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बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा कल से, जूता-मोजा बैन, जानिए क्या हैं गाइडलाइंस

पिछले 2 सालों से लगातार टॉपर स्कैम की वजह से बदनामी झेल रहे बिहार विद्यालय शिक्षा समिति के सामने एक बार फिर से वही चुनौती सामने है. 21 फरवरी से बिहार बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षाएं शुरू होने वाली है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

पिछले 2 सालों से लगातार टॉपर स्कैम की वजह से बदनामी झेल रहे बिहार विद्यालय शिक्षा समिति के सामने एक बार फिर से वही चुनौती सामने है. 21 फरवरी से बिहार बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षाएं शुरू होने वाली है. यह परीक्षाएं पिछले कई दशकों से कदाचार युक्त रहने के लिए बदनाम रहा है.

बता दें, कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए सख्ती दिखाई. इसकी वजह से 10 लाख से भी ज्यादा परीक्षार्थियों को बीच में ही परीक्षा से तौबा करना पड़ा. उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बिहार सरकार ने इस बार कुछ कड़े कदम उठाने के संकेत दिए हैं.

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जूते और मोजे पहनकर परीक्षा नहीं

2 दिन पहले बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने फरमान जारी करते हुए सभी 17.70 लाख परीक्षार्थियों को बताया कि परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में जूते और मोजे पहनकर ना आएं केवल चप्पल पहनकर आएं.

साथ ही बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने भी अखबारों में इश्तिहार के जरिए सभी परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों तक यह बात पहुंचा दी कि इस बार बिहार सरकार कदाचार मुक्त परीक्षा कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है.

28 फरवरी तक चलेंगी परीक्षा

21 फरवरी से शुरू होने वाली मैट्रिक की परीक्षा 28 फरवरी तक चलेंगी और यह परीक्षाएं दोनों पालियों में होगी. इस बार प्रदेश में 17.70 लाख परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा देंगे. पिछले 2 सालों की तरह इस बार किसी प्रकार की गड़बड़ी ना हो इसको लेकर बिहार बोर्ड के आला अधिकारी लगातार बैठकर कर रहे हैं. यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है की परीक्षा कदाचार मुक्त हो.

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सीसीटीवी और वीडियोग्राफी के जरिए निगरानी

सबसे महत्वपूर्ण बात है कि सभी 1426 परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी और वीडियोग्राफी के जरिए निगरानी रखी जाएगी. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने निर्देश जारी किया है कि प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर 3 सीसीटीवी और 500 परीक्षार्थियों पर एक वीडियो कैमरा लगाया जाएगा.

वहीं सभी परीक्षा केंद्रों में हर 25 परीक्षार्थियों पर 1 वीक्षक की तैनाती होगी. जो परीक्षा शुरू होने से पहले इस बात की जांच करेगा कि किसी भी परीक्षार्थी के पास कोई आपत्तिजनक सामग्री तो नहीं मौजूद है.

धारा 144 लागू

परीक्षा केंद्रों से अभिभावकों और शिक्षा माफिया के गुर्गों को दूर रखने के लिए भी तैयारी की गई है. बिहार बोर्ड ने इसको लेकर निर्देश जारी किया गया है कि सभी इस परीक्षा केंद्र से 200 मीटर की दूरी तक धारा 144 लागू रहेगी.

स्मार्ट फोन के इस्तेमाल करने पर रोक

इसके साथ ही परीक्षा केंद्रों पर किसी भी केंद्राधीक्षक, निरीक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों को स्मार्ट फोन के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई है. बिहार बोर्ड ने फैसला किया है कि परीक्षा केंद्रों पर सभी केंद्राधीक्षकों को साधारण फोन खरीदने के लिए 1200 रुपये दिए जाएंगे.

होगी एफआईआर दर्ज

पिछले दिनों में इंटर की परीक्षा के दौरान देखा गया था कि बायोलॉजी और फिजिक्स की परीक्षा शुरू होने से ही पहले व्हाट्सऐप पर वायरल हो गई थी. मैट्रिक की परीक्षा में एग्जाम शुरु होने से पहले कोई प्रश्न पत्र व्हाट्सऐप पर वायरल ना हो जाए इसको लेकर भी बोर्ड में इंतजाम किया गया है. इस प्रकार के किसी भी मैसेज को फॉरवर्ड करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और फिर कानूनी कार्रवाई होगी.

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गौरतलब है कि, पिछले साल भी मैट्रिक के परीक्षा के दौरान बिहार बोर्ड ने कड़े कदम उठाए थे. इसकी वजह से 65 फीसदी परीक्षार्थी फेल हो गए थे. बिहार बोर्ड में सभी परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के लिए बिहार पुलिस के अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को लगाया जाएगा.

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