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PM पद के लिए JDU ने फिर नीतीश का नाम बढ़ाया, ललन सिंह बोले- वे आए तो लागू करेंगे 'नरेंद्र मोदी संविधान'

बिहार सरकार में मंत्री और जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के नेता जमा खान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि देश की जनता नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
रोहित कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 8:13 AM IST

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी I.N.D.I.A. गठबंधन दो अहम बैठकों का आयोजन कर चुका है और जल्द ही तीसरी बैठक मुंबई में होनी है. अभी तक गठबंधन में इस बात को लेकर चर्चा नहीं हुई है कि इस गठबंधन में पीएम पद का चेहरा कौन सा नेता होगा, हालांकि समय-समय पर कई तरह की अटकलें लगाई जाते रही है. इस बीच बिहार सरकार के एक मंत्री ने पीएम पद के लिए नीतीश कुमार का नाम आगे बढ़ाया है.

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'नीतीश को पीएम के रूप में देखना चाहती है जनता'

नीतीश कुमार कई मौकों पर कह चुके हैं कि वो प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं, वो केवल विपक्ष को एकजुट कर रहे हैं. इन सबके बीच मुंबई में होने वाली I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक से पहले जेडीयू ने एक बार फिर पीएम के लिए नीतीश कुमार का नाम आगे बढ़ाया है. बिहार सरकार में मंत्री और जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेता जमा खान ने कहा है कि देश की जनता नीतीश को प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहती है.

जमा खान के इस बयान के बाद एक बार फिर गठबंधन में पीएम के चेहरे को लेकर बहस छिड़ने के आसार हैं. जमा खान के बयान पर अभी तक सीएम नीतीश की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. 

ललन सिंह का पीएम पर निशाना

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नीतीश कुमार को पीएम बनाने की मांग के बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा, '...अगर वे(PM मोदी) 2024 में वापिस सत्ता में आ गए तो डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को बदलकर 'नरेंद्र मोदी संविधान' वे करने वाले हैं... उन्हें (PM मोदी) बताना चाहिए कि उन्होंने पिछले 9 सालों में देश में कौन-कौन से काम किए हैं?'

विपक्षी एकता के सूत्रधार रहे हैं नीतीश

दरअसल, नीतीश कुमार पिछले साल बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए थे. इसके बाद से वे बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हैं. I.N.D.I.A गठबंधन का ऐलान होने से पहले उन्होंने विभिन्न राज्यों में जा जाकर क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मुलाकात भी की थी. इसके बाद इसी साल जून में पटना में नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी. इसमें करीब डेढ़ दर्जन दलों के नेता शामिल हुए थे. इसके बाद इन विपक्षी नेताओं की बेंगलुरु में बैठक हुई जिसमें 26 दलों के नेता शामिल हुए और गठबंधन को इंडिया नाम दिया गया.  

जब नीतीश बोले- मेरा नाम जपने से बचें

कुछ समय पहले भी उनके प्रधानमंत्री पद के दावेदार होने को लेकर बयानबाजी हुई थी तब नीतीश कुमार ने कहा था कि मुझे प्रधानमंत्री बनने का कोई शौक नहीं है. लेकिन जेडीयू के कार्यकर्ताओं द्वारा इस मुद्दे पर लगातार पोस्टर बैनर या बयान बाजी चलती रहती है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं.

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इसी साल अप्रैल में उन्होंने जेडीयू कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, 'मैं आप सभी से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि देश के प्रधानमंत्री के रूप में मेरा नाम जपने से बचें. मैं 2024 के चुनाव के लिए बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने पर काम कर रहा हूं. इस तरह की बयानबाजी से हमारे उद्देश्य को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए मेरा नाम जपने से बचें.'

 

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