
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के भाई निर्मल चौबे का भागलपुर के अस्पताल में निधन हो गया है. परिवार वालों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से उनकी मौत हुई. जिस समय उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, समय रहते उन्हें डॉक्टरों का ट्रीटमेंट नहीं मिला और उन्होंने दम तोड़ दिया. इस मामले में अस्पताल ने भी दो डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया है.
दो डॉक्टर सस्पेंड क्यों?
अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर असीम दास ने बताया कि मरीज को काफी गंभीर हालत में लाया गया था. पता चला था कि उन्हें हार्ट अटैक आया. अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने उन्हें प्राथमिक इलाज दिया था. जरूरी दवाई भी दी गई. उसके बाद उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया, लेकिन वहां पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. मैंने इसी वजह से दो डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया है. अब परिजन जरूर अस्पताल पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन क्योंकि अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है, ऐसे में कानूनी एक्शन नहीं हो सकता है.
अब निर्मल चौबे की मौत से परिवार गहरे सदमे में है. अस्पताल में करीब दो घंटे तक जमकर हंगामा हुआ है. परिजन लगातार आरोप लगा रहे हैं कि अगर समय रहते इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी. हालात को देखते हुए मौके पर पुलिस भी पहुंच गई थी. मामले को शांत करने की पूरी कोशिश की गई.
पुलिस ने क्या बताया है?
डीएसपी अजय कुमार चौधरी ने कहा कि हम तभी जांच करेंगे जब शिकायत दर्ज होगी. जिसने भी लापरवाही की होगी, उनके खिलाफ एक्शन होगा. अगर पीड़ित परिवार ने भी अस्पताल में हंगामा किया और उस वजह से डॉक्टर भागे, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. वैसे जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले ही अश्विनी चौबे के एक और करीबी का भी निधन हुआ था. बीजेपी नेता परशुराम चतुर्वेदी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. उनके निधन से अश्विनी चौबे काफी दुखी थे और मीडिया के सामने फूट-फूट कर रोए.
असल में बक्सर में केंद्रीय मंत्री द्वारा जो आंदोलन चलाया जा रहा था, उसमें परशुराम चतुर्वेदी ने सक्रिय भूमिका निभाई थी. इसी वजह से जब उनका निधन हुआ, अश्विनी चौबे टूट गए और रोने लगे.