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औरंगाबाद में बेनामी खातों का पर्दाफाश, नोटबंदी के बाद खातों में जमा हुए लाखों

देश में नोटबंदी लागू होने के बाद एक तरफ लोगों को परेशानी तो हो रही रही है. वहीं दूसरी ओर कालेधन को सफेद करने की जुगत में भी लोग दिन-रात एक किए हुए हैं.

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सुजीत झा
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST

देश में नोटबंदी लागू होने के बाद एक तरफ लोगों को परेशानी तो हो रही रही है. वहीं दूसरी ओर कालेधन को सफेद करने की जुगत में भी लोग दिन-रात एक किए हुए हैं. नोटबंदी लागू होने के बाद से प्राप्त दिशा निर्देश पर पुलिस अपनी पैनी नजर जिले के बैंकों में चल रहे बेनामी खातों पर बनाए हुए थी. पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही थी कि किन बैंकों में कितने बेनामी खाते हैं और उसमें नोटबंदी लागू होने के बाद कितने रुपये जमा किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में औरंगाबाद पुलिस ने कई ऐसे बेनामी खातों का पर्दाफाश किया है, जिसमें लाखों रुपये नोटबंदी लागू होने के बाद जमा किए गए हैं.

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औरंगाबाद पुलिस ने जिले के कई प्रखंडों में स्थित बैंकों में दर्जनों बेनामी खातों का पर्दाफाश किया है, जिसमें करीब 22 लाख रुपये नोटबंदी लागू होने के बाद जमा किए गए. पुलिस द्वारा जांच में यह पाया गया कि ये सारे बेनामी खाते फर्जी पते और फर्जी आईडी प्रूफ के आधार पर बनाए गए हैं. पुलिस के अनुसार ये सारे बेनामी खाते नक्सलियों के हो सकते हैं जिसने नोटबंदी के बाद इन खातों में 500 और 1000 रुपये के नोच को जमा कराया है.

औरंगाबाद के पुलिस कप्तान सत्यप्रकाश के अनुसार अभी तक पुलिस ने जांच के क्रम में जिले के मदनपुर में 6, ढीबरा में एक और देव में तीन बेनामी खातों के संचालित होने का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि ये बेनामी खाते एसबीआई, पीएंडबी के साथ-साथ अन्य बैंकों में पाए गए हैं. एसपी सत्यप्रकाश ने बताया कि इन खातों के संचालन पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि पकड़े गए सारे बेनामी खाते नक्सल प्रभावित बैंकों में पाए गए हैं, इसलिए ये आशंका की जा रही है कि हो न हो ये सारे बेनामी खाते नक्सलियों द्वारा संचालित किए जा रहे हों. पुलिस द्वारा जिले के तमाम बैंकों में बेनामी खातों का पता लगाने के लिए अनुसंधान जारी है.

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औरंगाबाद पुलिस बैंकों में खोले गए जन-धन खातों पर भी नजर बनाए हुए हैं. ऐसा पाया जा रहा है कि नोटबंदी के बाद के बाद से जन-धन खातों में भी पहले की अपेक्षा नोटबंदी के बाद से लाखों रुपये जमा किए गए हैं. पुलिस इस बिंदु पर जांच कर रही है कि कहीं नक्सली जन-धन खाताधारकों को डरा धमका कर उसके खाते में पैसा तो नहीं जमा करा रहे हैं. पुलिस जिला प्रशासन को वैसे खातों के संचालन और उससे होने वाले लेन-देन पर रोक लगाने के लिए अनुशंसा करने जा रही है जिस जन-धन खातों में नोटबंदी के बाद से ज्यादा रुपये जमा कराए गए हैं.

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