Advertisement

बिहार NDA में तालमेल नहीं! बोचहां उपचुनाव में हार के बाद फिर कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बोचहां उपचुनाव को एनडीए जीत सकती थी. अगर इस चुनाव से पहले बिहार एनडीए में बेहतर तालमेल रहता. तालमेल के अभाव में ये सीट चली गई.

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा से बड़ी मांग कर दी. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा से बड़ी मांग कर दी.
सुजीत झा
  • पटना,
  • 17 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:18 PM IST
  • जदयू के उपेंद्र कुशवाहा ने कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग उठाई
  • जीतनराम मांझी की पार्टी ने भी समर्थन किया, कहा- चेत जाए NDA

बिहार की राजनीति में बोचहां सीट पर विधानसभा का उपचुनाव सियासी मील का पत्थर साबित होने जा रहा है. सियासी पंडितों की मानें तो चुनाव परिणाम के बाद जदयू और बीजेपी में उथल-पुथल मच गई है और बहुत जल्द इसका गंभीर परिणाम जदयू और बीजेपी के रिश्ते पर दिखेगा. क्योंकि चुनाव परिणाम ने जहां बीजेपी को झटका दिया है. वहीं, जदयू अंदर ही अंदर खुश बताई जा रही है. 

Advertisement

हार के बाद जदयू के साथ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) यानी जीतन राम मांझी की पार्टी के स्वर भी बुलंद होने लगे हैं. इधर, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा से बड़ी मांग कर दी. उन्होंने जल्द से जल्द एनडीए के सुचारू रूप से संचालन के लिए कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग की है.

तालमेल के अभाव में उपचुनाव हारे: उपेंद्र 

उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बोचहां उपचुनाव में मिली हार से एनडीए को झटका लगा, ये कहना गलत है, लेकिन इस चुनाव को एनडीए जीत सकती थी. अगर इस चुनाव से पहले बिहार एनडीए में बेहतर तालमेल रहता. तालमेल के अभाव में ये सीट चली गई. इस चुनाव में जदयू-बीजेपी के अलावा अन्य एनडीए के सहयोगी दलों में कोऑर्डिनेशन की कमी दिखी. यदि ये कमी नहीं होती तो परिणाम कुछ और होता. 

Advertisement

बयानों से भ्रम में पड़ जाती है जनता 

कुशवाहा ने आगे कहा कि बिहार एनडीए में सबकुछ ठीकठाक है, फिर भी कमेटी बनाना जरूरी है. क्योंकि यदि कमेटी रहेगी तो समय रहते किसी भी बात पर एकमत होकर फैसला होगा. कई बार एनडीए के नेताओं के तरफ से कुछ ऐसे बयान आ जाते हैं, जिससे जनता भ्रम में पड़ जाती है. उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले कमेटी की मांग पर साफ तौर पर जोर दिया.

एनडीए को चेत जाना चाहिए: रिजवान 

इधर, जीतन राम मांझी के पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान का कहना है कि बोचहां चुनाव परिणाम के बाद उपेंद्र कुशवाहा की मांग में दम है. हम इसका समर्थन भी करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर एनडीए के घटक दलों में सबकुछ बेहतर होता तो ये चुनाव नहीं हारते. अभी से एनडीए नेताओं को चेत जाना होगा. आने वाले समय में हालात और भी खराब हो सकते हैं. इसलिए एनडीए बिहार में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाया जाना अनिवार्य है. 

केंद्रीय नेतृत्व करेगा फैसला: भाजपा 

इधर, हम और जदयू की मांग पर बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल की हमेशा की तरह प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए बेहतर कर रही है. अगर बिहार में किसी कमेटी की जरूरत होगी तो इसका फैसला बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा, जो केंद्रीय नेतृत्व करेगा वो सबको मंजूर होगा.

Advertisement

2013 से पहले तक थी कोऑर्डिनेशन कमेटी 

जानकारों की मानें तो बोचहां उप चुनाव में हार के बाद कमेटी बनाने की मांग उठना साफ तौर पर बताता है कि बिहार एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. जदयू के कुछ नेता नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं कि फिर से पुरानी परंपरा को बाहर लाना होगा. क्योंकि पहली बार जब बीजेपी जदयू की सरकार बिहार में थी, जो 2013 तक चली थी. उस समय बिहार में एक कोआर्डिनेशन कमेटी थी, जिसके संयोजक नंद किशोर यादव थे. 

गठबंधन की सरकार तो चल रही, संयोजक कोई नहीं 

जब नीतीश और लालू यादव एक साथ आ गए थे, तब ये कमेटी खत्म हो गई थी. लेकिन जब दोबारा नीतीश और बीजेपी एक मंच पर आए, तब से सरकार तो चल रही है, लेकिन कोई संयोजक नहीं है. इसलिए बोचहां उपचुनाव परिणाम के बाद एनडीए को स्मूथ तरीके से रन कराने के लिए कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग उठ रही है.

नीतीश के सहारे बिहार में राजनीति कर रही बीजेपी 

बोचहां की हार से एनडीए में बेचैनी है. बीजेपी नेताओं ने भले वीआईपी के विधायकों को तोड़ लिया है, लेकिन उन्हें ये पता चल गया कि आखिरी वक्त में किया गया परिवर्तन और सहयोगी दल से तालमेल नहीं करने का परिणाम आगे भी खतरनाक हो सकता है. हालांकि बीजेपी के पाले में अब भी ज्यादा विधायक हैं, लेकिन बीजेपी नीतीश की छवि को लेकर बिहार में राजनीति करती रही है. इस चुनाव में पूरी तरह से जदयू को एक तरह से अलग-थलग रखा गया और अब हार के बाद कमेटी बनाने की मांग उसी का परिणाम है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement