामी दी. (इनपुटः सैयद मुशर्रफ ईमाम)
जैसे ही शहीद गोपाल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कल्पा पहुंचा, तो पूरे गांव में कोहराम मच गया. शहीद बेटे का शव देख मानो मां का कलेजा फट पड़ा. पिता का दिल रो रहा था, आंखों के आंसू भी सूख चुके थे. अपने लाल के शव को देखकर परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे.
अपने वीर सपूत की एक झलक देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. बताया गया है कि 24 वर्षीय गोपाल शर्मा की दिसंबर में शादी होने वाली थी. घरवाले शादी की तैयारी कर रहे थे. गोपाल ने घरवालों को बताया था कि जल्द ही छुट्टी लेकर घर आ जाएंगे. गोपाल के शहीद होने की खबर मिली, तो घरवालों के सारे सपने टूट गए.
परिजनों ने बताया कि तीन वर्ष पहले ही गोपाल शर्मा की सीआरपीएफ में ज्वाइनिंग हुई थी. फिलहाल उनकी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ में थी. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा बिछाए गए बिजली के तार की चपेट में आ गए, जिससे वे बुरी तरह झुलस गए. उपचार के दौरान उनका निधन हो गया.
ग्रामीणों ने बताया कि शहीद गोपाल शर्मा के परिजन और रिश्तेदार अब उनकी शादी की तैयारियों में लगने वाले थे. उनके लिए रिश्ते खोजे जा रहे थे. गांव के लोग इस उम्मीद में थे कि जल्द ही गोपाल घोड़ी चढ़ेंगे लेकिन आज वो शहीद हो चुके हैं. पूरा गांव गमगीन है.