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BJP को झटका देने में लगे थे कुशवाहा, RLSP में ही पड़ गई फूट

मोदी सरकार में मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी बीजेपी को झटका देने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उससे पहले ही उनकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) में फूट पड़ गई है. RLSP सांसद अरुण कुमार आज कुशवाहा  से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर सकते हैं.

उपेंद्र कुशवाहा और अरुण कुमार (फाइल फोटो) उपेंद्र कुशवाहा और अरुण कुमार (फाइल फोटो)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2018,
  • अपडेटेड 8:51 AM IST

बिहार में एनडीए के सहयोगी दल बीजेपी पर ज्यादा से ज्यादा सीटों को लेकर दबाव बनाने में जुटे हुए हैं. मोदी सरकार में मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी बीजेपी को झटका देने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उससे पहले ही उनकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) में फूट पड़ गई है. RLSP सांसद अरुण कुमार आज कुशवाहा  से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर सकते हैं.

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लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में एक और सियासी धमाका जहानाबाद से RLSP सांसद अरुण कुमार करने जा जा रहे हैं. पटना के एसके मेमोरियल हाल में एक बड़े कार्यक्रम में नई पार्टी के गठन का औपचारिक ऐलान किया जाएगा.

कुशवाहा वोट में सेंध लगाने की तैयारी

सूत्रों के मुताबिक अरुण कुमार की पार्टी का नाम और संगठन दोनों तैयार हो चुका है. नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय समता पार्टी (सेक्युलर) होगा. अरुण कुमार के करीबी और पूर्व विधान पार्षद अजय सिंह अलमस्त इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे और ओम प्रकाश बिंद पार्टी के बिहार अध्यक्ष होंगे.

बता दें कि अजय सिंह अलमस्त सांसद अरुण कुमार के सबसे भरोसेमंद और करीबी माने जाते हैं. अजय सिंह अलमस्त भी उपेंद्र कुशवाहा की तरह ही पिछड़ी जाति के कुशवाहा समाज से ही आते हैं.

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अजय सिंह अलमस्त के पिता मंजर लाल कुशवाहा भी अपने जमाने के बड़े नेता रहे हैं.इसी मद्देनजर उन्हें पार्टी की कमान सौंपकर बिहार की कुशवाहा समाज में पार्टी की पैठ बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

प्रदेश की कमान बिंद को

प्रदेश की कमान ओमप्रकाश बिंद जो कि अतिपिछड़ी जाति से आते हैं. बिहार में बिंद समाज का भी अच्छा खासा वोट हैं. मौजूदा समय में ये समाज नीतीश कुमार से साथ है. ऐसे में ओमप्रकाश बिंद को बिहार प्रदेश की कमान सौंपकर अति पिछड़ी जातियों को साधने की कोशिश है.

2014 में बनी RLSP

आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और अरुण कुमार की अदावत जगजाहिर है. हालांकि उपेंद्र कुशवाहा और अरुण कुमार ने मिलकर ही 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले आरएलएसपी की स्थापना की थी. उस वक्त कुशवाहा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अरुण कुमार बिहार प्रदेश के अध्यक्ष बनाए गए थे. इसका बाद ही बीजेपी के साथ मिलकर तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीटों पर जीत हासिल की थी.

2014 के लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा काराकाट लोकसभा से जबकि अरुण कुमार जहानाबाद से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे और तीसरी सीट सीतामढ़ी से रामकुमार वर्मा ने जीत दर्ज की थी.

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दोनों में दरार

लोकसभा चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी नई सरकार में उपेंद्र कुशवाहा को राज्य मंत्री बनाया गया था. राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी उनके पास ही रहा. आगे चलकर पार्टी के दोनों नेताओं में अनबन के बाद उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली आरएलएसपी ने अरुण कुमार को पार्टी से निलंबित कर दिया, जिसके बाद से ही अरुण कुमार एनडीए के भीतर रहते हुए अपने-आप को खड़ा करने में लगे हुए थे.

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