
बिहार की नीतीश सरकार ने एससी, एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए मौजूदा कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर कुल 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव पारित किया है. इसी शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में इस पर एक विधेयक लाया जाएगा. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में बयान दिया. नीतीश कुमार ने यह दांव 2024 के चुनाव से कुछ महीने पहले खेला है. इसे राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है. नए प्रस्ताव से बिहार में नौकरियों का आंकड़ा भी बदल जाएगा. जानिए कैसे...
बिहार सरकार ने जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, उसमें ओबीसी और ईबीएस के आरक्षण को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर संयुक्त रूप से 43 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत करने का फैसला लिया है. ईडब्ल्यूएस के लिए कोटा मौजूदा 10 फीसदी ही रहेगा. जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि राज्य की कुल आबादी 13.07 करोड़ है. ओबीसी (27.13 प्रतिशत) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (36 प्रतिशत) की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है. जबकि एससी और एसटी कुल मिलाकर 21 प्रतिशत से थोड़ा ज्यादा है. सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 फीसदी है. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में करीब 2.97 करोड़ परिवार हैं, इनमें से 94 लाख से ज्यादा (34.13 प्रतिशत) लोगों की 6,000 रुपये या उससे कम मासिक आय है.
'नीतीश का पिछड़ा वर्ग पर खास फोकस'
बिहार सरकार के नए फैसले के तहत 84 फीसदी आबादी को 65 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. दरअसल, राज्य में पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 63 फीसदी है. इसके अलावा, एससी-एसटी की आबादी 21 प्रतिशत से ज्यादा है. इन वर्गों की राज्य में कुल आबादी 84 फीसदी होती है. नीतीश सरकार ने भी इन पिछड़ा वर्ग पर खास फोकस किया है. यही वजह है कि 63 फीसदी वाले पिछड़ा-अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 43 प्रतिशत और 21 प्रतिशत वाले एससी-एसटी वर्ग को 2 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है. 10 प्रतिशत आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार को मिलेगा.
बिहार में अभी क्या है आबादी और नौकरी में हिस्सेदारी?
बिहार सरकार ने मंगलवार को विधानसभा के पटल पर राज्य के आर्थिक और शैक्षणिक आंकड़े रखे हैं. सरकार ने यह भी बताया कि राज्य की सरकारी नौकरियों में किस वर्ग की कितनी हिस्सेदारी है. बिहार में सामान्य वर्ग की आबादी 15 प्रतिशत है और सबसे ज्यादा 6 लाख 41 हजार 281 लोगों के पास सरकारी नौकरियां हैं. नौकरी के मामले में दूसरे नंबर पर 63 फीसदी आबादी वाला पिछड़े वर्ग है. पिछड़ा वर्ग के पास कुल 6 लाख 21 हजार 481 नौकरियां हैं. तीसरे नंबर पर 19 प्रतिशत वाली अनुसूचित जाति है. एससी वर्ग के पास 2 लाख 91 हजार 4 नौकरियां हैं. सबसे कम एक प्रतिशत से ज्यादा आबादी वाले अनुसूचित जनजाति वर्ग के पास सरकारी नौकरियां हैं. इस वर्ग के पास कुल 30 हजार 164 सरकारी नौकरियां हैं. अनुसचित जनजाति की आबादी 1.68% है.
नौकरी में कैसे बदल जाएगा आंकड़ा...
बिहार में सामान्य वर्ग के पास सबसे ज्यादा 6 लाख 41 हजार 281 नौकरियां हैं. जबकि आबादी के मामले में यह वर्ग चौथे स्थान पर है. सबसे ज्यादा अत्यंत पिछड़ा वर्ग (36.0148%), उसके बाद पिछड़ा वर्ग (27.12%), फिर अनुसूचित जाति (19.6518%), सामान्य (15.5%) और अनुसूचित जनजाति (1.68%) है. सरकार ने नए आंकड़े आने के बाद आरक्षण व्यवस्था भी बदल दी है. पिछड़ा वर्ग से लेकर एससी-एसटी का आरक्षण लाभ बढ़ा दिया है. हालांकि, 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा. लेकिन, नई मंजूरी के बाद 18 प्रतिशत आरक्षण और बढ़ जाएगा. बिहार में EWS को छोड़कर अब तक 47 फीसदी आरक्षण लागू था. EWS के साथ यह आंकड़ा 57 फीसदी हो जाता था. अब नए रिवर्जेशन चार्ट से अन्य वर्गों का लाभ प्रतिशत भी बढ़ जाएगा.
अब तक किस वर्ग की कितनी आबादी और नौकरी में कितनी हिस्सेदारी
बिहार में सामान्य वर्ग के पास 6 लाख 41 हजार 281 नौकरियां
जाति | आबादी | आबादी प्रतिशत | कितने लोग सरकारी नौकरी में | प्रतिशत |
भूमिहार | 3750886 | 2.86% | 187256 | 4.9% |
ब्राह्मण | 4781280 | 3.65% | 172259 | 3.60% |
राजपूत | 4510733 | 3.45% | 171933 | 3.81% |
कायस्थ | 785771 | 0.60% | 52490 | 6.68% |
शेख | 4995897 | 3.82% | 39595 | 0.7% |
पठान | 986665 | 0.75% | 10517 | 1.07% |
सैयद | 297975 | 0.22% | 7231 | 2.42% |
#बिहार में पिछड़ा वर्ग के पास 6 लाख 21 हजार 481 नौकरियां
जाति | आबादी | आबादी प्रतिशत | कितने लोग सरकारी नौकरी में | प्रतिशत |
यादव | 1,86,50,119 | 14.27% | 289538 | 1.55% |
कुशवाहा | 5506113 | 4.21% | 112106 | 2.04% |
कुर्मी | 3762969 | 2.88% | 117171 | 3.11% |
बनिया | 3026912 | 2.32% | 59286 | 1.96% |
सुरजापुरी मुस्लिम | 2446212 | 1.87% | 15359 | 0.63% |
भाट | 121543 | 0.09% | 5114 | 4.21% |
मलिक मुस्लिम | 111655 | 0.08% | 1552 | 1.39% |
#बिहार में अत्यंत पिछड़ी जातियों के लोगों को कितनी सरकारी नौकरियां?
जाति | आबादी | आबादी प्रतिशत | कितने लोग सरकारी नौकरी में | प्रतिशत |
तेली | 3677491 | 2.81% | 53056 | 1.44% |
मल्लाह | 3410093 | 2.61% | 14100 | 0.41% |
कानू | 2892761 | 2.21% | 34404 | 1.19% |
धानुक | 2796605 | 2.14% | 33337 | 1.19% |
नोनिया | 2498474 | 1.91% | 14226 | 0.57% |
चंद्रवंशी | 2155644 | 1.65% | 31200 | 1.45% |
नाई | 2082048 | 1.59% | 28756 | 1.38% |
बढ़ई | 1895672 | 1.45% | 20279 | 1.07% |
हलवाई | 794752 | 1.40% | 9574 | 1.20% |
#अनुसूचित जाति में 291004 लोगों के पास सरकारी नौकरियां
जाति | आबादी | आबादी प्रतिशत | कितने लोग सरकारी नौकरी में | प्रतिशत |
दुसाध | 6943000 | 5.31% | 99230 | 1.44% |
चमार | 6869664 | 5.26% | 82290 | 1.20% |
मुसहर | 4035787 | 3.09% | 10615 | 0.26% |
पासी | 1288031 | 0.98% | 25754 | 2.0% |
धोबी | 1096158 | 0.83% | 34372 | 3.14% |
डोम | 263512 | 0.20% | 3274 | 1.24% |
#अनुसूचित जनजाति में 30 हजार 164 सरकारी नौकरी
जाति | आबादी | आबादी प्रतिशत | कितने लोग सरकारी नौकरी में | प्रतिशत |
संथाल | 576100 | 0.44% | 5519 | 0.96% |
गोंड | 528536 | 0.40% | 8401 | 1.59% |
उरांव | 200257 | 0.15% | 2120 | 1.06% |
थारू | 192050 | 0.14% | 3128 | 1.63% |
धर्म के आधार पर भी सामने आया आंकड़ा
धर्म | आबादी | प्रतिशत |
हिन्दू | 107192958 | 81.99% |
इस्लाम | 23149925 | 17.70% |
ईसाई | 75238 | 0.05% |
सिख | 14753 | 0.011% |
बौद्ध | 111201 | 0.0851% |
जैन | 12523 | 0.0096% |
अन्य धर्म | 166566 | 0.1274% |
कोई धर्म नहीं | 2146 | 0.0016% |
बिहार में किस वर्ग की कितनी आबादी?
वर्ग | आबादी | प्रतिशत% |
पिछड़ा वर्ग | 35463936 | 27.12% |
अत्यंत पिछड़ा वर्ग | 47080514 | 36.0148% |
अनुसूचित जाति | 25689820 | 19.6518% |
अनुसूचित जनजाति | 2199361 | 1.68% |
अनारक्षित | 20291679 | 15.5% |