
बिहार में रंगों का त्योहार होली कुछ लोगों के लिए मातम में तब्दील हो गया. राज्य के तीन जिलों में होली के जश्न के दौरान जहरीली शराब पीने से 25 लोगों की मौत हो गई. जहरीली शराब पीने से हुई मौत के बाद जश्न मातम में तब्दील हो गया. माना जा रहा है कि जहरीली शराब पीने से होने वाली मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है.
25 में से 10 मौतें सिर्फ राज्य के बांका जिले में हुई हैं. वहीं, कई लोग जहरीली शराब पीने से अस्पताल में भर्ती हैं. इन घटनाओं के बाद मृतक के परिजनों का कहना है कि सभी मौतें राज्य में छिपाकर बिकने वाली जहरीली शराब की वजह से हुई है.
वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर बांका के एसपी अरविंद कुमार गुप्ता का कहना है कि यह सभी मौतें जहरीली शराब पीने की वजह से हुई है इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है. सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असल वजह सामने आएगी.
भागलपुर में हुई मौत की प्रशासनिक पुष्टि नहीं
भागलपुर के नाथनगर इलाके के साहेबगंज में हुई मौतों के बाद परिजनों का कहना है कि सभी ने होली के दिन शराब का सेवन किया था. मृतक विनोद यादव की पत्नी ने कहा कि शराब पीने के बाद से ही उनके पति की तबीयत कुछ खराब होने लगी. जब तक लोग कुछ कर पाते विनोद ने दम तोड़ दिया. इस घटना में संदीप यादव, विनोद राय, मिथुन कुमार, नीलेश कुमार की मौत की पुष्टि हुई है. इसके अलावा एक युवक शराब पीने के बाद अस्पताल में भर्ती है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
नाथनगर के साहेबगंज में भी सामने आया मामला
विनोद सिंह के परिजनों के मुताबिक भागलपुर के नाथनगर के साहेबगंज मुहल्ले में होली की सुबह सभी लोग शराब की बोतल लेकर घर आए थे उसके बाद उन्होंने शराब पी. लेकिन कुछ ही देर बाद उनकी हालत खराब हो गई. सभी मृतक एक ही गांव के हैं. मृतकों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती करते वक्त डॉक्टरों ने साफ कहा है कि सभी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है. उन्होंने कहा इन मौतों के पीछे जहरीली शराब ही है. जबकि स्थानीय पुलिस के डीएसपी प्रकाश कुमार का कहना है कि अभी तक तीन मौत की ही पुष्टी हुई है. मौत क्यों और कैसे हुई इसके बारे में वह जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं.
इसी प्रकार मधेपुरा जिला के मुरलीगंज में 4 लोगों की संदिग्ध मौत हो गयी है. इन मौतों के पीछे का कारण भी जहरीली शराब बताया जा रहा है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार होली में जहरीली शराब पीने से 22 लोग बीमार हुए. जिन्हें बारी-बारी से मुरलीगंज पीएचसी और निजी अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाया गया. 3 मृतक एक गांव दिग्घी के बताये जा रहे हैं, जबकि एक मुरलीगंज मुख्य बाजार के वार्ड 9 के निवासी हैं. हालांकि शराब से मौत के बारे में पुलिस और परिजन इनकार कर रहे हैं, लेकिन हर शव को पुलिस आनन-फानन में रात के अंधेरे में जलाया गया है.