
बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष के चुनाव की कवायद शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विजय सिन्हा को प्रत्याशी बनाया है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ओर से अवध बिहारी चौधरी मैदान में उतरने वाले हैं. आपको बता दें कि पहले एनडीए की ओर नंद किशोर यादव को विधानसभा अध्यक्ष प्रत्याशी बनाने की अटकलें थीं.
सोमवार देर रात मंथन करने के बाद बीजेपी ने विजय सिन्हा के नाम पर मुहर लगा दी. बीजेपी के ऐलान के थोड़ी देर बाद ही आरजेडी ने भी अवध बिहारी चौधरी के नाम का ऐलान कर दिया है. सीटों के लिहाज से आरजेडी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है. इस वक्त विधानसभा में आरजेडी के 75, बीजेपी के 74 और जेडीयू की 43 सीटें हैं.
कौन हैं अवध बिहारी चौधरी
पिछड़ी जाति से आने वाले अवध बिहारी चौधरी की गिनती आरजेडी के सीनियर नेताओं में होती है. इस बार वह छठवीं बार सीवान सदर सीट से विधायक बने हैं. इससे पहले अवध बिहारी चौधरी 1985, 1990, 1995, 2000 और फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव में जीत चुके हैं. वह राबड़ी देवी सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं.
कौन हैं विजय सिन्हा
विजय सिन्हा पिछली सरकार में श्रम संसाधन मंत्री थे. वह लखीसराय से तीसरी बार लगातार विधायक चुने गए हैं. बीजेपी के खाटी कार्यकर्ता होने के साथ ही पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के करीबी हैं. मंत्री बनने से पहले प्रदेश प्रवक्ता के अलावा जिले से लेकर प्रदेश संगठन में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं.
(रिपोर्टर- उत्कर्ष सिंह)