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आनंद मोहन के बेटे चेतन आज लेंगे आयुषी संग सात फेरे, वेन्यू पर सस्पेंस, सामने आईं हल्दी की तस्वीरें

बाहुबली नेता आनंद मोहन के बेटे चेतन की शादी आज आयुषी सिंह से होने जा रही है. आनंद मोहन की बेटे की शादी कहां से हो रही है इसका कुछ पता नहीं चल सका है. कहा जा रहा है कि चेतन की शादी में बिहार के सीएम नीतीश सहित कई बड़े नेता पहुंचेंगे.

परिवार के साथ आनंद मोहन. परिवार के साथ आनंद मोहन.
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 03 मई 2023,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST

बाहुबली नेता पूर्व सांसद आनंद मोहन (Former MP Anand Mohan) के बेटे चेतन आनंद की आज शादी होने जा रही है. हालांकि, अभी तक चेतन की शादी कहां से हो रही है इसकी जानकारी सामने नहीं आ पाई है. मगर, चेतन की हल्दी की रस्म की तस्वीरें सामने आई है. जिसमें आनंद मोहन पत्नी लवली और बहू-बेटे के साथ नजर आ रहे हैं. आनंद मोहन की होने वाली बहू का नाम आयुषी सिंह है और वह डॉक्टर हैं. वर्तमान में जयपुर निम्स में कार्यरत हैं.

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चेतन की शादी में शामिल होंगे कई नेता

चेतन आनंद के सगाई कार्यक्रम में बिहार के सभी एमएलए, एमएलसी व मंत्री शामिल होने की बात कही जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के भी पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. एक जमाने में आनंद मोहन के जानी दुश्मन रहे पप्पू यादव भी शादी समारोह में शामिल होंगे. आनंद मोहन अपने बड़े बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद की शादी के लिए पैरोल पर बाहर आए हैं.

परिवार के साथ आनंद मोहन

15 फरवरी को हुई थी आनंद की बेटी की शादी

इसी साल 15 फरवरी को पूर्व सांसद आनंद मोहन की बेटी सुरभि आनंद की शादी हुई थी. सुरभि की शादी में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी सहित अन्य पार्टियों के नेता भी पहुंचे थे.

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कौन है आनंद मोहन सिंह

कोसी की धरती पर पैदा हुए आनंद मोहन सिंह बिहार के सहरसा जिले के पचगछिया गांव के रहने वाले हैं. उनके दादा राम बहादुर सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे. राजनीति से उनका परिचय 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के दौरान हुआ. इसके लिए उन्होंने अपना कॉलेज तक छोड़ दिया. इमरजेंसी के दौरान उन्हें 2 साल जेल में भी रहना पड़ा. कहा जाता है कि आनंद मोहन सिंह ने 17 साल की उम्र में ही अपना सियासी करियर शुरू कर दिया था.

राजनीति में ऐसे रखा था कदम

ल 1990 में जनता दल (JD) ने उन्हें माहिषी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था. इसमें उन्हें जीत मिली थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विधायक रहते हुए भी आनंद एक कुख्यात सांप्रदायिक गिरोह के अगुआ थे, जिसे उनकी 'प्राइवेट आर्मी' कहा जाता था. ये गिरोह उन लोगों पर हमला करता था जो आरक्षण के समर्थक थे. 5 बार लोकसभा सांसद रहे राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के गैंग के साथ आनंद मोहन की लंबी अदावत चली. उस वक्त कोसी के इलाके में गृह युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई थी. जब सत्ता में बदलाव हुआ खासकर 1990 में, तो राजपूतों का दबदबा बिहार की राजनीति में कम हो गया था.

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