
बिहार के सबसे बड़े 1900 करोड़ के सृजन घोटाले में अभी तक कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. मामले में सलाखों के पीछे कई बैंक अफसरों से लेकर क्लर्क तक बंद हैं. मामले में सीबीआई अपना शिकंजा लगातार कसती जा रही है. सृजन घोटाले की मास्टरमाइंड मनोरमा देवी के निधन के बाद उनके आरोपी बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की संपत्ति पर 10 जनवरी को कोर्ट ने नोटिस दिया है.
गौरतलब है कि अमित कुमार और रजनी प्रिया दोनों को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर सीबीआई ने उनके पुराने आवास तिलकामांझी स्थित न्यू विक्रमशिला कॉलोनी में उनके तीन मकानों पर नोटिस चिपकाया है. सीबीआई ने 25 अगस्त 2017 को सृजन घोटाले की जांच शुरू की थी, जिसमें अभी तक कई बैंक के अधिकारियों से लेकर कलर्क व क्लर्क सलाखों के पीछे हैं. बता दें कि सृजन एनजीओ के खाते में ट्रांसफर की गई सरकारी राशि का बंदरबांट हुआ था.
इस घोटाले में तकरीबन 1900 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी. विकास के नाम पर भेजे गए पैसे को एनजीओ के अकाउंट में पहुंचाया गया था. इसमें सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल किया गया था. सृजन के पैसे को खपाने के लिए कई एनजीओ भी बनाए गए थे. अब सीबीआई सभी पर नकेल कस रही है.
मामले में सीबीआई की टीम के अधिकारियों ने बताया कि अभी सेक्शन 82 की प्रोसिडिंग के तहत कार्य किया जा रहा है. सृजन घोटाले के मुख्य आरोपी मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार और उनकी बहू रजनी प्रिया हैं. दोनों के खिलाफ कोर्ट का ऑर्डर भी जारी हुआ है. उसे आज उनके संपत्ति पर चिपका दिया गया है. साथ ही पब्लिक से अपील भी की जा रही है कि अगर इनके बारे में कोई भी जानकारी मिलती है तो लोकल पुलिस या सीबीआई को तुरंत जानकारी दें. वहीं, उन्होंने यह भी बताया कि फिर भी वे लोग कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो उनपर कठोर कार्रवाई की जाएगी.