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राजन तिवारी से सुनील पांडे और अनंत सिंह तक...जानिए अचानक क्यों चर्चा में आ गए बिहार के 4 बाहुबली?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपना नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई है. 16 अगस्त को बिहार में पहला कैबिनेट विस्तार हुआ था. इसके बाद से नीतीश कुमार बागी मंत्रियों को लेकर निशाने पर हैं. इसी बीच बिहार के चार बाहुबली भी अचानक चर्चा में आ गए हैं, आईए जानते हैं कि ये चार बाहुबली कौन हैं और क्यों चर्चा में हैं.

अनंत सिंह, आनंद मोहन, राजन तिवारी और सुनील पांडे (फाइल फोटो) अनंत सिंह, आनंद मोहन, राजन तिवारी और सुनील पांडे (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • पटना,
  • 19 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST

बिहार में इस महीने की शुरुआत में बड़ा राजनीतिक परिवर्तन हुआ. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपना नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई है. 16 अगस्त को बिहार में पहला कैबिनेट विस्तार हुआ था. 31 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई गई थी. इसके बाद से नीतीश कुमार बागी मंत्रियों को लेकर निशाने पर हैं. एक तरफ जहां अपहरण के मामले में आरोपी कानून मंत्री कार्तिकेय को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, तो दूसरी ओर कृषि मंत्री पर चावल घोटाले में शामिल होने का आरोप लग रहा है. इसी बीच बिहार के चार बाहुबली भी अचानक चर्चा में आ गए हैं, आईए जानते हैं कि ये चार बाहुबली कौन हैं और ये क्यों चर्चा में हैं.

बाहुबली नेता अनंत सिंह

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बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी महागठबंधन सरकार में कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाया गया है. इसे लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. आरोप है कि कार्तिकेय के खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया है, उन्हें जब कोर्ट में सरेंडर करना था, उस दिन ही उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली. इतना ही नहीं कार्तिकेय सिंह को बाहुबली नेता अनंत सिंह का करीबी माना जाता है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि जिस कार्तिकेय सिंह को मंत्री बनाया गया है, वह अनंत सिंह के दाहिने हाथ हैं. अनंत सिंह सजायाफ्ता हैं, जेल में बंद है.  सुशील मोदी ने इस मामले में नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा, क्या यह सब नीतीश कुमार को पता नहीं है. मुख्यमंत्री जब किसी को मंत्री पद की शपथ दिलाता है तो वह पूरा पुलिस वेरिफिकेशन कराता है कि कौन से मुकदमे हैं, क्या मुकदमे हैं? नीतीश तो बाढ़ मोकामा इलाके से ही आते हैं, फिर क्या उन्हें नहीं पता होगा कि कौन आदमी क्या है?

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आनंद मोहन

गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में सहरसा जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन भी नीतीश सरकार बनने के बाद से चर्चा में हैं. दरअसल, उनकी एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस फोटो में वे अपनी पत्नी और बेटे के साथ नजर आ रहे हैं. यह फोटो वायरल होने के बाद नीतीश सरकार की पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. बीजेपी ने तो इसे बिहार में जंगलराज की वापसी तक कह दिया. बताया जा रहा है कि आनंद मोहन को 12 अगस्त को सिविल कोर्ट में पेश करने के लिए पटना लाया गया था. लेकिन लौटते वक्त वह पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित आवास पर अपनी पूर्व सांसद पत्नी लवली आनंद, बेटे चेतन आनंद, जो राजद विधायक भी हैं और अपने समर्थकों से मिले. सवाल उठ रहे हैं कि कैसे आनंद मोहन, जिसे सहरसा से पटना लाया गया था, कैसे पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित अपने आवास पर पहुंच गए और परिवार और समर्थकों से मिल लिए.  

राजन तिवारी

बिहार के बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी को हाल ही में नेपाल भागते हुए गिरफ्तार किया गया था. पूर्व विधायक राजन तिवारी पर 25 हजार रुपये का इनाम था. दिसम्बर 2005 में उत्तर प्रदेश की एक कोर्ट से राजन तिवारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था. यूपी का डॉन रहे श्रीप्रकाश शुक्ला और राजन तिवारी के साथ चार अपराधियो पर गोरखपुर के कैंट थाना में 15 मई 1998 को गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी.

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राजन तिवारी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के सोहगौरा गांव के रहने वाले हैं. 90 के दशक के माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के संपर्क में आने के बाद राजन तिवारी का नाम कई अपराधों में सामने आया. इसके बाद उसकी गिनती बाहुबलियों में होने लगी. यूपी के महराजगंज की लक्ष्मीपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे वीरेंद्र प्रताप शाही पर हमले में भी राजन तिवारी का नाम आया था. इस घटना में माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला और राजन तिवारी समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया था.

इसके बाद राजन तिवारी ने बिहार का रुख किया और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए राजनीतिक जमीन तलाशने लगे. हालांकि, वीरेंद्र प्रताप शाही पर हमले के मामले में राजन तिवारी 2014 में बरी हो चुके हैं. राजन तिवारी बहुचर्चित माकपा विधायक अजीत सरकार के हत्याकांड में भी आरोपी रह चुके हैं. राजन तिवारी के अलावा इस मामले में पप्पू यादव भी सजा काट चुके हैं. हालांकि इस मामले में भी पटना हाईकोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया था. राजन तिवारी दो बार विधानसभा के लिए चुने गए. वह पूर्वी चंपारण के गोबिदगंज से लोजपा से विधायक रह चुके हैं. 

सुनील पांडे 

बिहार के बाहुबली नेता सुनील पाण्डेय को उत्तर प्रदेश पुलिस ने मिर्जापुर से गिरफ्तार किया था. सुनील पाण्डेय पर हत्याकांड में शामिल बदमाशों को आश्रय देने का आरोप है. पुलिस हत्याकांड में सुनील पाण्डेय की भूमिका भी जांच कर रही है. पुलिस के मुताबिक, सुनील पाण्डेय मिर्जापुर अष्टभुजा के दर्शन करने 14 अगस्त 2022 को विंध्यांचल आए थे. इसी बीच मंदिर में दर्शनार्थियों के बीच वाद-विवाद हुआ. उस दौरान 75 साल के कन्हैया प्रसाद को गोली मारकर बदमाश मौके से फरार हो गए. इसके बाद जब पुलिस ने बदमाशों को गिरफ्तार किया तो पता चला कि बदमाशों ने भागने के लिए सुनील पाण्डेय की ही गाड़ी का इस्तेमाल किया था. इस बारे में जब पुलिस ने सुनील पाण्डेय से पूछताछ की तो उन्होंने घटना में शामिल होने इनकार कर दिया. हालांकि, पुलिस इस मामले में सुनील पाण्डेय की भूमिका की जांच कर रही है. 

 

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