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बिहार में शराबबंदी पर विवाद तेज, आमने-सामने आ गई बीजेपी और JDU

बिहार में जहरीली शराब पीने से लगातार हो रही मौतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच नीतीश कुमार सरकार में सहयोगी बीजेपी ने भी इस कानून पर अब पुनर्विचार करने की मांग उठाई है.

शराबबंदी के विवाद पर आमने सामने बीजेपी- जेडीयू शराबबंदी के विवाद पर आमने सामने बीजेपी- जेडीयू
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 07 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:34 AM IST
  • शराबबंदी के विवाद पर आमने सामने बीजेपी-जेडीयू
  • शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार की बीजेपी ने उठाई मांग

बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच नीतीश कुमार सरकार में सहयोगी बीजेपी ने भी इस कानून पर अब पुनर्विचार करने की मांग उठाई है. बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद डॉ. संजय जयसवाल ने हाल के दिनों में ज़हरीली शराब पीने से हुई मौतों को लेकर कहा कि प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू हुए 6 साल बीत चुके हैं और अब इस पर एक बार पुनर्विचार करने की जरूरत है.

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बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि “एक बार तो इस कानून पर पुनर्विचार करने की जरूरत तो है ही. नीतीश कुमार के द्वारा शराबबंदी एक अच्छी पहल है जो एक अच्छे इरादे से की गई थी और महिलाओं के पक्ष में भी है. मेरा मानना है कि इस कानून को बने 6 साल हो चुका है और इस कानून की सफलता और असफलता पर विचार होना चाहिए.” डॉ. संजय जयसवाल ने बिहार में शराबबंदी कानून की पोल खोल दी और कहा कि राज्य में पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से शराब माफिया सक्रिय हैं जिसकी वजह से यह कानून प्रदेश में फेल हो चुका है.

उन्होंने आगे बताया कि जहां पर मजबूती से पुलिस काम कर रही है वहां पर कुछ घटनाएं हो रही हैं क्योंकि लोकल स्तर पर तीन नंबर का काम करने के कारण हो रहा है. मेरे लोकसभा क्षेत्र में स्थिति भयावह है और पुलिस प्रशासन के सहयोग से शराब का काम चल रहा है.

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बता दें कि पिछले 15 दिनों में मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण और समस्तीपुर में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई है जिसके बाद बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर हैं. ऐसे में बीजेपी की तरफ से उठी बिहार में शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार की मांग नीतीश सरकार के लिए आने वाले दिनों में टेढ़ी खीर साबित हो सकता है.

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