
बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बराबर सीटों पर लड़ने के फैसले का असर महागठबंधन पर भी देखने को मिल रहा है. दरअसल, राज्य के बड़े कांग्रेस नेता कौकब कादरी ने बीजेपी का उदाहरण देते हुए कहा है कि आरजेडी को भी महागठबंधन की बड़ी पार्टी होने के नाते कुर्बानी देनी चाहिए. हालांकि प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इसे कांग्रेस अधिकारिक बयान न मानते हुए खारिज कर दिया.
क्या कहा कांग्रेस नेता ने
कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा, ''गठबंधन में भी कांग्रेस और आरजेडी के बीच बराबर सीटों का बंटवारा होना चाहिए. इसके बाद जो सीट बचे हैं उसे सहयोगियों में बांट दें.'' वहीं तेजस्वी ने कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है, उसको आगे बढ़कर बात करनी चाहिए. हमने तो पहले ही कह दिया है कि एनडीए को हराने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को एक मंच पर आना चाहिए.
2014 लोकसभा चुनाव में क्या थे हालात
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से 27 पर आरजेडी और 12 पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था. एक सीट एनसीपी के खाते में गई थी. उस चुनाव में आरजेडी चार सीटों पर और कांग्रेस ने दो और एनसीपी ने एक सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार कई और पार्टियां महागठबंधन में शामिल हैं. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी ''हम'' के अलावा शरद यादव की पार्टी और पूर्व सांसद देवेन्द्र यादव की पार्टी शामिल हैं.इसके अलावा वामपंथी दलों के भी महागठबंधन में शामिल होने की सुगबुगाहट चल रही है.
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति
जाहिर है कि सीटों की स्थिति पहले वाली नहीं रहने वाली है. ऐसे में कांग्रेस भी सम्मानजनक सीट मांग रही है. कांग्रेस का तर्क है कि 2014 में उसके 4 विधायक हैं, जो 2015 के विधानसभा में बढ़ कर 27 हो गए. कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा का कहना है कि पार्टी आलाकमान अपने अन्य सहयोगियों से बैठकर सम्मानजनक हल निकाल लेगा.