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छपरा-सीवान-बेगूसराय... बिहार के तीन जिलों में जहरीली शराब से अबतक 65 मौतें

बिहार के छपरा और सीवान के बाद अब बेगूसराय में भी शराब पीने से मौत का मामला सामने आया है. जिले में एक शख्स की मौत हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राज्य में अबतक जहरीली शराब से 65 लोगों की मौत हो चुकी है.

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
aajtak.in
  • बेगूसराय,
  • 16 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

बिहार के सारण और सीवान के बाद अब बेगूसराय में भी शराब पीने से मौत का मामला सामने आया है. जिले में एक शख्स की मौत हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राज्य में जहरीली शराब कांड के बाद बेगूसराय पुलिस तुरंत हरकत में आई और जांच पड़ताल की. पुलिस दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.  
 

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तेघरा डीएसपी रविंद्र मोहन प्रसाद के नेतृत्व में पुलिस इसकी जांच कर रही है. बीते 14 दिसंबर को शराब पीने से एक शख्स की मौत हुई थी, जबकि एक शख्स की तबीयत खराब होने के बाद उसे पटना रेफर किया गया है. पुलिस मृतक के साथ शराब पीने वाले 2 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. मृतक के साथ शराब पीने वाले शख्स ने बताया कि दिल्ली से वाइट बोतल में लाया गया था जिसे सभी ने बैठकर पी थी. उससे गले में भी जलन हो रही थी. 

बिहार में शराब से अबत 65 की मौत

बिहार में जहरीली शराब पीने से अबतक 65 लोगों की मौत हो चुकी है. छपरा में सबसे ज्यादा 60 लोगों की जान जहरीली शराब पीने से गई है. इसके अलावा सीवान में 4 और अब बेगूसराय में एक शख्स की मौत हुई है. हालांकि बेगूसराय में जिस शख्स की मौत हुई है, वो दिल्ली से शराब लेकर गया था. 

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शराब से मौत पर नहीं मिलेगा मुआवजा: नीतीश 

बिहार विधानसभा में बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा. नीतीश ने एक बार फिर कहा कि शराब पियोगे तो मरोगे. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपिता बापू के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं. दूसरे राज्यों में जहरीली शराब पीने से मौत हो रही हैं. बीजेपी ने शराबबंदी का समर्थन किया था.   

सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से किया इनकार 

बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. छपरा में हुईं मौतों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें एसआईटी से जांच कराने और पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की मांग की गई थी. 
(इनपुट- सौरभ) 

 

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