
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठना शुरू हो गया है कि क्या नीतीश कुमार पर 7वीं बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे? नीतीश कुमार के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि पिछले तकरीबन 25 साल से एनडीए में नीतीश कुमार की भूमिका बड़े भाई की रही है जबकि बीजेपी हमेशा से ही छोटे भाई की भूमिका में रहा है.
2020 विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब 74 सीटें जीतकर बीजेपी बड़ी पार्टी बन गई है और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड 43 सीट जीतकर छोटे भाई की भूमिका में आ चुकी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या छोटा भाई बनने के बाद भी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं ?
दरअसल, मंगलवार को जब चुनाव के नतीजे आ रहे थे और एनडीए में ज्यादा सीटें जीतकर बड़े भाई की भूमिका में पहुंच रही थी तो उसी दौरान बीजेपी के अनुसूचित जाति/जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अजीत चौधरी ने शगुफा छोड़ दिया जहां पर उन्होंने मांग की प्रदेश में अब बीजेपी का मुख्यमंत्री होना चाहिए.
बीजेपी मुख्यमंत्री बनने देगी या नहीं?
अजीत चौधरी ने “इस बार बीजेपी का हो मुख्यमंत्री” सोशल मीडिया पर लिखकर यह मांग उठाई. चुनाव के नतीजे स्पष्ट हो गए तो केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने को लेकर एक नया दांव चल दिया जिसको लेकर सवाल खड़े हो गए कि क्या बीजेपी नीतीश को मुख्यमंत्री बनने देगी या नहीं?
बीजेपी के बड़े भाई बनने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने को लेकर कहा कि नीतीश कुमार किसी भी नंबर पर बैटिंग कर सकते हैं, चाहे यहां या वहां. अगर वह चाहेंगे तो केंद्रीय नेतृत्व उनके केंद्र में आने पर फैसला करेगा. अश्विनी चौबे के इस बयान से एक बार फिर सवाल उठने लगे कि क्या बीजेपी नीतीश कुमार को केंद्र की राजनीति में ले जाकर खुद का मुख्यमंत्री बिहार में देना चाहती है.
नीतीश को जीत के लिए बधाई नहीं दी...
इसी बीच चुनाव में मिली जीत के बाद बुधवार देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 3 ट्वीट किए जहां पर बिहार की जनता को एनडीए को जनादेश देने के लिए धन्यवाद कहा मगर किसी भी ट्वीट में उन्होंने नीतीश कुमार को जीत के लिए बधाई नहीं दी.
चुनावी जीत को लेकर बीजेपी की तरफ से जिस तरीके की प्रतिक्रियाएं आईं उसके बाद संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई थी क्या नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे या नहीं ?
हालांकि, बुधवार को जनता दल यूनाइटेड के तरफ से भी नीतीश कुमार के समर्थन में जमकर बैटिंग हुई. पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने ऐलान कर दिया कि नीतीश कुमार दिवाली के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
दूसरी तरफ जनता दल यूनाइटेड के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने भी पूछा कि आखिर नीतीश कुमार दिल्ली क्यों जाएंगे? इन दोनों बयानों से जनता दल यूनाइटेड ने अपनी स्थिति साफ कर दी कि नीतीश कुमार जल्द ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
क्या बोले थे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा?
गौरतलब है कि बीजेपी ने चुनाव के दौरान इस बात की घोषणा कर दी थी कि नतीजे कुछ भी हों, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस बाबत बयान दिया था कि चुनाव में चाहे बीजेपी को ज्यादा सीटें आए और जनता दल यूनाइटेड को कम मगर उस हालात में भी नीतीश कुमार ही एनडीए के नेता होंगे और मुख्यमंत्री बनेंगे.
इस चुनाव में जनता दल यूनाइटेड को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली लोक जनशक्ति पार्टी भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के तौर पर समर्थन देने को तैयार नहीं है. चिराग पासवान की पार्टी ने चुनाव में 1 सीट जीती है मगर बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी कीमत पर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के लिए अपना समर्थन नहीं देंगे.
फडणवीस ने की वकालत
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार विधानसभा चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने भी नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने की वकालत की है और कहा है कि इस बात का ऐलान बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही कर दिया था.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हर पार्टी चाहती है कि उसका मुख्यमंत्री बने मगर अभी इस पर बयान देने से बेमतलब का विवाद खड़ा होगा. नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री नहीं बनने का कोई सवाल पैदा नहीं होता है.”