
भागलपुर पुल हादसे के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने का दावा करने वाली नीतीश सरकार सवालों के घेरे में है. बिहार में लापरवाही और भ्रष्टाचार का ये पहला मामला नहीं है. अब एक अस्पताल के निर्माण में भी खराब सामग्री के इस्तेमाल का मामला सामने आया है.
राजधानी पटना से सटे हाजीपुर के लालगंज में बन रहे सरकारी अस्पताल के निर्माण में भी धांधली का आरोप लग रहा है. करोड़ों रुपये की लागत से लालगंज में 30 बेड का सरकारी अस्पताल बनना था. इस अस्पताल की लागत करीब 6 करोड़ 69 लाख रुपये हैं. इस भारी भरकम रकम से यहां तीन मंजिला सामुदायिक अस्पताल बनना था.
जून 2023 तक बनना था अस्पताल
इस अस्पताल के निर्माण का शिलान्यास दिसंबर 2022 में हुआ था और इसे जून 2023 में बन जाना था. करोड़ों रुपये की इस बिल्डिंग में अभी फाउंडेशन का काम ही हुआ है जिसके गुणवत्ता को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं.
जब घटिया निर्माण को लेकर मौके पर सवाल हुआ तो ठेकेदार और इंजिनियर एक दूसरे की तरफ देखने लगे. करोड़ों की लागत से बन रहे इस अस्पताल में जिस स्तर के मटीरियल का इस्तेमाल होना था उसकी जगह दोयम दर्जे का सरिया देकर इसे खड़ा कर दिया गया. अभी फाउंडेशन का काम ही पूरा हुआ है और पिलरों में दरारें आने लगी है. पिलर से सरिया बाहर निकल आया है.
इंजानियर ने मांगी माफी
इसको लेकर जब अस्पताल के निर्माण स्थल पर इंजीनियर से सीधा सवाल पूछा गया कि घटिया निर्माण से हादसा हुआ और लोगों की मौत हुई तो कौन जिम्मेदार होगा? इस पर इंजीनियर माफी मांगने लगे.
बेस्ट डिजाइन और इंजीनियरों की देख-रेख में बन रहे इस अस्पताल का फाउंडेशन ही ऐसा तैयार किया गया है जिसे देखकर लग रहा है कि यह इमारत दीवारों का बोझ भी नहीं संभाल सकता.
इस रियलटी चेक के दौरान कुछ लोग मौके पर नजर आये जो घटिया तरीके से तैयार किये जा रहे अस्पताल को लेकर बिफर गए. स्थानीय लोगों ने करोड़ों की लागत से बन रहे अस्पताल को लेकर कह दिया कि ये अस्पताल नहीं मौत का सामान बन रहा है. वहीं गुणवत्ता को लेकर जब सवाल उठे तो ठेकेदार और इंजीनियर एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ने लगे.